श्रृंखला प्रारंभिक पद: Difference between revisions
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बहुलक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों 'पॉली' अर्थात अनेक और मर अर्थात इकाई अथवा भाग से हुई है बहुलकों का अणुभार बहुत उच्च होता है जिनका द्रव्यमान बहुत अधिक होता है उसे बृहदणु भी कहा जाता है ये कई मोनोमर इकाइयों के आपस में जुड़ने से बनते हैं ये सभी इकाइयां एक दूसरे से सहसहयोजक बंधों द्वारा जुडी होती हैं। | |||
===योगात्मक बहुलकन=== | |||
इस प्रकार के बहुलक में एक अथवा भिन्न प्रकार के एकलक अणु परस्पर योग करते हैं इसमें प्रयुक्त होने वाले बहुलक असंतृप्त यौगिक होते हैं। जैसे - [[एल्कीन]] इस विधि में श्रंख्ला की लम्बाई में वृद्धि होती है यह [[मुक्त मूलक]] द्वारा होती है। | |||
=== योगात्मक बहुलकन की क्रियाविधि === | |||
विभिन्न प्रकार एल्कीन अथवा डाइईन के व्युत्पन्न का बहुलकन मुक्त मूलक उत्प्रेरक की उपस्थित में होता है। ये मुक्त मूलक बेंज़ॉयल परॉक्साइड, एसीटिल परॉक्साइड द्वारा होता है। | |||
=== पॉलिथीन बनाने की विधि === | |||
यह एक रैखिक अथवा कम शाखाओं की एक लम्बी श्रंख्ला होती है तह एक ताप सुदृढ बहुलक है। अतः इसे गर्म करके मृदु और ठंडा करके कठोर बनाया जा सकता है। | |||
<chem>nCH2 = CH2 -> [-CH2-CH2-]n</chem> | |||
यह बेंज़ोयल परॉक्साइड प्रारम्भक की अल्प मात्रा की उपस्थित में मिश्रण को खुला छोड़ देने पर होती है। प्रक्रिया परॉक्साइड द्वारा बनने वाले फेनिल मुक्त मूलक के एथीन द्विबंध पर योग से प्रारम्भ होती है और एक बड़ा मुक्त मूलक प्राप्त होता है इसको श्रंखला प्रारम्भक पद कहते हैं। | |||
== श्रंखला प्रारम्भक पद == | |||
<chem>C6H5-CO-O-O-CO-C6H5 -> 2C6H5-CO-O^. -> 2C6H5^.</chem> | |||
<chem>C6H5^. + CH2=CH2 -> C6H5-CH2-CH2-CH2^.</chem> | |||
==समबहुलक== | |||
एक ही प्रकार की एकलक यौगिकों के बहुलकीकरण से बनने वाले योगज बहुलक को समबहुलक कहा जाता है। जैसे पॉलीस्टायरीन का एकमात्र मोनोमर स्टायरीन ही है। | |||
'''उदाहरण -''' पॉलीथीन | |||
==सहबहुलक== | |||
दो भिन्न प्रकार के एकलक अणुओं के योगात्मक बहुलकीकरण से बनने वाले बहुलकों को [[सहबहुलक]] कहा जाता है। अलग अलग प्रकार की मोनोमर इकाईयों से बनने वाले बहुलक को कोपॉलीमर कहते हैं। जैसे इथाइल-विनाइल-एसीटेट भिन्न प्रकार के मोनोमरों से बनता है। | |||
'''उदाहरण -''' ब्यूना - S | |||
<chem>n CH2=CH-CH=CH2 + n C6H5CH=CH2 -> [-CH2-CH=CH-CH2-CH(C6H5)-CH2]n</chem> | |||
==अभ्यास प्रश्न== | |||
*योगात्मक बहुलक से आप क्या समझते है ? | |||
*बहुलक कितने प्रकार के होते हैं ? | |||
*प्राकृतिक बहुलक को उदाहरण समझिये। | |||
*समबहुलक को उदाहरण समझिये। | |||
*श्रंखला प्रारम्भक पद क्या है ? |
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बहुलक या पाॅलीमर (polymer) बहुत अधिक अणुभार वाला कार्बनिक यौगिक है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता है, मोनोमर के बहुत अधिक इकाईयों के बहुलकीकरण से प्राप्त होता है। बहुलक में एक ही प्रकार की अनेक आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ अर्थात मोनोमर होते हैं जो सह संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से आपस में जुड़े होते हैं। इस क्रिया को बहुलकीकरण कहते हैं।
बहुलक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों 'पॉली' अर्थात अनेक और मर अर्थात इकाई अथवा भाग से हुई है बहुलकों का अणुभार बहुत उच्च होता है जिनका द्रव्यमान बहुत अधिक होता है उसे बृहदणु भी कहा जाता है ये कई मोनोमर इकाइयों के आपस में जुड़ने से बनते हैं ये सभी इकाइयां एक दूसरे से सहसहयोजक बंधों द्वारा जुडी होती हैं।
योगात्मक बहुलकन
इस प्रकार के बहुलक में एक अथवा भिन्न प्रकार के एकलक अणु परस्पर योग करते हैं इसमें प्रयुक्त होने वाले बहुलक असंतृप्त यौगिक होते हैं। जैसे - एल्कीन इस विधि में श्रंख्ला की लम्बाई में वृद्धि होती है यह मुक्त मूलक द्वारा होती है।
योगात्मक बहुलकन की क्रियाविधि
विभिन्न प्रकार एल्कीन अथवा डाइईन के व्युत्पन्न का बहुलकन मुक्त मूलक उत्प्रेरक की उपस्थित में होता है। ये मुक्त मूलक बेंज़ॉयल परॉक्साइड, एसीटिल परॉक्साइड द्वारा होता है।
पॉलिथीन बनाने की विधि
यह एक रैखिक अथवा कम शाखाओं की एक लम्बी श्रंख्ला होती है तह एक ताप सुदृढ बहुलक है। अतः इसे गर्म करके मृदु और ठंडा करके कठोर बनाया जा सकता है।
यह बेंज़ोयल परॉक्साइड प्रारम्भक की अल्प मात्रा की उपस्थित में मिश्रण को खुला छोड़ देने पर होती है। प्रक्रिया परॉक्साइड द्वारा बनने वाले फेनिल मुक्त मूलक के एथीन द्विबंध पर योग से प्रारम्भ होती है और एक बड़ा मुक्त मूलक प्राप्त होता है इसको श्रंखला प्रारम्भक पद कहते हैं।
श्रंखला प्रारम्भक पद
समबहुलक
एक ही प्रकार की एकलक यौगिकों के बहुलकीकरण से बनने वाले योगज बहुलक को समबहुलक कहा जाता है। जैसे पॉलीस्टायरीन का एकमात्र मोनोमर स्टायरीन ही है।
उदाहरण - पॉलीथीन
सहबहुलक
दो भिन्न प्रकार के एकलक अणुओं के योगात्मक बहुलकीकरण से बनने वाले बहुलकों को सहबहुलक कहा जाता है। अलग अलग प्रकार की मोनोमर इकाईयों से बनने वाले बहुलक को कोपॉलीमर कहते हैं। जैसे इथाइल-विनाइल-एसीटेट भिन्न प्रकार के मोनोमरों से बनता है।
उदाहरण - ब्यूना - S
अभ्यास प्रश्न
- योगात्मक बहुलक से आप क्या समझते है ?
- बहुलक कितने प्रकार के होते हैं ?
- प्राकृतिक बहुलक को उदाहरण समझिये।
- समबहुलक को उदाहरण समझिये।
- श्रंखला प्रारम्भक पद क्या है ?