इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण अभिक्रियाओं के रूप में अपचयोपचय अभिक्रियाएँ
निम्न लिखित अभिक्रियाओं में सोडियम का ऑक्सीकरण हो रहा है क्योकी सोडियम अधिक ऋणविधुतीय तत्व अर्थात ऑक्सीजन या क्लोरीन के साथ संयोग कर रहा है, साथ ही साथ क्लोरीन, ऑक्सीजन तथा सल्फर का अपचयन भी हो रहा है, क्योकी ये तत्व धनविधुतीय तत्व सोडियम से जुड़े हुए हैं।
रासायनिक आबंध नियमों के अनुसार सोडियम क्लोराइड, सोडियम ऑक्साइड तथा सोडियम सल्फाइड आयनिक यौगिक हैं। इनकी अभिक्रियाएं कुछ इस प्रकार से लिख सकते हैं:
उपरोक्त अभिक्रिया में 2Na 2 इलेक्ट्रॉन का निष्कासन करके 2Na+ आयन में परिवर्तित हो रहा है तथा Cl2 2 इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके Cl- आयन में में परिवर्तित हो रहा है।
उपरोक्त अभिक्रिया में 2Na 2 इलेक्ट्रॉन का निष्कासन करके 2Na+ आयन में परिवर्तित हो रहा है तथा O2 2 इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके O2- आयन में में परिवर्तित हो रहा है।
उपरोक्त अभिक्रिया को दो चरणों में भी लिखा जा सकता है:
उपरोक्त अभिक्रिया को दो चरणों में भी लिखा जा सकता है जिन्हे अर्धअभिक्रिया भी कहते हैं इन दोनों अर्धअभिक्रियाओं को जोड़ने पर एक पूर्ण अभिक्रिया प्राप्त होती है। इन अभिक्रियाओं में इलेक्ट्रॉन निष्कासन अर्धअभिक्रिया को "ऑक्सीकरण अभिक्रिया" तथा इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने वाली अभिक्रिया को "अपचयन अभिक्रिया" कहते हैं।
इन अभिक्रियाओं में सोडियम का ऑक्सीकरण हो रहा है अतः यह अपचायक का कार्य करती हैं तथा क्लोरीन, ऑक्सीजन अपचयित हो रहे हैं अतः यह ऑक्सीकारक का कार्य करते हैं।
ऑक्सीकरण
किसी स्पीशीज द्वारा इलेक्ट्रॉन का निष्कासन ऑक्सीकरण कहलाता है।
अपचयन
किसी स्पीशीज द्वारा इलेक्ट्रॉन की प्राप्ति अपचयन कहलाती है।
ऑक्सीकारक
वे पदार्थ जो इलेक्ट्रॉन ग्राही होते हैं अर्थात इलेक्ट्रॉन स्वीकार करते हैं ऑक्सीकारक कहलाते हैं।
अपचायक
वे पदार्थ जो इलेक्ट्रॉन दाता होते हैं अर्थात इलेक्ट्रॉन देते हैं अपचायक कहलाते हैं।
अभ्यास प्रश्न
- ऑक्सीकरण से क्या समझते हैं?
- अपचायक को किसी एक उदाहरण द्वारा समझाइये।
- निम्न अभिक्रिया में ऑक्सीकरण और अपचयन समझाइये।