संघ मोलस्का: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 4: Line 4:


== परिचय ==
== परिचय ==
मोलस्का शब्द अरस्तू द्वारा कटलफिश को दिए गए शब्द से लिया गया था। मोलस्क का अर्थ होता है नरम। ये जीव स्थलीय के साथ-साथ गहरे समुद्र में भी पाए जाते हैं। यह जन्तु जगत का दूसरा सबसे बड़ा फ़ाइलम है।[[File:Snail.jpg|thumb|'''''पाईला''''']]मोलस्क स्थलीय या जलीय (समुद्री या ताजा पानी) जीव है। इनका आकार सूक्ष्म जीवों से लेकर 20 मीटर लंबे जीवों तक होता है। वे मनुष्यों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे आभूषण के साथ-साथ भोजन का भी स्रोत हैं। कुछ मोलस्क के भीतर प्राकृतिक मोती बनते हैं।
मोलस्का शब्द अरस्तू द्वारा कटलफिश को दिए गए शब्द से लिया गया था। मोलस्क का अर्थ होता है नरम। ये जीव स्थलीय के साथ-साथ गहरे समुद्र में भी पाए जाते हैं। यह जन्तु [[जगत]] का दूसरा सबसे बड़ा फ़ाइलम है।
 
मोलस्क स्थलीय या जलीय (समुद्री या ताजा पानी) जीव है। इनका आकार सूक्ष्म जीवों से लेकर 20 मीटर लंबे जीवों तक होता है। वे मनुष्यों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे आभूषण के साथ-साथ भोजन का भी स्रोत हैं। कुछ मोलस्क के भीतर प्राकृतिक मोती बनते हैं।


== वर्गीकरण ==
== वर्गीकरण ==
Line 16: Line 18:


== विशेषताएँ ==
== विशेषताएँ ==
[[File:Loligo vulgaris.jpg|thumb|'''''लोलिगो''''']]1.) ये जीव ज्यादातर समुद्री और मीठे पानी में पाए जाते हैं। बहुत कम जीव स्थलीय हैं और नम मिट्टी में पाए जाते हैं।
* ये जीव ज्यादातर समुद्री और मीठे पानी में पाए जाते हैं। बहुत कम जीव स्थलीय हैं और नम मिट्टी में पाए जाते हैं।
 
* ये जीव शरीर संगठन में अंग प्रणाली स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
2.) ये जीव शरीर संगठन में अंग प्रणाली स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
* जीव के शरीर में एक गुहा होती है।
 
* जीव के शरीर को सिर, [[आंत]], पैर और मेंटल में विभाजित किया गया है।
3.) जीव के शरीर में एक गुहा होती है।
* जीव के पास संयुक्त नेत्र  पाए जाते हैं।
 
* शरीर एक कैल्केरस शेल द्वारा आच्छादित होता है।
4.) जीव के शरीर को सिर, आंत, पैर और मेंटल में विभाजित किया गया है।
* जीव के पास पास विकसित [[पाचन तंत्र]] होता है, रेडुला खाने के लिए अंग है।
 
* मोलस्का में श्वसन सामान्य शरीर की सतह, गलफड़ों या फुफ्फुसीय थैली के माध्यम से होता है।
5.) जीव के पास संयुक्त नेत्र  पाए जाते हैं।
* रक्त खुले [[परिसंचरण तंत्र]] के माध्यम से फैलता है।
 
* जीव में  मेटानेफ्रिडिया की एक जोड़ी उत्सर्जन में सहायता करती है।
6.) शरीर एक कैल्केरस शेल द्वारा आच्छादित होता है।
* मोलस्का में तंत्रिका तंत्र में युग्मित गैन्ग्लिया और तंत्रिकाओं की संख्या होती है।
 
* अधिकांश मोलस्क में लिंग अलग होते हैं लेकिन कुछ प्रजातियां उभयलिंगी होती हैं।
7.) जीव के पास पास विकसित पाचन तंत्र होता है, रेडुला खाने के लिए अंग है।
* [[निषेचन]] बाहरी या आंतरिक हो सकता है।
 
* वे अप्रत्यक्ष विकास करते हैं।
8.) मोलस्का में श्वसन सामान्य शरीर की सतह, गलफड़ों या फुफ्फुसीय थैली के माध्यम से होता है।
 
9.) रक्त खुले परिसंचरण तंत्र के माध्यम से फैलता है।
 
10.) जीव में  मेटानेफ्रिडिया की एक जोड़ी उत्सर्जन में सहायता करती है।
 
11.) मोलस्का में तंत्रिका तंत्र में युग्मित गैन्ग्लिया और तंत्रिकाओं की संख्या होती है।[[File:Octopus in the New England Aquarium.jpg|thumb|'''''ऑक्टोपस''''']]12.) अधिकांश मोलस्क में लिंग अलग होते हैं लेकिन कुछ प्रजातियां उभयलिंगी होती हैं।
 
13.) निषेचन बाहरी या आंतरिक हो सकता है।
 
14.) वे अप्रत्यक्ष विकास करते हैं।


== उदाहरण ==
== उदाहरण ==
* '''''पाईला''''' (घोंघा)                                                                     
* '''''पाईला''''' (घोंघा)                                                                     
* '''''पिंकटाडा''''' (पर्ल सीप)
* '''''पिंकटाडा''''' (पर्ल सीप)

Latest revision as of 11:38, 19 June 2024

जब आप अपने चारों ओर देखेंगे तो आपको अलग-अलग जानवरों के अलग-अलग संरचनाएं और रूप दिखाई देंगे। हर जानवर कई रूपों में दूसरे से भिन्न होता है। एक भी पशु प्रजाति अन्य प्रजातियों के समान नहीं है। जंतु जगत में कई फाइलम हैं जिन्हें कुछ अंतरों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। इस अध्याय में हम फाइलम मोलस्का के विषय में चर्चा करेंगे।

परिचय

मोलस्का शब्द अरस्तू द्वारा कटलफिश को दिए गए शब्द से लिया गया था। मोलस्क का अर्थ होता है नरम। ये जीव स्थलीय के साथ-साथ गहरे समुद्र में भी पाए जाते हैं। यह जन्तु जगत का दूसरा सबसे बड़ा फ़ाइलम है।

मोलस्क स्थलीय या जलीय (समुद्री या ताजा पानी) जीव है। इनका आकार सूक्ष्म जीवों से लेकर 20 मीटर लंबे जीवों तक होता है। वे मनुष्यों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे आभूषण के साथ-साथ भोजन का भी स्रोत हैं। कुछ मोलस्क के भीतर प्राकृतिक मोती बनते हैं।

वर्गीकरण

आइये इसे ऑक्टोपस वल्गारिस के उदाहरण से समझते है-

  • जगत- जन्तु (एनिमेलिया)
  • उपजगत- यूमेटाज़ोआ
  • संघ- मोलस्का
  • जाति- ऑक्टोपस
  • प्रजाति- वल्गारिस

विशेषताएँ

  • ये जीव ज्यादातर समुद्री और मीठे पानी में पाए जाते हैं। बहुत कम जीव स्थलीय हैं और नम मिट्टी में पाए जाते हैं।
  • ये जीव शरीर संगठन में अंग प्रणाली स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
  • जीव के शरीर में एक गुहा होती है।
  • जीव के शरीर को सिर, आंत, पैर और मेंटल में विभाजित किया गया है।
  • जीव के पास संयुक्त नेत्र पाए जाते हैं।
  • शरीर एक कैल्केरस शेल द्वारा आच्छादित होता है।
  • जीव के पास पास विकसित पाचन तंत्र होता है, रेडुला खाने के लिए अंग है।
  • मोलस्का में श्वसन सामान्य शरीर की सतह, गलफड़ों या फुफ्फुसीय थैली के माध्यम से होता है।
  • रक्त खुले परिसंचरण तंत्र के माध्यम से फैलता है।
  • जीव में मेटानेफ्रिडिया की एक जोड़ी उत्सर्जन में सहायता करती है।
  • मोलस्का में तंत्रिका तंत्र में युग्मित गैन्ग्लिया और तंत्रिकाओं की संख्या होती है।
  • अधिकांश मोलस्क में लिंग अलग होते हैं लेकिन कुछ प्रजातियां उभयलिंगी होती हैं।
  • निषेचन बाहरी या आंतरिक हो सकता है।
  • वे अप्रत्यक्ष विकास करते हैं।

उदाहरण

  • पाईला (घोंघा)
  • पिंकटाडा (पर्ल सीप)
  • सेपिया (कटलफिश)
  • लोलिगो (स्क्वीड)
  • ऑक्टोपस (डेविल मछली)
  • एप्लिसिया (सीहारे)
  • डेंटलियम (टस्क शेल)
  • कीटोटोप्लुरा (काईटन)