दृढ़ता गुणांक
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Modulus of rigidity
दृढ़ता गुणांक, जिसे कतरनी मापांक या मरोड़ मापांक के रूप में भी जाना जाता है, एक यांत्रिक गुण है जो बताता है कि कतरनी या मरोड़ वाली ताकतों के अधीन होने पर कोई सामग्री विरूपण का प्रतिरोध कैसे करती है। इसे प्रतीक "" द्वारा दर्शाया जाता है और इसमें दबाव या तनाव की इकाइयाँ होती हैं, जैसे पास्कल () या न्यूटन प्रति वर्ग मीटर ()।
कर्तनी या व्यावर्ती बल
दृढ़ता गुणांक को समझने के लिए, पहले यह जान लेना आवयशक है की कर्तनी (कतरनी) या व्यावर्ती (मरोड़ने वाले) बल क्या हैं। कर्तनी बल तब उत्पन्न होते हैं जब किसी सामग्री की दो समानांतर सतहें, विपरीत दिशाओं में एक-दूसरे से फिसलती हैं, जैसे कि जब कैंची से कागज के टुकड़े को काटा जात है,तब उस कागज की पतली परत, इस बल के अधीन फटते हुए,विलग हो जाती हैं। दूसरी ओर, व्यावर्ती बल तब घटित होती हैं, जब किसी सामग्री पर घुमाव या घूर्णी बल लगाया जाता है, जैसे पेचकस को घुमाना या दरवाज़े के घुंडी को मोड़ना।
कर्तनी (कतरनी) मापांक'' या ''कठोरता का मापांक
पदार्थ विज्ञान में, कर्तनी (कतरनी) मापांक'' या ''कठोरता का मापांक, जिसे , या कहीं कहीं या द्वारा दर्शाया जाता है, उस सामग्री की कर्तनी बल-प्रतिबल क्रीय के आधीनस्थ उपजी तन्यता अथवा कठोरता का एक माप है और इसे साधारण भाषा में कर्तनी तनाव से कतरनी तनाव के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया है ।
कहाँ
- = अपरूपण से उपजे तनाव है ।
- वह बल है जो आरोपण द्वारा कार्यरत है ।
- वह क्षेत्र है जिस पर बल कार्य करता है ।
- = कर्तनी (कतरनी) कार्य से उपजे विरूपण को इंगित करता चिन्ह (जहां उप चिन्ह यह इंगित कर रहा है की,इस सूत्र रूपी गणना में ,पदार्थों से बनी सामग्रीयों की यह परत कारगर है, जिसका स्तर समतल के समकक्ष है) । अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) में इसे , के रूप में ज्ञात कीया जाता है,अन्यत्र व्यवस्था में के रूप में शोधित है ।
- अनुप्रस्थ विस्थापन है ।
- प्रभावी क्षेत्र की प्रारंभिक लंबाई है।
मापन एकाई
दृढ़ता गुणांक (अपरूपण मापांक) की व्युत्पन्न ( )इकाई पास्कल () है, चूंकि साधारणतः इस मापांक का मूल्य अधिक होता है इस लीये इसका मूल्य गीगापास्कल () या किलोपास्कल (हजार की एकाई में पाउंड प्रति वर्ग इंच (psi)। इसका आयामी रूप M1L−1T−2 है, जो बल को द्रव्यमान गुना त्वरण से प्रतिस्थापित करता है। ।
जब किसी सामग्री पर अपरूपण या मरोड़ने वाला बल लगाया जाता है, तो उसमें विकृति आ जाती है। दृढ़ता गुणांक यह निर्धारित करता है कि सामग्री इस विरूपण के प्रति कितनी प्रतिरोधी है। यह कतरनी तनाव (सतह के समानांतर प्रति इकाई क्षेत्र पर लगाया गया बल) और कतरनी तनाव (मूल आकार के सापेक्ष परिणामी विकृति या आकार में परिवर्तन) के अनुपात को मापता है।
गणितीय रूप से
दृढ़ता गुणांक() को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है:
= कर्तनी तनाव / तनाव
दृढ़ता गुणांक का उच्च मान इंगित करता है कि सामग्री कठोर है और कर्तनी (कतरनी) या व्यावर्ती (मरोड़ने वाले) वाले बलों के अधीन विरूपण के प्रति अधिक प्रतिरोधी है। इसके विपरीत, कम मूल्य का तात्पर्य है कि सामग्री अधिक आसानी से विकृत हो जाती है।
दृढ़ता गुणांक इंजीनियरिंग और सामग्री विज्ञान में एक महत्वपूर्ण गुण है। यह इंजीनियरों को यह समझने और भविष्यवाणी करने में मदद करता है कि सामग्री या मरोड़ वाले भार पर कैसे प्रतिक्रिया करेगी। यह उन संरचनाओं और घटकों को अभिकल्पित करने में विशेष रूप से प्रासंगिक है जो शाफ्ट, स्प्रिंग्स या बीम जैसे घुमा या कतरनी बलों का अनुभव करते हैं।