संघ एस्केल्मिन्थीज (गोलकृमि): Difference between revisions
Listen
No edit summary |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:प्राणी जगत]][[Category:कक्षा-11]][[Category:जीव विज्ञान]][[Category:जंतु विज्ञान]] | [[Category:प्राणी जगत]][[Category:कक्षा-11]][[Category:जीव विज्ञान]][[Category:जंतु विज्ञान]] | ||
[[Category:Vidyalaya Completed]] | |||
जब आप अपने चारों ओर देखेंगे तो आपको अलग-अलग जानवरों के अलग-अलग संरचनाएं और रूप दिखाई देंगे। हर जानवर कई रूपों में दूसरे से भिन्न होता है। एक भी पशु प्रजाति अन्य प्रजातियों के समान नहीं है। जंतु जगत में कई फाइलम हैं जिन्हें कुछ अंतरों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। इस अध्याय में हम फाइलम एस्केल्मिन्थीज के विषय में चर्चा करेंगे। | जब आप अपने चारों ओर देखेंगे तो आपको अलग-अलग जानवरों के अलग-अलग संरचनाएं और रूप दिखाई देंगे। हर जानवर कई रूपों में दूसरे से भिन्न होता है। एक भी पशु प्रजाति अन्य प्रजातियों के समान नहीं है। जंतु जगत में कई फाइलम हैं जिन्हें कुछ अंतरों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। इस अध्याय में हम फाइलम एस्केल्मिन्थीज के विषय में चर्चा करेंगे। | ||
== परिचय == | == परिचय == | ||
एस्केल्मिन्थेस का शरीर गोलाकार होता है इसलिए इन्हे राउंडवॉर्म भी कहा जाता है। वे स्वतंत्र या पौधों और जानवरों में परजीवी, जलीय या स्थलीय हो सकते हैं। यह स्वतंत्र जीवन जीने वाले या परजीवी हैं। वे मिट्टी, मीठे पानी में या पौधों, जानवरों और यहां तक कि मनुष्यों पर परजीवी के रूप में पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए-'''''एस्केरिस''''' मानव आंत में एक अन्तःपरजीवी के रूप में जीवित पाया जाता है। उन्हें नेमाटोड या नेमैथेल्मिन्थेस भी कहा जाता है क्योंकि अनुप्रस्थ क्रॉस सेक्शन में जांच करने पर उनका शरीर गोल होता है। | एस्केल्मिन्थेस का शरीर गोलाकार होता है इसलिए इन्हे राउंडवॉर्म भी कहा जाता है। वे स्वतंत्र या पौधों और जानवरों में परजीवी, जलीय या स्थलीय हो सकते हैं। यह स्वतंत्र जीवन जीने वाले या परजीवी हैं। वे मिट्टी, मीठे पानी में या पौधों, जानवरों और यहां तक कि मनुष्यों पर परजीवी के रूप में पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए-'''''एस्केरिस''''' मानव [[आंत]] में एक अन्तःपरजीवी के रूप में जीवित पाया जाता है। उन्हें नेमाटोड या नेमैथेल्मिन्थेस भी कहा जाता है क्योंकि अनुप्रस्थ क्रॉस सेक्शन में जांच करने पर उनका शरीर गोल होता है। | ||
== वर्गीकरण == | == वर्गीकरण == | ||
आइये इसे '''''एस्केरिस लुम्ब्रिकोइडस''''' के उदाहरण से समझते है- | आइये इसे '''''एस्केरिस लुम्ब्रिकोइडस''''' के उदाहरण से समझते है- | ||
Line 23: | Line 23: | ||
* इस संघ के जंतुओं में स्यूडोसीलोम (झूठा कोइलोम) होता है। | * इस संघ के जंतुओं में स्यूडोसीलोम (झूठा कोइलोम) होता है। | ||
* इस संघ के जंतुओं के पास शरीर संगठन का एक अंग-प्रणाली स्तर है। | * इस संघ के जंतुओं के पास शरीर संगठन का एक अंग-प्रणाली स्तर है। | ||
* पाचन तंत्र में पेशीय ग्रसनी के साथ एक संपूर्ण आहार नाल सम्मिलित होती है। | * पाचन तंत्र में पेशीय [[ग्रसनी]] के साथ एक संपूर्ण [[आहार नाल]] सम्मिलित होती है। | ||
* श्वसन प्रणाली अनुपस्थित होती है और शरीर की सतह के माध्यम से गैसीय विसरण होता है। | * श्वसन प्रणाली अनुपस्थित होती है और शरीर की सतह के माध्यम से गैसीय [[विसरण]] होता है। | ||
* इस संघ के जंतुओं के पास कंकाल प्रणाली नहीं है। | * इस संघ के जंतुओं के पास [[कंकाल पेशियाँ|कंकाल]] प्रणाली नहीं है। | ||
* उत्सर्जन तंत्र में रेनेट कोशिकाएं उपस्थित होती हैं, जो उत्सर्जन और परासरण नियमन में सम्मिलित होती हैं। रेनेट कोशिकाएं अमोनिया और यूरिया उत्सर्जित करते हैं। | * उत्सर्जन तंत्र में रेनेट कोशिकाएं उपस्थित होती हैं, जो उत्सर्जन और परासरण नियमन में सम्मिलित होती हैं। रेनेट कोशिकाएं अमोनिया और यूरिया उत्सर्जित करते हैं। | ||
* तंत्रिका तंत्र में एक तंत्रिका वलय और उससे निकलने वाली तंत्रिका रज्जुएं सम्मिलित होती हैं। | * तंत्रिका तंत्र में एक तंत्रिका वलय और उससे निकलने वाली तंत्रिका रज्जुएं सम्मिलित होती हैं। | ||
* प्रजनन लैंगिक है। | * [[प्रजनन]] लैंगिक है। | ||
* निषेचन आंतरिक है। | * [[निषेचन]] आंतरिक है। | ||
* विकास लार्वा चरण के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष होता है। | * विकास लार्वा चरण के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष होता है। | ||
Line 37: | Line 37: | ||
'''एंसीलोस्टोमियासिस:''' यह छोटी आंत का संक्रमण होता है और एनीमिया का कारण बनता है। '''''एंसीलोस्टोमा डुओडेनेल''''' आंतों की दीवार से चिपक जाते हैं और खून चूसते हैं जिससे एनीमिया हो जाता है। | '''एंसीलोस्टोमियासिस:''' यह छोटी आंत का संक्रमण होता है और एनीमिया का कारण बनता है। '''''एंसीलोस्टोमा डुओडेनेल''''' आंतों की दीवार से चिपक जाते हैं और खून चूसते हैं जिससे एनीमिया हो जाता है। | ||
'''फाइलेरिया''': यह राउंडवॉर्म, '''''वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी''''' के कारण होता है। इस में त्वचा और त्वचा के नीचे उपस्थित ऊतक लसीका के संचय के कारण मोटे हो जाते हैं। | '''फाइलेरिया''': यह राउंडवॉर्म, '''''वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी''''' के कारण होता है। इस में त्वचा और त्वचा के नीचे उपस्थित [[ऊतक]] लसीका के संचय के कारण मोटे हो जाते हैं। | ||
'''एंटरोबियासिस:''' यह पिनवर्म, '''''एंटरोबियस वर्मीक्यूलरिस''''' के कारण होता है। इस में मलद्वार क्षेत्र में खुजली होती है और सोने में असुविधा होती है। | '''एंटरोबियासिस:''' यह पिनवर्म, '''''एंटरोबियस वर्मीक्यूलरिस''''' के कारण होता है। इस में मलद्वार क्षेत्र में खुजली होती है और सोने में असुविधा होती है। |
Latest revision as of 11:32, 19 June 2024
जब आप अपने चारों ओर देखेंगे तो आपको अलग-अलग जानवरों के अलग-अलग संरचनाएं और रूप दिखाई देंगे। हर जानवर कई रूपों में दूसरे से भिन्न होता है। एक भी पशु प्रजाति अन्य प्रजातियों के समान नहीं है। जंतु जगत में कई फाइलम हैं जिन्हें कुछ अंतरों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। इस अध्याय में हम फाइलम एस्केल्मिन्थीज के विषय में चर्चा करेंगे।
परिचय
एस्केल्मिन्थेस का शरीर गोलाकार होता है इसलिए इन्हे राउंडवॉर्म भी कहा जाता है। वे स्वतंत्र या पौधों और जानवरों में परजीवी, जलीय या स्थलीय हो सकते हैं। यह स्वतंत्र जीवन जीने वाले या परजीवी हैं। वे मिट्टी, मीठे पानी में या पौधों, जानवरों और यहां तक कि मनुष्यों पर परजीवी के रूप में पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए-एस्केरिस मानव आंत में एक अन्तःपरजीवी के रूप में जीवित पाया जाता है। उन्हें नेमाटोड या नेमैथेल्मिन्थेस भी कहा जाता है क्योंकि अनुप्रस्थ क्रॉस सेक्शन में जांच करने पर उनका शरीर गोल होता है।
वर्गीकरण
आइये इसे एस्केरिस लुम्ब्रिकोइडस के उदाहरण से समझते है-
- जगत- जन्तु (एनिमेलिया)
- उपजगत- यूमेटाज़ोआ
- संघ- एस्केल्मिन्थेस
- जाति- एस्केरिस
- प्रजाति- लुम्ब्रिकोइडस
विशेषताएँ
- शरीर द्विपक्षीय रूप से सममित और त्रिकोशीय है।
- शरीर खंडित, लंबा और अंत में पतला होता है।
- शरीर में मेटामेरिक विभाजन नहीं पाया जाता है।
- वे द्विलिंगी होते हैं, नर सामान्यतः मादाओं की तुलना में छोटे होते हैं।
- इस संघ के जंतुओं में स्यूडोसीलोम (झूठा कोइलोम) होता है।
- इस संघ के जंतुओं के पास शरीर संगठन का एक अंग-प्रणाली स्तर है।
- पाचन तंत्र में पेशीय ग्रसनी के साथ एक संपूर्ण आहार नाल सम्मिलित होती है।
- श्वसन प्रणाली अनुपस्थित होती है और शरीर की सतह के माध्यम से गैसीय विसरण होता है।
- इस संघ के जंतुओं के पास कंकाल प्रणाली नहीं है।
- उत्सर्जन तंत्र में रेनेट कोशिकाएं उपस्थित होती हैं, जो उत्सर्जन और परासरण नियमन में सम्मिलित होती हैं। रेनेट कोशिकाएं अमोनिया और यूरिया उत्सर्जित करते हैं।
- तंत्रिका तंत्र में एक तंत्रिका वलय और उससे निकलने वाली तंत्रिका रज्जुएं सम्मिलित होती हैं।
- प्रजनन लैंगिक है।
- निषेचन आंतरिक है।
- विकास लार्वा चरण के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष होता है।
एस्केल्मिन्थीज से होने वाले रोग
एस्कारियासिस: यह मनुष्यों में एस्केरिस लुम्ब्रिकोइड्स के कारण होता है। इससे पेट में दर्द, दस्त, उल्टी होती है।
एंसीलोस्टोमियासिस: यह छोटी आंत का संक्रमण होता है और एनीमिया का कारण बनता है। एंसीलोस्टोमा डुओडेनेल आंतों की दीवार से चिपक जाते हैं और खून चूसते हैं जिससे एनीमिया हो जाता है।
फाइलेरिया: यह राउंडवॉर्म, वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी के कारण होता है। इस में त्वचा और त्वचा के नीचे उपस्थित ऊतक लसीका के संचय के कारण मोटे हो जाते हैं।
एंटरोबियासिस: यह पिनवर्म, एंटरोबियस वर्मीक्यूलरिस के कारण होता है। इस में मलद्वार क्षेत्र में खुजली होती है और सोने में असुविधा होती है।
उदाहरण
- एस्केरिस लुम्ब्रिकोइडस - सामान्य नाम राउंड वर्म है
- वुचेरेरिया बैन्क्रॉफ्टी - सामान्य नाम फाइलेरिया वर्म है
- एंसीलोस्टोमा डुओडेनेल - सामान्य नाम हुक वर्म है
- एंटरोबियस वर्मीक्यूलरिस - सामान्य नाम पिन वर्म है
- ट्राइक्युरिस ट्रिकीयूरा - सामान्य नाम व्हिप वर्म है