भूरी वलय परीक्षण

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ब्राउन रिंग टेस्ट एक रासायनिक परीक्षण है जिसका उपयोग नाइट्रेट आयनों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। एक विलयन में यह नाइट्रेट के लिए एक पुष्टिकरण परीक्षण है और अक्सर गुणात्मक विश्लेषण में किया जाता है। यह नाइट्रेटों समूह का परीक्षण है। इस परीक्षण में सामान्यतया नाइट्रेट आयन युक्त जलीय विलयन में तनु फेरस सल्फेट विलयन मिलाने के पश्चात् सावधानीपूर्वक परखनली की दीवार के सहारे सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल को मिलाया जाता है। विलयन तथा सल्फ्यूरिक अम्ल के अन्तरापृष्ठ पर एक भूरी वलय बनती है जो कि नाइट्रेट आयनों की उपस्थिति का संकेत देती है। परीक्षण के दौरान निम्न अभिक्रिया होती है:

सीरिक अमोनियम नाइट्रेट परीक्षण कार्बनिक यौगिक (= 0.2g) का उपयुक्त विलायक में बना 1 mL विलयन लेते हैं। सीरिक अमोनियम नाइट्रेट विलयन की कुछ बूँदें मिलाइ गई। इसमें लाल रंग प्राप्त होना ऐल्कोहॉली - OH समूह की उपस्थिति प्रदर्शित करता है । नोट - अभिक्रिया मिश्रण को कुछ समय रखने के बाद लाल रंग विलुप्त हो जाता है।

प्रक्रिया:

भूरी वलय का निर्माण:

नाइट्रेट आयन वाले नमूने को सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड H2SO4 की कुछ बूंदों के साथ मिलाया जाता है।

आयरन(II) सल्फेट (4 FeSO4) एसिड घोल के नीचे एक परत बनाने के लिए घोल को टेस्ट ट्यूब के किनारे सावधानी से डाला जाता है।

अवलोकन:

यदि मूल नमूने में नाइट्रेट आयन उपस्थित हैं तो एसिड और आयरन (II) सल्फेट परतों के जंक्शन पर एक भूरे रंग की वलय बनती है।

व्याख्या:

यदि भूरे रंग की वलय बनती है, तो यह मूल नमूने में नाइट्रेट आयनों की उपस्थिति को इंगित करता है।

यदि कोई भूरे रंग की वलय नहीं देखी जाती है, तो यह नाइट्रेट आयनों की अनुपस्थिति का पता चलता है।

ब्राउन रिंग टेस्ट नाइट्रेट आयनों का पता लगाने के लिए एक विशिष्ट और विश्वसनीय परीक्षण है, और इसका उपयोग आमतौर पर गुणात्मक विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला सेटिंग्स में किया जाता है।