पूर्तिरोधी
पीड़ाहारी दर्द को बिना चेतना - क्षीणता, मनो सम्भ्रम अथवा तंत्रिका तंत्र में अन्य कोई बाधा उत्पन्न किये हुए समाप्त करती है।
इन्हे दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
1 .) अस्वापक पीड़ाहारी (नॉनडिक्टिव्)
२.) स्वापक पीड़ाहारी (नारकोटिक)
एनाल्जेसिक में ओपिओइड और ओपियेट पदार्थ और नॉनोपिओइड दवाएं सम्मिलित हैं, जो डॉक्टर के पर्चे या काउंटर पर मिलने वाली दवाएं हो सकती हैं। कई नॉनोपियोइड और नॉनोपियोइड-ओपियोइड तैयारी वांछनीय चिकित्सीय प्रभाव के लिए एंटीपायरेटिक्स और एंटीइंफ्लेमेटरी एजेंटों के रूप में भी काम करती हैं। ओपिओइड और ओपियेट दवाएँ अच्छी दर्दनाशक दवाएं हैं जो किसी भी मूल के दर्द को कम करने में सक्षम हैं। नॉन ओपिओइड का उपयोग सह-एनाल्जेसिया या सहायक चिकित्सा के रूप में भी किया जा सकता है। कोडीन और एसिटामिनोफेन जैसे कोएनाल्जेसिक का उपयोग प्रायः पुराने दर्द के लिए किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग तीव्र दर्द के लिए किया जा सकता है जिसके लिए ओपियोइड उपयोग की आवश्यकता होती है। ओपिओइड के साथ दी जाने वाली डायजेपाम जैसी निकटवर्ती दवाएं सच्ची एनाल्जेसिक नहीं हैं, लेकिन दर्द से राहत पाने और छद्म लत को कम करने के लिए एनाल्जेसिक के साथ उपयोग की जाती हैं।