फिंकेलस्टाइन अभिक्रिया

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फिंकेलस्टीन अभिक्रिया एक प्रतिस्थापन न्यूक्लियोफिलिक द्विआण्विक अभिक्रिया (SN2) है जिसमें हैलोजन परमाणुओं का आदान-प्रदान सम्मिलित है। इसका नाम जर्मन रसायनज्ञ हंस फिंकेलस्टीन के नाम पर रखा गया है। यह एक कार्बनिक अभिक्रिया के माध्यम से एक एल्काइल हैलाइड को दूसरे एल्काइल हैलाइड में परिवर्तित करती है जिसमें धातु हैलाइड लवण का उपयोग किया जाता है।

फिंकेलस्टाइन अभिक्रिया की विशेषताएं

  • यह एक द्विआणविक अभिक्रिया है।
  • इसमें हैलाइड का आदान प्रदान होता है।
  • यह एक SN2 अभिक्रिया है।

फिंकेलस्टाइन अभिक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक

यह अभिक्रिया निम्नलिखित स्थितियों पर निर्भर करती है।

  • न्यूक्लियोफिलिसिटी
  • समूह की प्रकृति
  • कार्बन-हैलोजन बंध
  • एल्काइल हैलाइड अभिक्रियाशीलता

अभ्यास प्रश्न

  • फिंकेलस्टीन अभिक्रिया क्या है?
  • फिंकेलस्टीन की अभिक्रिया में किस अभिकर्मक का उपयोग किया जाता है?
  • फिंकेलस्टीन अभिक्रिया एकअण्विक अथवा द्विआणविक है।