उदासीनीकरण अभिक्रिया

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जब अम्ल किसी क्षार से अभिक्रिया करता है तब लवण और जल बनता है। इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।


जहाँ HCl एक अम्ल है।

NaOH एक क्षार है।

NaCl एक लवण है।

अम्ल द्वारा क्षारक का प्रेक्षित प्रभाव तथा क्षारक द्वारा अम्ल का प्रभाव पूरी तरह से समाप्त हो जाता है। अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते हैं :

अम्ल + क्षार  लवण + जल

अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया के परिणामस्वरुप लवण तथा जल प्राप्त होता है तथा इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं। रासायनिक समीकरण रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रतीकात्मक निरूपण हैं जिनमें अभिकारकों और उत्पादों को उनके संबंधित रासायनिक सूत्रों के संदर्भ में व्यक्त किया जाता है। अभिकारकों को बाईं ओर और उत्पाद को अभिक्रिया के दायीं ओर लिखा जाता है। रासायनिक समीकरण रासायनिक अभिक्रियाओं में अभिकारकों और उत्पाद की अवस्था को भी दर्शाती हैं।

ऊपर एक अभिक्रिया दी गई है, जिसमे कार्बन डाइऑक्साइड गैस, ठोस कार्बन से अभिक्रिया करके कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बना रहा है। दी गई अभिक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड गैस अभिकारक का कार्य कर रही है, ठोस कार्बन भी अभिकारक का कार्य कर रहा है और अभिक्रिया करके कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बना रहा है। जिसमे कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पाद का कार्य करता है।

अभ्यास प्रश्न

  • उदासीनीकरण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं ?
  • रासायनिक समीकरण क्या होते हैं ?
  • अम्ल + क्षार लवण + जल

यह किस प्रकार की अभिक्रिया है ?