पायस

From Vidyalayawiki

Revision as of 20:49, 26 December 2023 by Pallavi (talk | contribs)

पायस से तात्पर्य तेल और जल जैसे दो अमिश्रणीय द्रव पदार्थों के मिश्रण से है, जो एक इमल्सीफाइंग एजेंट द्वारा स्थिर किया जाता है। पायस (emulsion) दो या इससे अधिक अमिश्रणीय तरल पदार्थों से बना एक मिश्रण है। एक तरल (परिक्षेपण प्रावस्था) और दूसरा तरल (सतत प्रावस्था) में परिक्षेपित (फैलता) होता है। पायस का सामान्यतः  रोजमर्रा की जिंदगी में सामना होता है, खासकर भोजन और सौंदर्य प्रसाधनों की वस्तुओं में।

पायस के उदाहरण

मक्खन और मार्जरीन, दूध और क्रीम, फोटो फिल्म का प्रकाश संवेदी पक्ष, मैग्मा और धातु काटने मे काम आने वाले तरल।

पायस के प्रकार

  • जल में तेल– जब जल की अधिक मात्रा में तेल को लेकर हिलाया जाता है तो जल में तेल प्रकार का पायस बनता है। उदाहरण- दूध
  • तेल में जल– जब तेल की अधिक मात्रा में कम मात्रा में जल को मिलाकर हिलाया जाता है तो तेल में एक प्रकार का पायस बनता है। उदाहरण- कॉड-लिवर या कोल्ड क्रीम

पायसीकरण

जब दो या दो से अधिक द्रव को आपस में मिलाया जाता है, तो पायस प्राप्त होता है, इस प्रक्रिया को पायसीकरण कहते हैं। पायस स्थायी नहीं होते हैं, क्योंकि द्रवो के बीच ससंजक बल अधिक होता है।

अनुप्रयोग

खाद्य उद्योग: मेयोनेज़, सलाद ड्रेसिंग और आइसक्रीम आदि में ।

सौंदर्य प्रसाधन: क्रीम, लोशन और शैंपू।

फार्मास्यूटिकल्स: बेहतर दवा वितरण के लिए इमल्सीफाइड दवाएं।

पायस की स्थिरता को प्रभावित करने वाले कारक

पायस की स्थिरता को प्रभावित करने वाले कारक

  • तापमान
  • पीएच
  • इमल्सीफाइंग एजेंटों की सांद्रता।

उपयोग

  • आमाशय व छोटी आंत में वसा का पाचन पायसीकरण की प्रक्रिया से होता है।
  • साबुन तथा अपमार्जक की क्रियाविधि पायसीकरण के द्वारा ही समझायी जा सकती है।
  • सड़कों के निर्माण में जल में पायसीक्रत प्रयुक्त होता है।
  • दूध वास्तव में द्रव वसा का जल में पायस है।