हाइड्रॉलिक धुलाई

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हाइड्रोलिक धुलाई प्रक्रिया अयस्कों को जल की धारा में धोकर की जाती है। यदि कोई अयस्क में गैंग उपस्थित है तो वो भारी या सघन होगा, तो उस अयस्क को जल की तेज धराा में धोया जाता है जिससे गैंग के कण धारा के साथ बह जाते हैं। भारी या सघन अयस्क कण पीछे रह जाते हैं और उन्हें एकत्र किया जा सकता है। हाइड्रोलिक धुलाई उन अयस्कों के लिए की जाती है जिनमें टिन या सीसा होता है, क्योंकि वे गैंग से भारी पाए जाते हैं।

हाइड्रोलिक धुलाई एक प्रकार की गुरुत्वाकर्षण पृथक्करण विधि है, जो अयस्क और गैंग कणों के बीच गुरुत्वाकर्षण अंतर पर आधारित है। इस प्रक्रिया में, हल्के गैंग के कण जल की धारा में बह जाते हैं और भारी अयस्क पीछे रह जाते हैं।