परावर्तन भट्टी

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भूनते समय सल्फाइड अयस्क को उसके ऑक्साइड में परिवर्तित करने के लिए वायु की उपस्थिति में एक परावर्तन भट्टी में उसके गलनांक से कम ताप पर तेज  गर्म किया जाता है। यह भर्जन कहलाता है। निस्तापन और भर्जन दोनो ही परावर्तन भट्टी में होता है।

निस्तापन

सल्फाइड अयस्क को उसके गलनांक से कम ताप पर हवा की अनुपस्थित में तेज गर्म करना निस्तापन कहलाता है। जिससे हवा में उपस्थित नमी दूर हो जाती है और अशुद्धियाँ ऑक्साइड बनाकर उड़ जाती हैं।

जैसे

भर्जन

सल्फाइड अयस्क को उसके गलनांक से कम ताप पर हवा की उपस्थित में तेज गर्म करना भर्जन कहलाता है। जिससे हवा में उपस्थित नमी दूर हो जाती है और अशुद्धियाँ ऑक्साइड बनाकर उड़ जाती हैं। यह प्रवर्तनी भत्ते में किया जाता है।

भर्जन (Roasting) निस्तापन (Calcination)
1. भर्जन का प्रयोग सल्फाइड अयस्कों के लिए किया जाता है।


2. भर्जन में अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है।


3. इसमें SO2 गैस उत्पन्न होती है।

निस्तापन का प्रयोग कार्बोनेट और हाइड्रेटिड अयस्कों के लिए किया जाता है।


निस्तापन में अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है।


इसमें CO2 गैस उत्पन्न होती है।