समतापमंडलीय प्रदूषण: Difference between revisions

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'''समतापमंडलीय प्रदूषण'''
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समतापमंडलीय क्षेत्र वायुमंडल के क्षोभमंडलीय क्षेत्र से ऊपर स्थित है। समुद्र तल की गहराई से इसकी सीमा '''10 किमी से 50 किमी''' तक है। समतापमंडलीय क्षेत्र में '''[[ओजोन परत]]''' स्थित होती है, यह परत हमें हानिकारक पराबैंगनी सौर विकिरण से बचाती है। समतापमंडलीय प्रदूषण में, ओजोन रिक्तीकरण का मुख्य कारण उर्वरक उद्योगों से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन और शीतलन प्रणाली द्वारा उत्सर्जित क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) है। ओजोन परत का विनाश हैलोजेनेटेड [[हाइड्रोकार्बन]] क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) पर अभिक्रिया करने से होता है। CFC गैस रासायनिक रूप से निष्क्रिय, गैर विषाक्त, गैर ज्वलनशील और द्रवीकृत गैस है। इसलिए इसका उपयोग रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर में किया जाता है जिससे यह हवा में मुक्त होकर समतापमंडलीय क्षेत्र में चला जाता है। ये प्रदूषक समतापमंडलीय क्षेत्र में '''40-150''' वर्षों के अत्यंत लंबे समय तक रह सकते हैं।


समतापमंडलीय क्षेत्र वायुमंडल के क्षोभमंडलीय क्षेत्र से ऊपर है।  समुद्र तल की गहराई से इसकी सीमा '''10 किमी से 50 किमी''' तक है।
=== '''ओजोन परत के क्षरण के अन्य कारण''' ===
 
* ओजोन परत का क्षय ज्वालामुखी विस्फोट के कारण भी होता है जो वायुमंडल में सल्फर छोड़ता है और जो फोटोकैमिकल अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करता है।
समतापमंडलीय क्षेत्र में '''ओजोन परत''' होती है।  यह परत हमें हानिकारक पराबैंगनी सौर विकिरण से बचाती है।
* सुपरसोनिक वाहन (उच्च गति वाहन), सैन्य हवाई जहाज, परमाणु बम आदि से उत्सर्जित प्रदूषक, पृथ्वी के चारों ओर ओजोन परत को प्रभावित करते हैं।
 
समतापमंडलीय प्रदूषण में, ओजोन परत का विनाश हैलोजेनेटेड हाइड्रोकार्बन क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) पर प्रतिक्रिया करने से होता है।  CFC गैस रासायनिक रूप से निष्क्रिय, गैर विषाक्त, गैर ज्वलनशील और  द्रवीकृत गैस है।  इसलिए इसका उपयोग रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर में किया जाता है जिससे यह हवा में मुक्त होकर समतापमंडलीय क्षेत्र में चला जाता है।
 
ये प्रदूषक समतापमंडलीय क्षेत्र में '''40-150''' वर्षों के अत्यंत लंबे समय तक रह सकते हैं।
 
तो यहां हम इसी से जुड़े प्रदूषण पर चर्चा करेंगे।


== '''ओजोन परत का क्षरण''' ==
== '''ओजोन परत का क्षरण''' ==
समतापमंडलीय क्षेत्र में यूवी विकिरण आणविक ऑक्सीजन '''(O<sub>2</sub>)''' को मुक्त ऑक्सीजन '''(O)''' परमाणुओं में विभाजित कर देता है।
समतापमंडलीय क्षेत्र में यूवी विकिरण आणविक ऑक्सीजन '''(O<sub>2</sub>)''' को मुक्त ऑक्सीजन '''(O)''' परमाणुओं में विभाजित कर देता है। ये ऑक्सीजन [[परमाणु]] आणविक ऑक्सीजन के साथ मिलकर ओजोन '''(O<sub>3</sub>''') बनाते हैं, फिर सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ओजोन फिर से टूटकर आणविक ऑक्सीजन और नीसेंट [O] बनाती है।  
 
ये ऑक्सीजन परमाणु आणविक ऑक्सीजन के साथ मिलकर ओजोन '''(O3''') बनाते हैं।  फिर सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ओजोन फिर से टूटकर आणविक ऑक्सीजन और नीसेंट O बनाती है।


O2 (g) →O(g) + O(g)
O<sub>2</sub> (g) →O(g) + O(g)


O(g) + O2 (g) =O3 (g)
O(g) + O2 (g) →O<sub>3</sub> (g)


इस प्रकार एक गतिशील संतुलन स्थापित होता है, जो ओजोन परत को निरंतर बनाए रखता है, लेकिन यह संतुलन '''CFC ( chloro fluoro carbon, CF<sub>2</sub>Cl<sub>2</sub>)''' या '''फ़्रीऑन गैस''' से बिगड़ जाता है।  इस गैस का उपयोग '''रेफ्रिजरेटर''' और '''एयर कंडीशनर''' में किया जाता है।
इस प्रकार एक गतिशील संतुलन स्थापित होता है, जो ओजोन परत को निरंतर बनाए रखता है, लेकिन यह संतुलन '''CFC (CF<sub>2</sub>Cl<sub>2</sub>)''' या '''फ़्रीऑन गैस''' से बिगड़ जाता है। इस गैस का उपयोग '''रेफ्रिजरेटर''' और '''एयर कंडीशनर''' में किया जाता है और ये गैसें इनके द्वारा हवा में उत्सर्जित होते हैं।


सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सीएफसी इस प्रकार टूट जाता है।
सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सीएफसी इस प्रकार टूट जाता है।
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ClO'''*'''(g) + O (g) → Cl (g) + '''O<sub>2</sub> (g)'''
ClO'''*'''(g) + O (g) → Cl (g) + '''O<sub>2</sub> (g)'''


हम उपरोक्त प्रतिक्रियाओं से देख सकते हैं कि क्लोरो फ्लोरो कार्बन (CF<sub>2</sub>Cl<sub>2</sub>) ओजोन (O<sub>3</sub>) को मुक्त ऑक्सीजन (O<sub>2</sub>) में परिवर्तित करता है।  इस प्रकार यह यौगिक उत्सर्जन ओजोन परत को लगातार नुकसान पहुंचाता है।
हम उपरोक्त अभिक्रियाओं से देख सकते हैं कि क्लोरो फ्लोरो कार्बन (CF<sub>2</sub>Cl<sub>2</sub>) ओजोन (O<sub>3</sub>) को मुक्त ऑक्सीजन (O<sub>2</sub>) में परिवर्तित करता है। इस प्रकार यह यौगिक उत्सर्जन ओजोन परत को लगातार नुकसान पहुंचाता है। ये अभिक्रियाएं मुक्त मूलक अभिक्रिया हैं और '''*''' प्रतीक अभिक्रिया में मुक्त मूलक यौगिकों को इंगित करता है।
 
== '''ओजोन परत से सम्बंधित तथ्य''' ==
 
*  ओजोन परत वायुमंडल के ऊपरी क्षेत्र समतापमंडलीय में पाई जाती है, यह क्षेत्र वायुमंडल में [[क्षोभमंडलीय प्रदूषण|क्षोभमंडल]] के ऊपर और मध्यमंडल के नीचे स्थित है।
*   पृथ्वी के चारों ओर उपस्थित ओजोन परत हमें सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से बचाती है, यह उस प्रकार के [[विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति|विकिरण]] को वहां रोकती है। यह उस क्षेत्र में आणविक ऑक्सीजन और ओजोन के बीच स्थापित गतिशील संतुलन को सक्रिय करने के लिए सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करता है।
*  आणविक ऑक्सीजन पर यूवी किरणों की क्रिया से वायुमंडल में ओजोन लगातार बनती रहती है और समताप मंडल द्वारा आणविक ऑक्सीजन में भी विघटित हो जाती है।
*  समताप मंडल क्षेत्र में ओजोन के उत्पादन और क्षरण के बीच संतुलन होना चाहिए, लेकिन क्लोरोफ्लोरोकार्बन और अन्य प्रदूषकों की उपस्थिति से संतुलन गड़बड़ा रहा है, जो क्षोभमंडल से उस क्षेत्र में पहुंचते हैं।
* ओजोन परत के क्षरण के कारण अंटार्कटिका क्षेत्र के वायुमंडल में ओजोन परत  में रिक्तीकरण हो गया है। वहां से कई हानिकारक पराबैंगनी विकिरण पृथ्वी पर आते हैं, क्योंकि प्रदूषक हैलोजेनेटेड गैस हवा की धाराओं द्वारा ध्रुवीय उच्च ऊंचाई पर एकत्रित होती है।
 
== '''समताप मंडल में ओजोन परत के क्षय के प्रभाव''' ==


ओजोन परत से सम्बंधित तथ्य
* O<sub>3</sub> परत के समाप्त होने के कारण U.V विकिरण पृथ्वी की सतह पर गिरता है। यूवी विकिरण पृथ्वी के ताप संतुलन को बिगाड़ देते हैं, इसीलिए ओजोन परत का क्षरण भी [[ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीनहाउस प्रभाव|ग्लोबल वार्मिंग]] का कारण है।


   1. ओजोन परत वायुमंडल के ऊपरी भाग स्ट्रैटोस्फियर नामक भाग में पाई जाती है।  यह क्षेत्र क्षोभमंडल के ऊपर और मध्यमंडल के नीचे स्थित है।
* त्वचा रोग के खतरे में वृद्धि यूवी विकिरण के सीधे संपर्क के कारण होती है, इससे त्वचा कैंसर हो सकता है। यूवी विकिरण भी प्रायः प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं।


   2. पृथ्वी के चारों ओर मौजूद ओजोन परत हमें सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से बचाती है, यह उस प्रकार के विकिरण को वहां रोकती है।  यह उस क्षेत्र में आणविक ऑक्सीजन और ओजोन के बीच स्थापित गतिशील संतुलन को सक्रिय करने के लिए सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करता है।
* यूवी विकिरण पौधों में उपस्थित [[प्रोटीन]] पदार्थों को प्रभावित करते हैं, [[क्लोरोफिल]] को कम करते हैं। इससे पौधों का [[पोषण]] प्रभावित होगा और पौधों का विकास इससे प्रभावित होगा।


   3. आणविक ऑक्सीजन पर यूवी किरणों की क्रिया से वायुमंडल में ओजोन लगातार बनती रहती है और समताप मंडल द्वारा आणविक ऑक्सीजन में भी विघटित हो जाती है।
== अभ्यास प्रश्न ==


   4. समताप मंडल क्षेत्र में ओजोन के उत्पादन और क्षरण के बीच संतुलन होना चाहिए, लेकिन क्लोरोफ्लोरोकार्बन और अन्य प्रदूषकों की उपस्थिति से संतुलन गड़बड़ा रहा है, जो क्षोभमंडल से उस क्षेत्र में पहुंचते हैं।
* ओजोन परत का क्षरण क्या है ?
* ओजोन परत के क्षरण लिए उत्तरदाई कारक बताइये।
* ओजोन परत के क्षरण को रोकने के लिए उपाय बताइये।  

Latest revision as of 19:22, 18 May 2024

समतापमंडलीय क्षेत्र वायुमंडल के क्षोभमंडलीय क्षेत्र से ऊपर स्थित है। समुद्र तल की गहराई से इसकी सीमा 10 किमी से 50 किमी तक है। समतापमंडलीय क्षेत्र में ओजोन परत स्थित होती है, यह परत हमें हानिकारक पराबैंगनी सौर विकिरण से बचाती है। समतापमंडलीय प्रदूषण में, ओजोन रिक्तीकरण का मुख्य कारण उर्वरक उद्योगों से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन और शीतलन प्रणाली द्वारा उत्सर्जित क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) है। ओजोन परत का विनाश हैलोजेनेटेड हाइड्रोकार्बन क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) पर अभिक्रिया करने से होता है। CFC गैस रासायनिक रूप से निष्क्रिय, गैर विषाक्त, गैर ज्वलनशील और द्रवीकृत गैस है। इसलिए इसका उपयोग रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर में किया जाता है जिससे यह हवा में मुक्त होकर समतापमंडलीय क्षेत्र में चला जाता है। ये प्रदूषक समतापमंडलीय क्षेत्र में 40-150 वर्षों के अत्यंत लंबे समय तक रह सकते हैं।

ओजोन परत के क्षरण के अन्य कारण

  • ओजोन परत का क्षय ज्वालामुखी विस्फोट के कारण भी होता है जो वायुमंडल में सल्फर छोड़ता है और जो फोटोकैमिकल अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करता है।
  • सुपरसोनिक वाहन (उच्च गति वाहन), सैन्य हवाई जहाज, परमाणु बम आदि से उत्सर्जित प्रदूषक, पृथ्वी के चारों ओर ओजोन परत को प्रभावित करते हैं।

ओजोन परत का क्षरण

समतापमंडलीय क्षेत्र में यूवी विकिरण आणविक ऑक्सीजन (O2) को मुक्त ऑक्सीजन (O) परमाणुओं में विभाजित कर देता है। ये ऑक्सीजन परमाणु आणविक ऑक्सीजन के साथ मिलकर ओजोन (O3) बनाते हैं, फिर सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ओजोन फिर से टूटकर आणविक ऑक्सीजन और नीसेंट [O] बनाती है।

O2 (g) →O(g) + O(g)

O(g) + O2 (g) →O3 (g)

इस प्रकार एक गतिशील संतुलन स्थापित होता है, जो ओजोन परत को निरंतर बनाए रखता है, लेकिन यह संतुलन CFC (CF2Cl2) या फ़्रीऑन गैस से बिगड़ जाता है। इस गैस का उपयोग रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर में किया जाता है और ये गैसें इनके द्वारा हवा में उत्सर्जित होते हैं।

सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सीएफसी इस प्रकार टूट जाता है।

CF2Cl2 (g)  →Cl* (g) + CF2Cl (g)

Cl*(g) + O3 (g) → ClO*(g) + O2 (g)

ClO*(g) + O (g) → Cl (g) + O2 (g)

हम उपरोक्त अभिक्रियाओं से देख सकते हैं कि क्लोरो फ्लोरो कार्बन (CF2Cl2) ओजोन (O3) को मुक्त ऑक्सीजन (O2) में परिवर्तित करता है। इस प्रकार यह यौगिक उत्सर्जन ओजोन परत को लगातार नुकसान पहुंचाता है। ये अभिक्रियाएं मुक्त मूलक अभिक्रिया हैं और * प्रतीक अभिक्रिया में मुक्त मूलक यौगिकों को इंगित करता है।

ओजोन परत से सम्बंधित तथ्य

  •  ओजोन परत वायुमंडल के ऊपरी क्षेत्र समतापमंडलीय में पाई जाती है, यह क्षेत्र वायुमंडल में क्षोभमंडल के ऊपर और मध्यमंडल के नीचे स्थित है।
  •   पृथ्वी के चारों ओर उपस्थित ओजोन परत हमें सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से बचाती है, यह उस प्रकार के विकिरण को वहां रोकती है। यह उस क्षेत्र में आणविक ऑक्सीजन और ओजोन के बीच स्थापित गतिशील संतुलन को सक्रिय करने के लिए सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करता है।
  •  आणविक ऑक्सीजन पर यूवी किरणों की क्रिया से वायुमंडल में ओजोन लगातार बनती रहती है और समताप मंडल द्वारा आणविक ऑक्सीजन में भी विघटित हो जाती है।
  •  समताप मंडल क्षेत्र में ओजोन के उत्पादन और क्षरण के बीच संतुलन होना चाहिए, लेकिन क्लोरोफ्लोरोकार्बन और अन्य प्रदूषकों की उपस्थिति से संतुलन गड़बड़ा रहा है, जो क्षोभमंडल से उस क्षेत्र में पहुंचते हैं।
  • ओजोन परत के क्षरण के कारण अंटार्कटिका क्षेत्र के वायुमंडल में ओजोन परत में रिक्तीकरण हो गया है। वहां से कई हानिकारक पराबैंगनी विकिरण पृथ्वी पर आते हैं, क्योंकि प्रदूषक हैलोजेनेटेड गैस हवा की धाराओं द्वारा ध्रुवीय उच्च ऊंचाई पर एकत्रित होती है।

समताप मंडल में ओजोन परत के क्षय के प्रभाव

  • O3 परत के समाप्त होने के कारण U.V विकिरण पृथ्वी की सतह पर गिरता है। यूवी विकिरण पृथ्वी के ताप संतुलन को बिगाड़ देते हैं, इसीलिए ओजोन परत का क्षरण भी ग्लोबल वार्मिंग का कारण है।
  • त्वचा रोग के खतरे में वृद्धि यूवी विकिरण के सीधे संपर्क के कारण होती है, इससे त्वचा कैंसर हो सकता है। यूवी विकिरण भी प्रायः प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं।
  • यूवी विकिरण पौधों में उपस्थित प्रोटीन पदार्थों को प्रभावित करते हैं, क्लोरोफिल को कम करते हैं। इससे पौधों का पोषण प्रभावित होगा और पौधों का विकास इससे प्रभावित होगा।

अभ्यास प्रश्न

  • ओजोन परत का क्षरण क्या है ?
  • ओजोन परत के क्षरण लिए उत्तरदाई कारक बताइये।
  • ओजोन परत के क्षरण को रोकने के लिए उपाय बताइये।