सहसंयोजक या आण्विक हाइड्राइड

From Vidyalayawiki

Revision as of 16:54, 29 May 2024 by Shikha (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)

Listen

हाइड्राइड हाइड्रोजन तत्व का ऋणायन (ऋणात्मक/निगेटिव आवेश वाला आयन) होता है, जिसे रासायनिक सूत्र H द्वारा दर्शाया जाता है। हाइड्रोजन आवर्त सारणी का सबसे हल्का तत्व है। यह उच्च तापमान पर ही प्राप्त होता है। यह द्विपरमाणुक होता है, इसे डायटोमिक अणु कहा जाता है जिसे H2 के रूप में दर्शाया जाता है, इसलिए इसे डाइहाइड्रोजन भी कहा जाता है। यह डाइहाइड्रोजन विभिन्न तत्वों से जुड़कर द्विक्षारीय यौगिक बनाता है, जिन्हें हाइड्राइड् कहा जाता है। इसे सामान्यतः MHx से प्रदर्शित किया जाता है जहां M तत्व है और x हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या है।

हाइड्रोजन उत्कृष्ट गैसों और इंडियम और थैलियम को छोड़कर कई तत्वों के साथ हाइड्राइड बनाता है। यदि हम लैंथेनाइड और एक्टिनाइड श्रृंखला के तत्वों की बात करें तो ये भी हाइड्राइड बनाते हैं। संक्रमण धातुएँ भी हाइड्राइड बनाती हैं।

हाइड्राइड के प्रकार

हाइड्राइड तीन प्रकार के होते हैं:

  • आयनिक या नमक जैसा खारा हाइड्राइड।
  • धात्विक या अंतरालीय हाइड्राइड।
  • आणविक या सहसंयोजक हाइड्राइड।

आणविक या सहसंयोजक हाइड्राइड

सहसंयोजक हाइड्राइड में मुख्य रूप से पी-ब्लॉक और एस-ब्लॉक के कुछ तत्व जैसे बेरिलियम और मैग्नीशियम सम्मिलित होते हैं। इसका कारण हाइड्रोजन और इन तत्वों की विधुतऋणात्मकता  में कम अंतर है। इसे सामान्यतः XHn (s-ब्लॉक के तत्वों के लिए) या XH8-n (p-ब्लॉक के तत्वों के लिए) के रूप में दर्शाया जाता है, यहां n संयोजी शेल में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या है। ये हाइड्राइड बहुत प्रबल बंध नहीं बनाते हैं। वे केवल दुर्बल सहसंयोजक बंध बनाते हैं ये आपस में वानडर वाल्स आकर्षण बल से जुड़े होते हैं, इसीलिए हम उन्हें सहसंयोजक हाइड्राइड भी कहते हैं।

सहसंयोजक हाइड्राइड का गलनांक कम और क्वथनांक कम होता है। इस कारण ये विद्युत के कुचालक भी होते हैं। समूह 13 के हाइड्राइड, उनकी इलेक्ट्रॉन की कमी के लिए जाने जाते हैं। समूह 14 के हाइड्राइड में सहसंयोजक बंध के निर्माण के लिए आवश्यक इलेक्ट्रॉनों की सटीक संख्या होती है। यदि हम समूह 15, 16 और 17 की बात करें तो इन समूहों में हाइड्राइड के निर्माण के लिए आवश्यकता से अधिक इलेक्ट्रॉन होते हैं, इसलिए हम इन्हें इलेक्ट्रॉन युक्त हाइड्राइड की श्रेणी में रखते हैं।

  • सहसंयोजक हाइड्राइड ऐसे यौगिक होते हैं जहां हाइड्रोजन परमाणु अन्य अधातु परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध बनाते हैं।
  • इन हाइड्राइडों को "सहसंयोजक यौगिक" भी कहा जाता है क्योंकि बंध में इलेक्ट्रॉनों का आदान-प्रदान होता है।
  • सहसंयोजक हाइड्राइड सामान्यतः हाइड्रोजन और अधातुओं, जैसे कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर और हैलोजन (जैसे, H2O, NH3, H2S, HCl) के बीच बनते हैं।
  • वे अलग-अलग रासायनिक सूत्रों के साथ अलग-अलग अणुओं के रूप में उपस्थित  हैं।
  • सहसंयोजक हाइड्राइड में सामान्यतः आयनिक यौगिकों की तुलना में कम क्वथनांक होते हैं, जो धातु और अधातु तत्वों से बनते हैं।

अभ्यास प्रश्न

  • हाइड्राइड से आप क्या समझते हैं?
  • आयनिक हाइड्राइड, धात्विक हाइड्राइड में क्या अंतर है?
  • सहसंयोजक हाइड्राइड के कुछ उदाहरण दीजिये।