मैलपीगी नलिकाएं: Difference between revisions

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मैलपिगी नलिकाएं कई आर्थ्रोपोड्स में पाई जाने वाली एक प्रमुख उत्सर्जक संरचना है, जिसमें कीड़े और कुछ मायरियापोड्स (जैसे सेंटीपीड) शामिल हैं। वे ऑस्मोरग्यूलेशन और जीव के शरीर से नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मैलपिगी नलिकाएं, कीटों के उत्सर्जन अंग हैं। ये नलिकाएं, मध्यांत्र और पश्चांत्र के मिलने के स्थान पर खुलती हैं।
इनके प्रमुख कार्य हैं:
*ये नलिकाएं, हीमोलिम्फ़ और [[वसा अम्ल|वसा]] कायों से उत्सर्जी पदार्थों को अवशोषित करती हैं।
*ये नलिकाएं, उत्सर्जी पदार्थों को प्रोक्टोडियम में डाल देती हैं।
*ये नलिकाएं, जलीय नियमन (Osmoregulation) में भी सहायक होती हैं।
*ये नलिकाएं, नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट उत्पादों को अवशोषित करती हैं और उन्हें यूरिक एसिड में बदलने में मदद करती हैं।
*ये नलिकाएं, अपशिष्ट ठोस नाइट्रोजन यौगिकों और कैल्शियम ऑक्सालेट के रूप में जीव से बाहर निकलने में मदद करती हैं।
==मैलपिगी नलिकाओं की संरचना==
===शारीरिक रचना===
*मैलपिगी नलिकाएं लंबी, पतली और धागे जैसी संरचनाएं होती हैं।
*वे मध्य [[आंत]] (या पश्च आंत) से निकलती हैं और हीमोशील (हीमोलिम्फ से भरी शरीर गुहा, कशेरुकियों में रक्त के समान) में फैलती हैं।
===संख्या===
अधिकांश कीटों में, प्रजातियों के आधार पर कुछ से लेकर कई दर्जन तक मैलपिगी नलिकाएं हो सकती हैं।
===कोशिका संरचना===
*नलिकाएं उपकला कोशिकाओं से पंक्तिबद्ध होती हैं जो अपशिष्ट उत्पादों के स्राव और पुनः [[अवशोषण]] के लिए जिम्मेदार होती हैं।
*इन कोशिकाओं में आयनों और अणुओं के [[सक्रिय परिवहन]] के लिए विशेष संरचनाएं होती हैं।
==मैलपिगी नलिकाओं का कार्य==
===नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट का उत्सर्जन===
मैलपिगी नलिकाओं का प्राथमिक कार्य नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट का [[उत्सर्जन]] है, मुख्य रूप से यूरिक एसिड के रूप में, जो कम विषाक्त होता है और पानी को संरक्षित करता है।
===ऑस्मोरेग्यूलेशन===
मैलपिगी नलिकाएं शरीर में पानी और लवण के आंतरिक संतुलन को विनियमित करने, निर्जलीकरण को रोकने और होमियोस्टेसिस को बनाए रखने में मदद करती हैं।
===मूत्र का निर्माण===
मूत्र निर्माण की प्रक्रिया में शामिल हैं:
*'''फ़िल्ट्रेशन:''' हेमोलिम्फ मैलपिगी नलिकाओं में प्रवेश करता है, और नलिकाएं अपशिष्ट उत्पादों, आयनों और अतिरिक्त पानी को फ़िल्टर करती हैं।
*'''स्राव:''' उपकला कोशिकाएं सक्रिय रूप से अपशिष्ट उत्पादों (जैसे पोटेशियम आयन और नाइट्रोजनयुक्त यौगिक) को नलिकाओं में ले जाती हैं।
*'''पुनः अवशोषण:''' मूल्यवान पदार्थ (जैसे [[ग्लूकोज]] और कुछ [[आयन]]) मूत्र के रूप में हीमोलिम्फ में वापस अवशोषित हो जाते हैं।
==तुलनात्मक पहलू==
===कीट बनाम अन्य जानवर===
*[[कशेरुकी]] जीवों के विपरीत, जिनके पास [[उत्सर्जन]] के लिए गुर्दे होते हैं, कीट अपने प्राथमिक उत्सर्जन अंग के रूप में मैलपिगी नलिकाओं का उपयोग करते हैं।
*कीट अमोनिया (विषाक्त) को यूरिक एसिड (कम विषाक्त) में परिवर्तित करते हैं, जिससे उन्हें पानी का संरक्षण करने की अनुमति मिलती है - स्थलीय वातावरण में जीवित रहने के लिए एक महत्वपूर्ण अनुकूलन।
===अनुकूलन===
*पानी का संरक्षण करते हुए यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मैलपिगी नलिकाओं की दक्षता उन्हें शुष्क वातावरण में जीवन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनाती है।
*इस उत्सर्जन प्रणाली की उपस्थिति कीटों को रेगिस्तान से लेकर आर्द्रभूमि तक विभिन्न आवासों में पनपने की अनुमति देती है।
==वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs)==
'''1.मैलपिगी नलिका मुख्य रूप से जीवों के किस समूह में पाई जाती है?'''
a) स्तनधारी
b) पक्षी
c) आर्थ्रोपोड
d) एनेलिड्स
'''2.मैलपिगी नलिकाओं का मुख्य कार्य क्या है?'''
a) श्वसन
b) पाचन
c) उत्सर्जन और परासरण
d) परिसंचरण
'''3.मैलपिगी नलिकाओं द्वारा मुख्य रूप से कौन सा नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट उत्सर्जित किया जाता है?'''
a) यूरिया
b) अमोनिया
c) यूरिक एसिड
d) क्रिएटिनिन
'''4.मैलपिगी नलिकाएँ कीट के पाचन तंत्र के किस भाग से उत्पन्न होती हैं?'''
a) अग्रगुट
b) मध्यगुट
c) पश्चगुट
d) मलाशय
'''6.वह प्रक्रिया जिसके द्वारा मूल्यवान पदार्थ मैलपिगी नलिकाओं में हीमोलिम्फ में पुनः अवशोषित होते हैं, उसे इस रूप में जाना जाता है:'''
a) निस्पंदन
b) स्राव
c) पुनः अवशोषण
d) विसरण
===लघु उत्तर प्रश्न===
*मैलपिगी नलिकाओं को परिभाषित करें और आर्थ्रोपोड्स में उनकी प्राथमिक भूमिका की व्याख्या करें।
*कीटों में उनकी संख्या और स्थान सहित मैलपिगी नलिकाओं की संरचना का वर्णन करें।
*मैलपिगी नलिकाओं में मूत्र निर्माण में शामिल प्रमुख प्रक्रियाएँ क्या हैं?
*कीटों में परासरण में मैलपिगी नलिकाएँ किस प्रकार मदद करती हैं?
*स्थलीय आर्थ्रोपोड्स में अमोनिया के विपरीत यूरिक एसिड को उत्सर्जित करने के महत्व पर चर्चा करें।
*समझाएँ कि मैलपिगी नलिकाएँ कीट के समग्र होमियोस्टेसिस में किस प्रकार योगदान करती हैं।
*शुष्क वातावरण में रहने वाले कीटों के लिए मैलपिगी नलिकाएं क्या अनुकूलन प्रदान करती हैं?
*मैलपिगी नलिकाओं के कार्य कशेरुकियों में गुर्दे के कार्यों से किस प्रकार भिन्न होते हैं?

Latest revision as of 11:05, 28 September 2024

मैलपिगी नलिकाएं कई आर्थ्रोपोड्स में पाई जाने वाली एक प्रमुख उत्सर्जक संरचना है, जिसमें कीड़े और कुछ मायरियापोड्स (जैसे सेंटीपीड) शामिल हैं। वे ऑस्मोरग्यूलेशन और जीव के शरीर से नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मैलपिगी नलिकाएं, कीटों के उत्सर्जन अंग हैं। ये नलिकाएं, मध्यांत्र और पश्चांत्र के मिलने के स्थान पर खुलती हैं।

इनके प्रमुख कार्य हैं:

  • ये नलिकाएं, हीमोलिम्फ़ और वसा कायों से उत्सर्जी पदार्थों को अवशोषित करती हैं।
  • ये नलिकाएं, उत्सर्जी पदार्थों को प्रोक्टोडियम में डाल देती हैं।
  • ये नलिकाएं, जलीय नियमन (Osmoregulation) में भी सहायक होती हैं।
  • ये नलिकाएं, नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट उत्पादों को अवशोषित करती हैं और उन्हें यूरिक एसिड में बदलने में मदद करती हैं।
  • ये नलिकाएं, अपशिष्ट ठोस नाइट्रोजन यौगिकों और कैल्शियम ऑक्सालेट के रूप में जीव से बाहर निकलने में मदद करती हैं।

मैलपिगी नलिकाओं की संरचना

शारीरिक रचना

  • मैलपिगी नलिकाएं लंबी, पतली और धागे जैसी संरचनाएं होती हैं।
  • वे मध्य आंत (या पश्च आंत) से निकलती हैं और हीमोशील (हीमोलिम्फ से भरी शरीर गुहा, कशेरुकियों में रक्त के समान) में फैलती हैं।

संख्या

अधिकांश कीटों में, प्रजातियों के आधार पर कुछ से लेकर कई दर्जन तक मैलपिगी नलिकाएं हो सकती हैं।

कोशिका संरचना

  • नलिकाएं उपकला कोशिकाओं से पंक्तिबद्ध होती हैं जो अपशिष्ट उत्पादों के स्राव और पुनः अवशोषण के लिए जिम्मेदार होती हैं।
  • इन कोशिकाओं में आयनों और अणुओं के सक्रिय परिवहन के लिए विशेष संरचनाएं होती हैं।

मैलपिगी नलिकाओं का कार्य

नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट का उत्सर्जन

मैलपिगी नलिकाओं का प्राथमिक कार्य नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट का उत्सर्जन है, मुख्य रूप से यूरिक एसिड के रूप में, जो कम विषाक्त होता है और पानी को संरक्षित करता है।

ऑस्मोरेग्यूलेशन

मैलपिगी नलिकाएं शरीर में पानी और लवण के आंतरिक संतुलन को विनियमित करने, निर्जलीकरण को रोकने और होमियोस्टेसिस को बनाए रखने में मदद करती हैं।

मूत्र का निर्माण

मूत्र निर्माण की प्रक्रिया में शामिल हैं:

  • फ़िल्ट्रेशन: हेमोलिम्फ मैलपिगी नलिकाओं में प्रवेश करता है, और नलिकाएं अपशिष्ट उत्पादों, आयनों और अतिरिक्त पानी को फ़िल्टर करती हैं।
  • स्राव: उपकला कोशिकाएं सक्रिय रूप से अपशिष्ट उत्पादों (जैसे पोटेशियम आयन और नाइट्रोजनयुक्त यौगिक) को नलिकाओं में ले जाती हैं।
  • पुनः अवशोषण: मूल्यवान पदार्थ (जैसे ग्लूकोज और कुछ आयन) मूत्र के रूप में हीमोलिम्फ में वापस अवशोषित हो जाते हैं।

तुलनात्मक पहलू

कीट बनाम अन्य जानवर

  • कशेरुकी जीवों के विपरीत, जिनके पास उत्सर्जन के लिए गुर्दे होते हैं, कीट अपने प्राथमिक उत्सर्जन अंग के रूप में मैलपिगी नलिकाओं का उपयोग करते हैं।
  • कीट अमोनिया (विषाक्त) को यूरिक एसिड (कम विषाक्त) में परिवर्तित करते हैं, जिससे उन्हें पानी का संरक्षण करने की अनुमति मिलती है - स्थलीय वातावरण में जीवित रहने के लिए एक महत्वपूर्ण अनुकूलन।

अनुकूलन

  • पानी का संरक्षण करते हुए यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मैलपिगी नलिकाओं की दक्षता उन्हें शुष्क वातावरण में जीवन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनाती है।
  • इस उत्सर्जन प्रणाली की उपस्थिति कीटों को रेगिस्तान से लेकर आर्द्रभूमि तक विभिन्न आवासों में पनपने की अनुमति देती है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs)

1.मैलपिगी नलिका मुख्य रूप से जीवों के किस समूह में पाई जाती है?

a) स्तनधारी

b) पक्षी

c) आर्थ्रोपोड

d) एनेलिड्स

2.मैलपिगी नलिकाओं का मुख्य कार्य क्या है?

a) श्वसन

b) पाचन

c) उत्सर्जन और परासरण

d) परिसंचरण

3.मैलपिगी नलिकाओं द्वारा मुख्य रूप से कौन सा नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट उत्सर्जित किया जाता है?

a) यूरिया

b) अमोनिया

c) यूरिक एसिड

d) क्रिएटिनिन

4.मैलपिगी नलिकाएँ कीट के पाचन तंत्र के किस भाग से उत्पन्न होती हैं?

a) अग्रगुट

b) मध्यगुट

c) पश्चगुट

d) मलाशय

6.वह प्रक्रिया जिसके द्वारा मूल्यवान पदार्थ मैलपिगी नलिकाओं में हीमोलिम्फ में पुनः अवशोषित होते हैं, उसे इस रूप में जाना जाता है:

a) निस्पंदन

b) स्राव

c) पुनः अवशोषण

d) विसरण

लघु उत्तर प्रश्न

  • मैलपिगी नलिकाओं को परिभाषित करें और आर्थ्रोपोड्स में उनकी प्राथमिक भूमिका की व्याख्या करें।
  • कीटों में उनकी संख्या और स्थान सहित मैलपिगी नलिकाओं की संरचना का वर्णन करें।
  • मैलपिगी नलिकाओं में मूत्र निर्माण में शामिल प्रमुख प्रक्रियाएँ क्या हैं?
  • कीटों में परासरण में मैलपिगी नलिकाएँ किस प्रकार मदद करती हैं?
  • स्थलीय आर्थ्रोपोड्स में अमोनिया के विपरीत यूरिक एसिड को उत्सर्जित करने के महत्व पर चर्चा करें।
  • समझाएँ कि मैलपिगी नलिकाएँ कीट के समग्र होमियोस्टेसिस में किस प्रकार योगदान करती हैं।
  • शुष्क वातावरण में रहने वाले कीटों के लिए मैलपिगी नलिकाएं क्या अनुकूलन प्रदान करती हैं?
  • मैलपिगी नलिकाओं के कार्य कशेरुकियों में गुर्दे के कार्यों से किस प्रकार भिन्न होते हैं?