रासायनिक परिवर्तन
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भौतिक गुण
ऐसे गुण जिनका हम अवलोकन एवं वर्णन कर सकते हैं, जैसे की रंग, कठोरता, दृढ़ता, बहाव, घनत्व आदि को भौतिक गुण कहा जाता है।
रासायनिक गुण
दैनिक जीवन में ऐसे कई परिवर्तन होते हैं जैसे बादलों का बनना, जल या बर्फ का भाप में बदलना, मोमबत्ती का पिघलना आदि जैसे परिवर्तन हम रोज देखते हैं। इन परिवर्तनों में कुछ चीज़ो की अवस्था, आकार में परिवर्तन होता है तो कुछ चीज़े बिलकुल नई चीज़ों में बदल जाती हैं। जल तथा तेल दोनों द्रव हैं, लेकिन इनके रसायनिक गुणधर्म भिन्न हैं। इनकी गंध और ज्वलनशीलता में अंतर् है। हम जानते है कि तेल हवा में जलता है, जबकि जल आग को बुझाता है। तेल का यह रसायनिक गुण जल से इसे अलग बनाता है। जलना एक रसायनिक क्रिया है जलने कि प्रक्रिया में एक पदार्थ दूसरे से क्रिया करके अपने रसायनिक संघटन में परिवर्तन लाता है तथा हम नया पदार्थ पाते हैं।
भौतिक परिवर्तन
कुछ पदार्थों में ऐसा होता हैं कि परिवर्तन की वजह हटाने पर पुनः प्रारम्भिक पदार्थ मिल जाता है ऐसे परिवर्तन को भौतिक परिवर्तन कहा जाता है। भौतिक परिवर्तन में वे सभी परिवर्तन सम्मिलित हैं जिनमें पदार्थ की रासायनिक प्रकृति या रासायनिक पहचान में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
भौतिक परिवर्तन के कुछ उदाहरण-
मोम का पिघलना
अगर मोम को गर्म किया जाए तो यह पिघलने लगता है और अगर इसे कुछ समय के लिए ठंडा किया जाए तो यह जम जाता है, जिससे मोम में कोई रासायनिक या स्थायी परिवर्तन नहीं होता है।
बर्फ का जमना या पिघलना
यदि बर्फ को पिघलाया जाए तो जल में परिवर्तन हो जाता है और जल को ठंडा करने पर जल का हिम में परिवर्तन हो जाता है। इसमें जल के रासायनिक गुणों पर कोई असर नहीं पड़ता है।
रबर को खींचना
यदि रबर को खींचा जाए तो उसमें परिवर्तन होता है और यदि इस बल को हटा दिया जाए तो रबर अपनी पूर्व अवस्था में आ जाता है।
रासायनिक परिवर्तन
रसायनिक परिवर्तन को रसायनिक प्रक्रिया भी कहा जाता है। दैनिक जीवन में ऐसे कई परिवर्तन होते हैं जैसे बादलों का बनना, जल या बर्फ का भाप में बदलना, मोमबत्ती का पिघलना आदि जैसे परिवर्तन हम रोज देखते हैं। जिस चीज़ में एक पदार्थ से नए पदार्थो का निर्माण होता है उसे रसायनिक परिवर्तन कहते हैं। कुछ परिवर्तन ऐसे होते है जिनके अंदर पदार्थों के संघटन ही बदल जाते हैं और नये पदार्थ बन जाते है, ऐसे परिवर्तन को रासायनिक परिवर्तन कहा जाता हैं।
जब कोई पदार्थ किसी अन्य पदार्थ से मिलकर एक नया पदार्थ बनाता है, तो उसे रसायनिक परिवर्तन कहते हैं।
रासायनिक परिवर्तन के गुण
- इसमें परिवर्तन के बाद एक नया उत्पाद बनता है।
- ये परिवर्तन स्थायी हैं। अतः कारक को हटाने पर पदार्थ अपनी पूर्व अवस्था में आ जाता है।
- रूपांतरण के बाद, पदार्थ के गुण बदल जाते हैं, जो मूल पदार्थ से गुणों में भिन्न होते हैं।
- इस परिवर्तन के बाद ऊष्मा, प्रकाश आदि निकलते हैं।
उदाहरण
दही का जमना
दूध में थोड़ा सा दही मिलाने पर वह कुछ देर बाद दही में बदल जाता है। दही के गुण दूध से भिन्न होते हैं और दही को दुबारा दूध में नहीं बदला जा सकता।
लोहे पर जंग लगना
लोहे पर जंग लगने के कारण उसकी सतह तथा अन्दरूनी संगठन में परिवर्तन हो जाता है । यह लोहे द्वारा नमी या ऑक्सीजन से क्रिया करके लोहे को संक्षारित कर देता है। जिससे लोहे की छड़ नष्ट हो जाती है।
जीवो का बड़ा होना
जीव जब एक बार बड़े हो जाते है तो पुनः अपनी पुरानी स्थित में नहीं बदलते हैं।
भोजन का पाचन
एक बार भोजन का पाचन हो जाने पर उसे दुबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
अभ्यास प्रश्न
- भौतिक परिवर्तन क्या हैं? उदाहरण द्वारा समझाइये।
- भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन में अंतर स्पष्ट कीजिये।