डाई नाइट्रोजन
डाइ नाइट्रोजन का उत्पादन वायु के द्रवीकरण तथा प्रभाजी आसवन द्वारा किया जा सकता है। डाइनाइट्रोजन दो नाइट्रोजन परमाणुओं से बना एक द्विपरमाणुक अणु है। जबकि नाइट्रोजन गैस स्वयं मानक परिस्थितियों में अपेक्षाकृत निष्क्रिय और अक्रियाशील है, यह विभिन्न जैविक, औद्योगिक और पर्यावरणीय प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बनाने की विधि
प्रयोगशाला विधि
प्रयोगशाला में डाइ नाइट्रोजन बनाने के लिए अमोनियम क्लोराइड के जलीय विलयन की सोडियम नाइट्राट के साथ अभिक्रिया कराई जाती है।
इस अभिक्रिया में मुख्य उत्पाद डाइनाइट्रोजन गैस है और साथ ही NO तथा HNO3 बनते हैं। इन्हे अशुद्धि के रूप में जाना जाता है, इन अशुद्धियों को पोटेशियम डाइ क्रोमेट युक्त सुल्फरिक अम्ल के जलीय विलयन में प्रवाहित करते हैं। इस प्रकार ये अशुद्धियाँ दूर की जा सकती हैं।
अमोनियम डाइ क्रोमेट के तापीय अपघटन द्वारा
अमोनियम डाइ क्रोमेट के तापीय अपघटन से भी डाई नाइट्रोजन प्राप्त की जा सकती है।
बेरियम एजाइड के तापीय अपघटन द्वारा
बेरियम एजाइड के तापीय अपघटन से भी डाई नाइट्रोजन प्राप्त की जा सकती है।
गुण
- डाई नाइट्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन तथा अविषैली गैस है।
- यह द्विपरमाणुक है।
- यह अपने दो समस्थानिक के रूप में पाए जाते हैं।
- यह जल में अलप अविलेय हैं।
- यह कमरे के ताप पर अक्रिय हैं।
- उच्च ताप पर धातुओं के साथ सयुक्त होकर मुख्य रूप से आयनिक नाइट्राइड का निर्माण करते हैं।
यह हाइड्रोजन के साथ 773 K ताप पर उचित उत्प्रेरक की उपस्थित में अभिक्रिया करके गैस देती है।
डाई नाइट्रोजन का उपयोग
- जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण में
- उर्वरक उत्पादन में
- खाद्य और पेय पैकेजिंग में
- यह प्रशीतक के रूप में कार्य करता है।
- प्रकाश बल्बों के उत्पादन में, बल्ब के अंदर एक निष्क्रिय वातावरण बनाने के लिए डाइनाइट्रोजन का उपयोग किया जाता है।
- नाइट्रोजन का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में अर्धचालकों के उत्पादन और कुछ विनिर्माण चरणों के दौरान निष्क्रिय वातावरण के निर्माण जैसी प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है।