कार्य

From Vidyalayawiki

Revision as of 15:43, 31 May 2024 by Shikha (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)

कार्य उन प्रमुख प्रक्रियाओं में से एक है जिसके द्वारा एक उष्मागतिकी प्रणाली अपने परिवेश के साथ आपसी संबंध रखती है और ऊर्जा का आदान-प्रदान कर सकती है। हम एक ऐसा निकाय लेते हैं जिसमे ऊष्मारोधी बीकर में जल की कुछ मात्रा है जिसमे निकाय एवं परिवेश के मध्य ऊष्मा का प्रवाह नहीं है, ऐसे निकाय में अवस्था परिवर्तन को रुद्धोष्म प्रक्रम कहते हैं। इसमें निकाय एवं परिवेश के मध्य कोई ऊष्मा विनिमय नही होती। यहाँ पर रुद्धोष्म दीवार निकाय एवं परिवेश को अलग करती है। निकाय पर कुछ कार्य करके उसकी आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन किया जा सकता है।

कार्य का मात्रक

अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली (SI) में, कार्य को जूल (प्रतीक J) में मापा जाता है। जिस दर पर कार्य किया जाता है वह शक्ति है, जिसे जूल प्रति सेकंड में मापा जाता है, और इकाई वाट (W) से दर्शाया जाता है।

किसी वस्तु पर किए गए कार्य की मात्रा की गणना,उस वस्तु पर लगाए गए बल को, उसके द्वारा तय की गई दूरी से गुणा करके की जाती है। इसस प्रकार समीकरण रूप में कार्य ()

द्वारा दिया जाता सकता है।

जहाँ:

  •   कार्य का प्रतिनिधित्व करता है (जूल, में मापा जाता है)।
  •   लगाए गए बल के परिमाण का प्रतिनिधित्व करता है (न्यूटन, में मापा जाता है)।
  •   वस्तु के विस्थापन का प्रतिनिधित्व करता है (मीटर, में मापा जाता है)।
  •   लगाए गए बल की दिशा और विस्थापन की दिशा के बीच के कोण का प्रतिनिधित्व करता है।

अभ्यास प्रश्न

  • कार्य क्या है ?
  • कार्य का रासायनिक सूत्र लिखिए।