औषध एन्जाइम अन्योन्य क्रिया

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एक निश्चित अणु एक एंजाइम की सक्रिय साइट पर आता है और बंध बनाता है जिससे कोई नया अणु नहीं आ पता, जिसे एंजाइम अवरोधक के रूप में जाना जाता है। कुछ पदार्थ एन्जाइम की आबंधन सतह को रोककर इन अन्योन्य क्रियाओं में बाधा डालते है और क्रियाधार के एन्जाइम पर आबंधन को रोककर एन्जाइम की उत्प्रेरक क्रिया को बाधित अर्थात संदमित करते है, इन्हें संदमक कहा जाता है। वे पदार्थ जो एंजाइम सक्रिय स्थलों से संयोग करके इन्हे निष्क्रिय कर देते हैं, ऐसे पदार्थ एंजाइम संदमक कहलाते हैं।

औषध एंजाइम की सक्रिय सतह पर क्रियाधार के संयोजन से दो प्रकार के अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं।

स्पर्धी संदमन

ऐसे पदार्थों की संरचना क्रियाधार से मिलती है तो ये पदार्थ सक्रिय स्थलों से जुड़ने में प्रतिस्पर्धा करते हैं जिससे एंजाइम की क्रिया मंद हो जाती है।

अस्पर्धी संदमन

ऐसे पदार्थों की संरचना क्रियाधार से मिलती है, वह एंजाइम के सक्रिय स्थलों पर जुड़कर उन्हें स्थाई रूप से विकृत कर देते हैं।

उदाहरण

Pb+2 , Hg+2, Ag+

कुछ औषध एंजाइम की सक्रिय सतह पर संयोजन नहीं करती। यह एंजाइम की भिन्न सतह पर संयोजन करती है जिसे ऐलोस्टीरिक सतह कहते हैं। इस प्रकार संदमक के ऐलोस्टीरिक सतह पर संयोजन से सक्रीय सतह की आकृति कुछ इस प्रकार परिवर्तित होती है कि क्रियाधार इसे पहचान नहीं सकते। यदि एंजाइम तथा संदमक के बीच बना आबंध मजबूत सहसंयोजी आबंध है और इसे आसानी से तोडा भी न सके, तो एंजाइम स्थाई रूप से अवरुद्ध हो जाता है जिससे एंजाइम - संदमक संकुल को निम्नीकृत कर देता है और नया एंजाइम प्राप्त हो जाता है।   

अभ्यास प्रश्न

  • एंजाइम संदमक क्या हैं ?
  • स्पर्धी संदमन पर टिप्पणी दीजिये।
  • औषध एन्जाइम अन्योन्य क्रिया समझाइये।