ड्यूमा विधि
ड्यूमा विधि का उपयोग कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित नाइट्रोजन के आकलन के लिए किया जाता है। इस विधि में दिए गए कार्बनिक यौगिक को CO2 की उपस्थिति में, सान्द्र CuO के साथ उबाला जाता है। इस विधि में नाइट्रोजन युक्त यौगिक को कार्बन डाइऑक्साइड के वातावरण में कॉपर ऑक्साइड के साथ गर्म किया जाता है जिससे नाइट्रोजन गैस बाहर निकलती है। साथ ही कार्बन तथा हाइड्रोजन क्रमशः कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल में परिवर्तित हो जाते हैं।
यदि अल्प मात्रा में प्राप्त नाइट्रोजन ऑक्साइडों को जब गर्म कॉपर के तार पर प्रवाहित करते हैं तो नाइट्रोजन ऑक्साइड नाइट्रोजन में अपचयित हो जाती है। नाइट्रोजनयुक्त कार्बनिक यौगिक क्यूप्रिक ऑक्साइड के साथ गर्म करने पर इसमें उपस्थित हाइड्रोजन, कार्बन, नाइट्रोजन H2O, CO2, NO2,NO, N2O में आक्सीकृत हो जाते हैं। जब प्राप्त गैसीय मिश्रण को रक्त तप्त कॉपर की जाली के ऊपर ये मिश्रण प्रवाहित किया जाता है तो नाइट्रोजन के ऑक्साइड का नाइट्रोजन में अपचयन हो जाता है।
नाइट्रोजन के आकलन करने की विधियां
नाइट्रोजन के आकलन करने की निम्न लिखित विधियां हैं।
- जेल्डाल विधि
- ड्यूमा विधि
उदाहरण
नाइट्रोजन आकलन की ड्यूमा विधि में 0.4 gm कार्बनिक यौगिक 300 K ताप तथा 700 mm दाब पर 50 ml नाइट्रोजन देता है। यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।
300 K ताप तथा 700 mm दाब पर नाइट्रोजन का आयतन = 50ml
वास्तविक दाब = 700 - 25
= 675mm
STP पर नाइट्रोजन आयतन
= 40.4 ml
22400 ml नाइट्रोजन का STP पर भार = 28 gm
अतः 40.4 ml का नाइट्रोजन का STP पर द्रव्यमान = gm
नाइट्रोजन की प्रतिशतता
नाइट्रोजन
= 12.62 %