सम्मिलन(समुच्चय)
समुच्चयों का सम्मिलन
मान लेते हैं कि और कोई दो समुच्चय हैं। और का सम्मिलन वह समुच्चय है जिसमें के सभी अवयवों के साथ के भी सभी अवयव हों, तथा उभयनिष्ठ अवयवों को केवल एक बार लिया गया हो। प्रतीक '' का प्रयोग सम्मिलन को निरूपित करने के लिए किया जाता है। प्रतीकात्मक रूप में हम लिखते हैं और इसे ' सम्मिलन ' पढ़ते हैं।
उदाहरण 1: मान लीजिए किऔर । ज्ञात कीजिए।
हल: हम देखते हैं कि
ध्यान दें कि लिखते समय उभयनिष्ठ अवयव और को मात्र एक बार लिखते हैं।
उदाहरण 2: मान लीजिए कि और
।
हल: स्पष्टतया ।
इस उदाहरण से स्पष्ट होता है कि किसी समुच्चय और उसके उपसमुच्चय का सम्मिलन समुच्चय स्वयं होता है, अर्थात् यदि , तो ।
परिभाषा:
दो समुच्चयों और का सम्मिलन समुच्चय, वह समुच्चय है जिसमें वे सभी अवयव हैं, जो या तो में हैं या में हैं (उन अवयवों को सम्मिलित हुए जो दोनों में हैं)। प्रतीकात्मक रूप में हम लिखते हैं कि या है।
दो समुच्चयों के सम्मिलन को चित्र में दिखाए गए वेन आरेख से प्रदर्शित किया जा सकता है।
चित्र में छायांकित भाग को प्रदर्शित करता है।
सम्मिलन की संक्रिया के कुछ गुणधर्मः
(i) (क्रम विनिमय नियम )
(ii) (साहचर्य नियम)
(iii) (तत्समक नियम, संक्रिया का तत्समक अवयव है )
(iv) ( वर्गसम नियम)
(v) ( का नियम)