प्रत्यास्थलक
Elastomers
ऐसी सामग्री,जो अणुओं की लंबी शृंखलाबद्ध कड़ी (जिसे सामान्य रूप से आंग्ल भाषा में "पॉलिमर" के नामकरण से जाना जाता है ) से बनी हुए हो और जो लघुतम रूप में भी रबर जैसा भास दे व जो अत्याधिक खिंचाव के उपरांत भी अपने मूल आकार को पुनः प्राप्त करने में सक्षम रहे, प्रत्यास्थलक पदार्थों की श्रेणी के पदार्थों में आती है ।
गुण
प्रायः इस श्रेणी के पदार्थों में जिनमें श्यानता (आंग्ल भाषा में विस्कासिटी) के साथ-साथ प्रत्यास्थता भी पायी जाती है। इसके अतिरिक्त इनमें अत्यधिक अल्प मात्रा का अन्तरा-अणुक बल पाया जाता है एवम, इनका यंग प्रत्यास्थता गुणांक बहुत कम होता है तथा ये बहुत अधिक विकृति के बाद ही टूटते हैं। 'प्रत्यास्थलक' और 'रबर' इन दो शब्दों को प्रायः एक ही अर्थ में प्रयोग किया जाता है किन्तु वल्कनीकरण के सन्दर्भ में रबर का प्रयोग अधिक होता है।
ध्यान देने योग्य
प्रत्येक एकलक (आंग्ल भाषा में मोनोमर्स) जो पॉलिमर बनाने के लिए जुड़ते हैं, कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और सिलिकॉन के बीच कई तत्वों का एक यौगिक होता है।
एकलक,अनाकार बहुलक (पॉलिमर) हैं जिन्हें उनके ग्लास संक्रमण तापमान से ऊपर बनाए रखा जाता है, ताकि सहसंयोजक बंधनों को तोड़े बिना काफी आणविक पुनर्रचना संभव हो सके। परिवेश के तापमान पर, ऐसे रबर अपेक्षाकृत अनुकूल (ई ≈ 3 एमपीए) और विकृत होते हैं। उनका प्राथमिक उपयोग सील, चिपकने वाले और ढले हुए लचीले भागों के लिए होता है।