सल्फर का परीक्षण

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मात्रात्मक विश्लेषण कार्बनिक रसायन में एक महत्वपूर्ण विषय है क्योकी इसके द्वारा कार्बनिक यौगिकों में तत्वों का द्रव्यमान प्रतिशत ज्ञात किया जाता है। तत्वों के द्रव्यमान प्रतिशत से यौगिकों के मूलानुपाती सूत्र एवं अणुसूत्र की गणना की जाती है। मात्रात्मक विश्लेषण करने की विधियां भिन्न हैं:

सल्फर का परीक्षण

कैरिअस नली में कार्बनिक यौगिक की ज्ञात मात्रा को जब सधूम्र नाइट्रिक अम्ल अथवा सोडियम परॉक्साइड के साथ गर्म करने पर सल्फ्यूरिक अम्ल में सल्फर में आक्सीकृत हो जाता है, जिसमे बेरियम क्लोराइड के जलीय विलयन की अधिकता मिलाकर इसे बेरियम सलफेट के रूप में अवक्षेपित कर लेते हैं। अब इस प्राप्त अवक्षेप को छान लेते हैं फिर इसे सुखाकर तौल लेते हैं। बेरियम सलफेट के द्रव्यमान से सल्फर की प्रतिशतता ज्ञात की जा सकती है।

सल्फर का प्रतिशत =

माना दिए गए कार्बनिक यौगिक का द्रव्यमान  = m gm

और बेरियम सलफेट का द्रव्यमान  = m1 gm  

उदाहरण

सल्फर आकलन में 0.14 gm कार्बनिक यौगिक से 0.44 gm बेरियम सलफेट प्राप्त हुआ। यौगिक में सल्फर का प्रतिशत ज्ञात कीजिये।

BaSO4 का आणविक द्रव्यमान = 137 + 32 + 64

                                                = 233 gm

233 gm BaSO4 में उपस्थित सल्फर = 32 gm

0.44 gm BaSO4 में उपस्थित सल्फर

= gm

सल्फर का प्रतिशत =

= 43.16%

अभ्यास प्रश्न

  • ड्यूमा विधि का उपयोग किस यौगिक की पहचान करने में  किया जाता है ?
  • नाइट्रोजन के आकलन की कौन कौन सी विधियां हैं?
  • सल्फर आकलन में 0.18 gm कार्बनिक यौगिक से 0.42 gm बेरियम सलफेट प्राप्त हुआ। यौगिक में सल्फर का प्रतिशत ज्ञात कीजिये।