लोहचुंबकत्व
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कुछ ही पदार्थ लौहचुम्बकत्व का गुण प्रदर्शित करते हैं जिनमें से मुख्य हैं - लोहा, निकल, कोबाल्ट तथा इनकी मिश्रधातुएँ तथा कुछ सहज रूप में प्राप्त खनिज (जैसे लोडस्टोन) आदि। कुछ पदार्थ जैसे - लोह, कोबाल्ट, निकेल, गैडोलीनियम अत्यधिक प्रबलता से चुंबकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं। ऐसे पदार्थ को लोहचुंबकीय पदार्थ कहा जाता है। प्रबल आकर्षणों के अतिरिक्त ये स्थाई रूप से चुंबकित किये जा सकते हैं। ठोस अवस्था में लोहचुंबकीय पदार्थों के धातु आयन छोटे छोटे भागों में समूहित हो जाते हैं इन्हे डोमेन कहा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक डोमेन एक छोटे चुंबक की तरह व्यव्हार करता है।
लौहचुंबकत्व ही वह मूलभूत तरीका है जिससे कुछ पदार्थ (जैसे लोहा) स्थायी चुम्बक बनाते हैं या दूसरे चुम्बकों की ओर आकृष्ट होते हैं। वैसे प्रतिचुम्बकीय और अनुचुम्बकीय पदार्थ भी चुम्बकीय क्षेत्र में आकर्षित या प्रतिकर्षित होते हैं किन्तु इन पर लगने वाला बल इतना कम होता है कि उसे प्रयोगशालाओं के अत्यन्त सुग्राही उपकरणों द्वारा ही पता लगाया जा सकता है। प्रतिचुम्बकीय और अनुचुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बकत्व नहीं दे सकते।
- लौहचुंबकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं जो वाह्य चुंबकीय क्षेत्र की अनुपस्थित में भी परमाणु स्तर पर एक चुंबकतत्व प्रदर्शित करती है।
- जब एक बाहरी चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो यह पदार्थ को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।