एक आदर्श गैस के लिए Cp एवं Cv में सम्बन्ध
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ऊष्मा धारिता को स्थिर आयतन पर Cv से एवं स्थिर दाब पर Cp से अंकित करते हैं। किसी पदार्थ के द्रव्यमान का ताप एक डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की ऊष्मा धारिता (Heat capacity) कहते हैं। इस भौतिक राशि का एस आई मात्रक जूल प्रति केल्विन (J/K) है। ऊष्मा धारिता की विमा [M1L2T-2Θ-1] है।
Cp(स्थिर दाब पर विशिष्ट ऊष्मा)
Cp दाब को स्थिर रखते हुए किसी पदार्थ के एक इकाई द्रव्यमान का ताप एक डिग्री सेल्सियस (या एक केल्विन) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा है।
Cv (स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा)
Cv आयतन को स्थिर रखते हुए किसी पदार्थ के इकाई द्रव्यमान का ताप एक डिग्री सेल्सियस (या एक केल्विन) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा है। Cp और Cv के बीच संबंध को गैस स्थिरांक "R" का उपयोग करके वर्णित किया जा सकता है। एक आदर्श गैस के लिए विशिष्ट ताप क्षमताओं और गैस स्थिरांक के बीच संबंध इस प्रकार है:
qv = Cv△T = △U (स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा)
एवं स्थिर दाब पर
qp = Cp△T = △H (स्थिर दाब पर विशिष्ट ऊष्मा)
एक मोल गैस के लिए
△H = △U + △pV
= △U + △(RT)
= △U + R△T
△H एवं △U का मान रखने पर
Cp△T = Cv△T + R△T
Cp = Cv + R
Cp - Cv = R जहाँ
Cp = स्थिर दाब पर विशिष्ट ऊष्मा
Cv = स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा
R = गैस स्थिरांक
अभ्यास प्रश्न
- Cp एवं Cv में क्या सम्बन्ध है ?
- Cp(स्थिर दाब पर विशिष्ट ऊष्मा) से क्या तात्पर्य है ?
- Cv (स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा) से क्या तात्पर्य है ?