अधिशोषण
किसी गैस, द्रव या विलेय ठोस के परमाणुओं, आयनों या अणुओं का किसी सतह से चिपकना अधिशोषण कहलाता है। अधिशोषण शोषण से अलग है कि शोषण में कोई द्रव किसी द्रव या ठोस में अंदर तक चला जाता है वह सिर्फ सतह तक नहीं रहता है। अधिशोषण में अधिशोषक की सतह पर अधिशोषित की एक फिल्म बन जाती है।
जब गैस या द्रव के अणु किसी वृहत क्स्जेटरफल वाले ठोस के संपर्क में आते हैं तो कभी-कभी गैस या द्रव के अणुओं की ठोस की सतह पर सांद्रता बाद जाती है। इस घटना को अधिशोषण कहते हैं।
अधिशोषण के उदाहरण
- जंतु चारकोल चीनी उद्योग में रंगीन पदार्थो का अधिशोषण कर लेता है।
- जल में परम्यूटिट विधि द्वारा Ca+2, Mg+2 आयन अधिशोषित हो जाते हैं तथा Na+ आयन मुक्त हो जाते हैं।
- अभ्रक धातु द्वारा नाइट्रोजन का अधिशोषण।
अधिशोषण के प्रकार
अधिशोषण दो प्रकार के होते हैं:
- भौतिक अधिशोषण
- रसायनिक अधिशोषण
अधिशोषण की क्रियाविधि
ठोस के पृष्ठ पर उपस्थित परमाणुओं या अणुओं में मुक्त संयोजकताएँ रहती हैं। ये मुक्त संयोजकताएँ अधिशोष्य अणुओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
अधिशोषण को प्रभावित करने वाले कारक
ताप का प्रभाव
ताप बढ़ाने पर भौतिक अधिशोषण का मान घटता है। चूंकि अधिशोषण एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रिया है। जबकि रासायनिक अधिशोषण का मान सर्वप्रथम बढ़ता है और फिर घटता जाता है।
दाब का प्रभाव
दाब बढ़ाने पर भौतिक अधिशोषण का मान बढ़ता जाता है।
पृष्ठ क्षेत्रफल का प्रभाव
जैसे जैसे पृष्ठ क्षेत्रफल बढ़ता जाता है अधिशोषण का मान बढ़ता जाता है।
अधिशोषण का उपयोग
- कार्बनिक यौगिकों के शोधन में
- जल के शोधन में
- मास्क बनाने में
- अक्रिय गैस को अलग करने में।
अभ्यास प्रश्न
- अधिशोषण से आप क्या समझते हैं ?
- अधिशोषण को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?
- अधिशोषण के उदाहरण दीजिये।