हैलोजन

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समूह 17 तत्व के तत्वों को हैलोजन कहते हैं। हैलोजन में 2 गैसें हैं एक द्रव है और २ ठोस हैं। इनमे 5 तत्व होते हैं जिसमें फ्लोरीन, क्लोरीन गैसें हैं, ब्रोमीन द्रव है आयोडीन तथा एस्टैटिन ठोस हैं। यह अत्यधिक क्रियाशील होता है जिस कारण यह मुक्त रूप से प्रकृति में नहीं पाए जाते हैं।   

समूह 17 तत्व (हैलोजन)

तत्व प्रतीक
फ्लोरीन F
क्लोरीन Cl
ब्रोमीन Br
आयोडीन I
एस्टैटिन At

सामान्य गुण

  • अधातुएँ, पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं में मौजूद होती हैं (फ्लोरीन और क्लोरीन गैसें हैं, ब्रोमीन एक तरल है, आयोडीन एक ठोस है)।
  • अत्यधिक अभिक्रियाशील हैं और एक स्थिर ऑक्टेट प्राप्त करने के लिए एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करते हैं।
  • हैलाइड बनाते हैं।

समूह 17 तत्व (हैलोजन) के रासायनिक गुण

इलेक्ट्रानिक विन्यास

समूह 17 तत्व के तत्वों को हैलोजन कहते हैं। इनका बाह्यतम इलेक्ट्रानिक विन्यास ns2 np5 होता है।

तत्व का नाम प्रतीक परमाणु क्रमाक इलेक्ट्रानिक विन्यास
फ्लोरीन F 9 [He] 2s2, 2p5
क्लोरीन Cl 17 Ne] 3s2, 3p5
ब्रोमीन Br 35 Ar] 3d10, 4s4 4p5
आयोडीन I 53 [Kr] 4d10, 5s2 5p5
एस्टैटिन At 75 [Xe] 4f14, 5d10, 6s2 6p5

परमाणु त्रिज्या

अत्यधिक प्रभावी नाभिकीय आवेश के कारण हैलोजन की परमाणु त्रिज्या आवर्त में सबसे कम होता है। फ्लुओरीन की परमाणु त्रिज्या वर्ग में सबसे कम होती है।

आयनन एन्थैलपी

इनकी इलेक्ट्रान त्यागने की प्रवृत्ति बहुत कम होती है इसलिए इनकी आयनन एन्थैलपी बहुत उच्च होती है जैसे जैसे वर्ग में नीचे आते जाते हैं आयनन एन्थैलपी कम होती जाती है।

विद्युत ऋणात्मकता

इनकी विद्युत ऋणात्मकता बहुत उच्च होती है। जैसे जैसे वर्ग में नीचे की ओर जाते हैं विद्युत ऋणात्मकता में कमी होती जाती है। फ्लुओरीन की विद्युत ऋणात्मकता सबसे उच्च होती है।

समूह 17 तत्व (हैलोजन) के रासायनिक गुण

ऑक्सीकरण अवस्थाएं

सभी हैलोजन -1 ऑक्सीकरण अवस्थाएं प्रदर्शित करते हैं क्लोरीन, ब्रोमीन तथा आयोडीन +1, +3, +5, +7 ऑक्सीकरण अवस्थाएं भी प्रदर्शित कर सकते हैं। फ्लुओरीन का असामान्य व्यवहार

हाइड्रोजन के प्रति अभिक्रियाशीलता

सभी हैलोजन हाइड्रोजन के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन हैलाइड बनाती है लेकिन वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर हाइड्रोजन हैलाइड बनाने की क्षमता कम होती जाती है।

ऑक्सीजन के प्रति अभिक्रियाशीलता  

  • हैलोजन ऑक्सीजन के साथ संयोग करके ऑक्साइड बनाते हैं इनमे से कुछ अस्थायी हैं। फ्लुओरीन दो ऑक्साइड बनाते हैं OF2 तथा O2F2 लेकिन O2F2 ही स्थाई होता है।
  • क्लोरीन के ऑक्साइड Cl2O, ClO2, Cl2O6 तथा Cl2O7 बनाते हैं। जिसमे से Cl2O7 अत्यधिक क्रियाशील होता है यह विस्फोटक प्रवृत्ति का भी होता है।
  • Cl2O7 का उपयोग विरंजक के रूप में तथा पानी को शुद्ध करने में भी किया जाता है।
  • ब्रोमीन के ऑक्साइड, Br2O, BrO2, BrO3 बनाते है, ये सबसे कम स्थाई होते हैं तथा यह केवल कम ताप पर ही स्थाई होते हैं। ये बहुत प्रबल ऑक्सीकारक का भी काम करते हैं।
  • आयोडीन के ऑक्साइड I2O4, I2O5, I2O7 बनाते हैं ये अविलेय ठोस होते हैं तथा इन्हे गर्म करने पर यह विघटित हो जाते हैं।