प्रतियोगी इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण अभिक्रियाएँ

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यदि ज़िंक धातु की एक प्लेट को कुछ देर के लिए कॉपर नाइट्रेट के जलीय विलयन में रखा जाता है तो ज़िंक धातु की प्लेट पर कॉपर धातु की लाल रंग की एक परत जमा हो जाती है तथा विलयन का रंग नीला हो जाता है। इसमें ज़िंक धातु कॉपर नाइट्रेट के विलयन में घुल जाता है जिससे ज़िंक आयन में परिवर्तित हो जाता है। और कॉपर आयन कॉपर धातु में परिवर्तित हो जाता है।  

उपरोक्त अभिक्रिया में ज़िंक से इलेक्ट्रॉनों का निष्कासन होता है जिससे आयन प्राप्त होता है अतः यह भी कहा जा सकता है कि इसमें ज़िंक का ऑक्सीकरण हो रहा है और कॉपर इलेक्ट्रान ग्रहण करता है अतः कॉपर का अपचयन हो रहा है।

ठीक इसके विपरीत यदि हम कॉपर धातु की प्लेट को ज़िंक सलफेट के विलयन में घोलते हैं तो कोई भी अभिक्रिया दिखाई नहीं देती है।

उदाहरण-1

यदि हम कॉपर धातु तथा सिल्वर नाइट्रेट के जलीय विलयन में होने वाली अभिक्रिया को देखते हैं तो कॉपर आयन बनने के कारण नीला हो जाता है, जो निम्न लिखित अभिक्रिया में होता है:

इस अभिक्रिया में कॉपर धातु का कॉपर आयन में परिवर्तन हो रहा है अतः हम यह भी कह सकते हैं की कॉपर का ऑक्सीकरण हो रहा है तथा तथा सिल्वर आयन सिल्वर धातु में अपचयित हो रहा है।

जब बीकर में सिल्वर नाइट्रेट घोल में धात्विक तांबे की एक पट्टी ली जाती है और कुछ समय बाद, घोल धीरे-धीरे नीला हो जाता है।

यह इंगित करता है कि तांबे और चांदी के बीच, तांबे में इलेक्ट्रॉनों को छोड़ने और चांदी में इलेक्ट्रॉनों को स्वीकार करने की प्रवृत्ति होती है। इस प्रकार की धातु विस्थापन अभिक्रियाओं को प्रतिस्पर्धी इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण अभिक्रियाओं के रूप में जाना जाता है।

उदाहरण-2

इस अभिक्रिया में यदि कोबाल्ट धातु को निकिल के विलयन में घोलते है तो कोबाल्ट का कोबाल्ट आयन में परिवर्तन हो रहा है अतः हम यह भी कह सकते हैं की कोबाल्ट का ऑक्सीकरण हो रहा है तथा तथा निकिल आयन निकिल धातु में अपचयित हो रहा है।

किस धातु को किस विलयन में डालने पर किसका अपचयन होता है और किसका ऑक्सीकरण होता है इसके लिए इलेक्ट्रान निष्कासन क्षमता का क्रम निम्न लिखित है।

Zn > Cu > Ag

विधुत रासायनिक श्रेणी में जो धातुएं ऊपर होती हैं वो अपने से नीचे वाली धातुओं को उनके विलयन से विस्थापित कर सकती है।

अभ्यास प्रश्न

  • प्रतियोगी इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण अभिक्रियाएँ क्या हैं ?
  • विधुत रासायनिक श्रेणी क्या हैं ?