पदार्थ की अवस्थाएं
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अपने आस पास के पदार्थों को ध्यान से देखने पर आप पातें हैं कि आपके आस-पास तीन प्रकार के पदार्थ हैं कुछ पदार्थ ठोस के बनें हुए हैं कुछ द्रव् के और कुछ गैस के, तो क्या आप ये कह सकते हैं
पदार्थ की अवस्थाएं
पहले पदार्थ की केवल 3 अवस्थाओं के बारे में जानकारी थी लेकिन नई खोजों ने भौतिकी में 2 और पदार्थ की अवस्थाएँ[1] प्राप्त की हैं। तो आइए जानते हैं पदार्थ की 5 अवस्थाओं के नाम।
1. ठोस अवस्था
2. द्रव् अवस्था
3. गैस अवस्था
4. प्लाज्मा अवस्था
5. बोस आइंस्टीन कंडेंसेट
ठोस अवस्था
ठोस पदार्थ में परमाणु बहुत पास-पास होते हैं ये आपस में अन्तराणुक आकर्षण बल द्वारा आपस में जुडे रहते हैं ठोसों में रिक्त स्थान भी अत्यधिक काम होता है।
- ठोस[2] वे पदार्थ हैं जिनका एक निश्चित आकार वा निश्चित आयतन होता है।
- ठोस की सम्पीड्यता नगण्य होती है।
- बाह्य बल आरोपित करने पर भी ठोस का आकार नहीं बदलता।
- ठोस दृढ़ होते हैं।
उदाहरण- पेन, किताब, सुई और लकड़ी की छड़
द्रव् अवस्था
द्रव पदार्थ में परमाणु ठोस की अपेछा थोड़ा दूर दूर होते हैं द्रवों में रिक्त स्थान भी अत्यधिक काम होता है।
- द्रव वे पदार्थ हैं जिनका एक निश्चित आकार वा निश्चित आयतन होता है।
- द्रव वे पदार्थ हैं जिनका एक निश्चित आकार होता है लेकिन आयतन निश्चित नहीं होता है।
- द्रवों में बहाव होता है अतः इनका आकार बदलता रहता है।
- द्रव दृढ़ नहीं अपितु तरल होता है।
- द्रव में अणु ठोस की तरह बहुत पास पास नहीं होते अतः इनमे ठोसों की अपेछा रिक्त स्थान अधिक होता है।
- द्रव वे पदार्थ हैं जिनको जिस बर्तन में रखा जाता है ये उसका ही रूप ग्रहण कर लेते हैं।
उदाहरण- जल, दूध, जूस, शीतल पेय
गैसीय अवस्था
गैस में कण बहुत दूर दूर होते हैं अतः गैसीय अवस्था में कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीव्र होती है अपनी अनियमित गति के कारण कण बर्तन की दीवारों से टकराते हैं।
- गैसीय अवस्था में कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीव्र होती है।
- ठोस एवं द्रव की तुलना में गैसों की संपीड्यता काफी अधिक होती है।
उदाहरण- LPG (द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस), CNG (संपीड़ित प्राकृतिक गैस)