नाइट्रोजन का परीक्षण

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नाइट्रोजन के आकलन करने की निम्न लिखित दो विधियां हैं जेल्डाल विधि का उपयोग कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित नाइट्रोजन के आकलन के लिए किया जाता है। इस विधि में दिए गए कार्बनिक यौगिक को K2SO4 की उपस्थिति में, सान्द्र H2SO4 के साथ उबाला जाता है जिसके कारण समस्त नाइट्रोजन, (NH4)2SO4 में परिवर्तित हो जाता है। ड्यूमा विधि का उपयोग कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित नाइट्रोजन के आकलन के लिए किया जाता है। इस विधि में दिए गए कार्बनिक यौगिक को CO2 की उपस्थिति में, सान्द्र CuO के साथ उबाला जाता है। इस विधि में नाइट्रोजन युक्त यौगिक को कार्बन डाइऑक्साइड के वातावरण में कॉपर ऑक्साइड के साथ गर्म किया जाता है जिससे नाइट्रोजन गैस बाहर निकलती है।

नाइट्रोजन के आकलन करने की विधियां

नाइट्रोजन के आकलन करने की निम्न लिखित विधियां हैं।  

  • जेल्डाल विधि
  • ड्यूमा विधि

ड्यूमा विधि

ड्यूमा विधि का उपयोग कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित नाइट्रोजन के आकलन के लिए किया जाता है। इस विधि में दिए गए कार्बनिक यौगिक को CO2 की उपस्थिति में, सान्द्र CuO के साथ उबाला जाता है। इस विधि में नाइट्रोजन युक्त यौगिक को कार्बन डाइऑक्साइड के वातावरण में कॉपर ऑक्साइड के साथ गर्म किया जाता है जिससे नाइट्रोजन गैस बाहर निकलती है। साथ ही कार्बन तथा हाइड्रोजन क्रमशः कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल में परिवर्तित हो जाते हैं।

यदि अल्प मात्रा में प्राप्त नाइट्रोजन ऑक्साइडों को जब गर्म कॉपर के तार पर प्रवाहित करते हैं तो नाइट्रोजन ऑक्साइड नाइट्रोजन में अपचयित हो जाती है। नाइट्रोजनयुक्त कार्बनिक यौगिक क्यूप्रिक ऑक्साइड के साथ गर्म करने पर इसमें उपस्थित हाइड्रोजन, कार्बन, नाइट्रोजन H2O, CO2, NO2,NO, N2O में आक्सीकृत हो जाते हैं।  जब प्राप्त गैसीय मिश्रण को रक्त तप्त कॉपर की जाली के ऊपर ये मिश्रण प्रवाहित किया जाता है तो नाइट्रोजन के ऑक्साइड का नाइट्रोजन में अपचयन हो जाता है।   

नाइट्रोजन के आकलन करने की विधियां

नाइट्रोजन के आकलन करने की निम्न लिखित विधियां हैं।  

  • जेल्डाल विधि
  • ड्यूमा विधि

उदाहरण

नाइट्रोजन आकलन की ड्यूमा विधि में 0.4 gm कार्बनिक यौगिक 300 K ताप तथा 700 mm दाब पर 50 ml नाइट्रोजन देता है। यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।

300 K ताप तथा 700 mm दाब पर नाइट्रोजन का आयतन = 50ml

वास्तविक दाब = 700 - 25

= 675mm

STP पर नाइट्रोजन आयतन  

= 40.4 ml

22400 ml नाइट्रोजन का STP पर भार  = 28 gm

अतः 40.4 ml का नाइट्रोजन का STP पर द्रव्यमान  = gm

नाइट्रोजन की प्रतिशतता

नाइट्रोजन

= 12.62 %

जेल्डाल विधि

जेल्डाल विधि का उपयोग कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित नाइट्रोजन के आकलन के लिए किया जाता है। इस विधि में दिए गए कार्बनिक यौगिक को K2SO4 की उपस्थिति में, सान्द्र H2SO4 के साथ उबाला जाता है जिसके कारण समस्त नाइट्रोजन, (NH4)2SO4 में परिवर्तित हो जाता है। इस विधि में नाइट्रोजन युक्त यौगिक को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म किया जाता है। जिससे नाइट्रोजन, अमोनियम सल्फेट में परिवर्तित हो जाता है तब प्राप्त अम्लीय मिश्रण को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के आधिक्य के साथ गर्म किया जाता है तो अमोनिया गैस मुक्त होती है, जिसे मानक सल्फुरिक अम्ल विलयन के ज्ञात आयतन में अवशोषित कर लिया जाता है। उसके उपरान्त सल्फ्यूरिक अम्ल को क्षार के मानक विलयन द्वारा अनुमापित कर लिया जाता है। अम्ल की प्रारंभिक मात्रा और शेष मात्रा के बीच के अंतर् से अमोनिया के साथ अभिकृत अम्ल की मात्रा प्राप्त होती है।

नाइट्रोजन के आकलन करने की विधियां

नाइट्रोजन के आकलन करने की निम्न लिखित विधियां हैं।  

  • जेल्डाल विधि
  • ड्यूमा विधि

नाइट्रोजनयुक्त नाइट्रो समूह, एजो समूह और वलय में उपस्थित नाइट्रोजन जैसे पिरीडीन में जेल्डाल विधि लागू नहीं होती है क्योकी इनमे उपस्थित नाइट्रोजन अमोनियम सल्फेट में परिवर्तित नहीं होते हैं।

उदाहरण

नाइट्रोजन आकलन की विधि में 0.4 gm यौगिक में मुक्त अमोनिया 10 ml 1 M H2SO4 को उदासीन करती है। तो यौगिक में उपस्थित नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।

1 M 10 ml H2SO4 = 1M 20 ml NH3

1000 ml 1 M अमोनिया में उपस्थित नाइट्रोजन = 14 gm

अतः 20 ml 1 M अमोनिया में उपस्थित नाइट्रोजन

= नाइट्रोजन

अतः नाइट्रोजन की प्रतिशतता

=

= 70.0 %

अभ्यास प्रश्न

  • ड्यूमा विधि का उपयोग किस यौगिक की पहचान करने में  किया जाता है ?
  • नाइट्रोजन के आकलन की कौन कौन सी विधियां हैं?
  • नाइट्रोजन आकलन की विधि में 0.6 gm कार्बनिक यौगिक 300 K ताप तथा 700 mm दाब पर 50 ml नाइट्रोजन देता है। यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।