ऊष्मा रासायनिक समीकरण
वह सन्तुलित रासायनिक समीकरण जिसमें अभिक्रिया में होने वाले एन्थैल्पी परिवर्तन (ΔHr) का मान और पदार्थों की भौतिक अवस्थाओं (अपररूप अवस्था के साथ) को भी दर्शाया जाता है, ऊष्मा रासायनिक समीकरण कहलाता है। निश्चित ताप व दाब पर द्रव एथेनॉल का दहन निम्न ऊष्मा रासायनिक समीकरण द्वारा व्यक्त किया जाता है -
ΔHr = −1367 k J mol−1
ΔrHΘ का मान समीकरण द्वारा पदार्थों के मोलों की संख्या के सन्दर्भ में होता है जबकि मानक एन्थैल्पी परिवर्तन (ΔrHΘ) की इकाई kJmol−1 होती है।
भौतिक परिवर्तनों की एन्थैल्पी
जब भी किसी पदार्थ की भौतिक अवस्था बदलती है, तो ऊष्मा ऊर्जा सम्मिलित होती है। भौतिक परिवर्तनों की कुछ महत्वपूर्ण एन्थैल्पी नीचे परिभाषित की गई हैं:
संलयन की एन्थैल्पी
यह किसी पदार्थ के 1 मोल को उसके गलनांक पर ठोस अवस्था से तरल अवस्था में परिवर्तित करने में होने वाला एन्थैल्पी परिवर्तन है। प्रति ग्राम संलयन की गुप्त ऊष्मा को आणविक द्रव्यमान से गुणा करने पर जो ऊष्मा की मात्रा प्राप्त होती है उसे संलयन की एन्थैल्पी कहते हैंं। संलयन की एन्थैल्पी का मान किसी ठोस में उपस्थित अंतरआण्विक बलों की सामर्थ्य पर निर्भर करता है। आयनिक ठोसों की संलयन की एन्थैल्पी आणविक ठोस से अधिक होती है क्योकी आणविक ठोसों में अणु आपस में बहुत दुर्बल वन्डरवाल बंध द्वारा जुड़े होते हैं।
ΔH = 1.44 kcal
ΔH = -1.44 kcal
वाष्पन की एन्थैल्पी
किसी पदार्थ के 1 मोल को उसके क्वथनांक पर तरल अवस्था से गैसीय अवस्था या वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने वाला एन्थैल्पी परिवर्तन कहलाता है।
ΔH = 10.5 kcal
ΔH = -10.5 kcal
किसी तरल पदार्थ के वाष्पीकरण की एन्थैल्पी तरल के अणुओं के बीच काम करने वाले अंतर-आणविक बलों की सामर्थ्य पर निर्भर करता है।
ऊर्ध्वपातन की एन्थैल्पी
ऊर्ध्वपातन वह प्रक्रिया है जिसमें गर्म करने पर कोई ठोस पदार्थ सीधे वाष्प अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। यह किसी ठोस के 1 मोल को उसके गलनांक से नीचे दिए गए तापमान पर सीधे वाष्प में परिवर्तित करने में होने वाला ताप परिवर्तन है।
ΔH = 14.9 kcal
किसी ठोस के ऊर्ध्वपातन की एन्थैल्पी, संलयन की एन्थैल्पी और वाष्पीकरण की एन्थैल्पी के योग के बराबर होती है।
अभ्यास प्रश्न
- संलयन की एन्थैल्पी से आप क्या समझते हैं?
- वाष्पन की एन्थैल्पी से आप क्या समझते हैं?
- ऊर्ध्वपातन की एन्थैल्पी से आप क्या समझते हैं?