फास्फोरस का परीक्षण

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मात्रात्मक विश्लेषण कार्बनिक रसायन में एक महत्वपूर्ण विषय है क्योकी इसके द्वारा कार्बनिक यौगिकों में तत्वों का द्रव्यमान प्रतिशत ज्ञात किया जाता है। तत्वों के द्रव्यमान प्रतिशत से यौगिकों के मूलानुपाती सूत्र एवं अणुसूत्र की गणना की जाती है। मात्रात्मक विश्लेषण करने की विधियां भिन्न हैं:

फास्फोरस

कार्बनिक यौगिक की एक ज्ञात मात्रा को जब सधूम्र नइट्रिक अम्ल के साथ गर्म किया जाता है तो उसमे पहले से उपस्थित फास्फोरस फास्फोरिक अम्ल में आक्सीकृत हो जाता है। हम, जब इसमें अमोनिया तथा अमोनियम मोलिब्डेट मिलाते हैं तो यह अमोनियम फास्फेटोमॉलिब्डेट के रूप में अवक्षेपित हो जाता है या फिर फास्फोरिक अम्ल में मैग्नेसिया मिलाकर इसे MgNH4PO4 के रूप में अवक्षेपित किया जा सकता है जिसके ज्वलन से Mg2P2O7 प्राप्त होता है।

प्रश्न - Ca(H2PO4)2 में फास्फोरस के प्रतिशत की गणना कीजिये।

[Ca = 40, H = 1, P = 31, O = 16]

हल -

आणविक द्रव्यमान, Ca(H2PO4)2 = 40 + 2(2 + 31 + 64) = 234 ग्राम

234 ग्राम उर्वरक में फास्फोरस का द्रव्यमान = 2(31) ग्राम = 62 ग्राम

अभ्यास प्रश्न

  • ड्यूमा विधि का उपयोग किस यौगिक की पहचान करने में  किया जाता है ?
  • नाइट्रोजन के आकलन की कौन कौन सी विधियां हैं?
  • नाइट्रोजन आकलन की विधि में 0.6 gm कार्बनिक यौगिक 300 K ताप तथा 700 mm दाब पर 50 ml नाइट्रोजन देता है। यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।
  • किसी कार्बनिक यौगिक में फास्फोरस के प्रतिशत की गणना कीजिये।