एलिसाइक्लिक यौगिक

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एलिसाइक्लिक यौगिक (ऐलिफैटिक चक्रीय) यौगिकों में कार्बन परमाणु जुड़कर एक समचक्रीय वलय बनाते हैं। एलिसाइक्लिक यौगिक को कार्बनिक यौगिकों के एक बड़े वर्ग के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें कार्बन तत्व के तीन या अधिक परमाणु एक वलय में एक साथ जुड़े हुए हैं। आसन्न परमाणुओं के जोड़े के बीच के सभी बंध निर्दिष्ट एकल बंध प्रकार के हो सकते हैं, या उनमें से कुछ द्वि बंध या त्रिबंध (क्रमशः चार या छह इलेक्ट्रॉनों के साथ) हो सकते हैं। ऐसे एलिसाइक्लिक यौगिक, जहां रिंग में या तो तीन या चार कार्बन परमाणु होते हैं, बड़े रिंग वाले यौगिकों की तुलना में कम स्थायी होते हैं ठोस, द्रव या गैसीय अवस्था वाले यौगिक जिनके अणु में कार्बन और हाइड्रोजन होता है, कार्बनिक यौगिक कहलाते हैं। कार्बनिक यौगिक बड़ी संख्या में रसायन विज्ञानं में उपस्थित होते है अतः इनका अध्ययन करना आसान नहीं होता है इसलिए कार्बनिक यौगिकों को वर्गीकृत करने की आवश्यकता पड़ी।

कार्बनिक यौगिकों को वर्गीकरण

बेंज़ीन

कार्बनिक यौगिकों को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है।

  • खुली श्रृंखला
  • चक्रीय (बंद श्रृंखला)

एसाइक्लिक या खुली श्रृंखला वाले यौगिक

खुली श्रृंखला वाले यौगिकों को दो भागों में बांटा गया है:

  • सीधी श्रृंखला यौगिक
  • शाखित श्रृंखला यौगिक

इनमें शाखित या सीधी श्रृंखलाएँ होती हैं। इस श्रेणी में निम्नलिखित उदाहरण हैं:

CH3-CH3 , CH3-CH2-OH, CH3COOH

साइक्लिक या चक्रीय (बंद श्रृंखला)

ये चक्रीय यौगिक होते हैं जिनमें एक वलय में एक दूसरे से जुड़े कार्बन परमाणु होते हैं।

एलिसाइक्लिक यौगिक

चक्रीय (बंद श्रृंखला) वाले यौगिकों को दो भागों में बांटा गया है:

  • समचक्रीय यौगिक
  • विषमचक्रीय यौगिक

एरोमेटिक

वे एक विशेष प्रकार के यौगिक होते हैं जिनमें  बेंजीन और अन्य रिंग संबंधी यौगिक होते हैं।

उदाहरण- बेन्ज़ीन

समचक्रीय वलय

समचक्रीय वलय में वलय सिर्फ कार्बन परमाणुओं के जुड़ने से बनता है। समचक्रीय यौगिकों को दो भागों में बांटा गया है:

  • एलिसाइक्लिक
  • एरोमेटिक

उदाहरण

साइक्लो प्रोपेन, बेंज़ीन, साइक्लो ब्यूटेन आदि।

विषमचक्रीय वलय

विषमचक्रीय वलय में वलय कार्बन परमाणुओं के अतिरिक्त अन्य परमाणुओं के जुड़ने से बनता है। कभी-कभी अन्य तत्व, जैसे फॉस्फोरस, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन भी कार्बन से बंध बनाते हैं। कुछ ऐसे कार्बन यौगिक हैं जिनमे कार्बन और हयड्रोजन की उपस्थित होने के बाद भी कार्बनिक अणु नहीं माना जाता है। इनमें कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, साइनाइड् और अन्य कार्बन युक्त आयन यौगिक शामिल हैं।

उदाहरण

पिरिडीन

फ्यूरेन, थायोफीन, पिरिडीन आदि

एलिसाइक्लिक यौगिकों के लक्षण

  • वे संतृप्त या असंतृप्त दोनों प्रकार के हो सकते हैं।
  • इनमे कोई सुगंध नहीं होती है।
  • कार्बन के तीन या अधिक परमाणु एक वलय में एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं।
  • तीन या चार कार्बन परमाणुओं वाले वलय वाले एलिसाइक्लिक यौगिक बड़े वलय वाले यौगिकों की तुलना में अस्थायी होते हैं।

अभ्यास प्रश्न

  • कार्बनिक यौगिकों को वर्गीकरण कीजिये।
  • एलिसाइक्लिक एवं एरोमेटिक यौगिकों में क्या अंतर है ?
  • एसाइक्लिक या खुली श्रृंखला वाले यौगिक क्या है ? उदाहरण द्वारा समझाइये।
  • कार्बनिक यौगिक से आप क्या समझते हैं ?