फॉर्मल आवेश: Difference between revisions

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लूइस बिंदु संरचनाएं सामान्यतः अणुओं की वास्तविक आकृति को नहीं दर्शाता है। बहु - परमाणुक आयनों में सम्पूर्ण आवेश किसी परमाणु पर उपस्थित ना होकर पूरे आयन पर स्थित होता है। हालाँकि प्रत्येक परमाणु पर फॉर्मल आवेश दर्शाया जा सकता है। बहुपरमाणुक अणु या आयन के किसी परमाणु पर उपस्थित फॉर्मल आवेश को उसके विगलित स्थित में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या तथा लूइस संरचना में परमाणु को प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या के अंतर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। <blockquote>[ लूइस संरचना में किसी परमाणु पर फॉर्मल आवेश ] = [ मुक्त परमाणु में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ] - [ अनाबंधी (एकाकी युग्म) इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ] - <math>\frac{1}{2}</math> [ आबंधित (सहभाजित) इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ]</blockquote>फॉर्मल आवेश का परिकलन इस अवधारणा पर आधारित है कि अणु अथवा आयन में संबंधित परमाणु पर प्रत्येक सहभाजित युग्म में से एक इलेक्ट्रान तथा एकाकी युग्म के दोनों इलेक्ट्रान उपस्थित रहते हैं। फॉर्मल लूइस संरचना में परमाणुओं पर आवेश को दर्शाने से अणु में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों को लेखा - जोखा रखने में सहायता मिलती है। साधगारणतः न्यूनतम ऊर्जा वाली संरचना वः होती है, जिसके परमाणुओं पर न्यूनतम फॉर्मल आवेश हो। फॉर्मल आवेश का सिद्धांत आबंधन की सहसंयोजी प्रकृति पर आधारित है, जिसमें आबन्धित परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों का सहभाजन समान रूप से होता है।
लूइस बिंदु संरचनाएं सामान्यतः अणुओं की वास्तविक आकृति को नहीं दर्शाता है। बहु - परमाणुक आयनों में सम्पूर्ण आवेश किसी परमाणु पर उपस्थित ना होकर पूरे [[आयन]] पर स्थित होता है। हालाँकि प्रत्येक [[परमाणु]] पर फॉर्मल आवेश दर्शाया जा सकता है। बहुपरमाणुक [[अणु]] या आयन के किसी परमाणु पर उपस्थित फॉर्मल आवेश को उसके विगलित स्थित में [[संयोजकता]] इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या तथा लूइस संरचना में परमाणु को प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या के अंतर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। <blockquote>[ लूइस संरचना में किसी परमाणु पर फॉर्मल आवेश ] = [ मुक्त परमाणु में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ] - [ अनाबंधी (एकाकी युग्म) इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ] - <math>\frac{1}{2}</math> [ आबंधित (सहभाजित) इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ]</blockquote>फॉर्मल आवेश का परिकलन इस अवधारणा पर आधारित है कि अणु अथवा आयन में संबंधित परमाणु पर प्रत्येक सहभाजित युग्म में से एक [[इलेक्ट्रॉन]] तथा एकाकी युग्म के दोनों इलेक्ट्रॉन उपस्थित रहते हैं। फॉर्मल लूइस संरचना में परमाणुओं पर [[आवेश]] को दर्शाने से अणु में [[संयोजकता]] इलेक्ट्रॉनों को लेखा - जोखा रखने में सहायता मिलती है। साधगारणतः न्यूनतम ऊर्जा वाली संरचना वह होती है, जिसके परमाणुओं पर न्यूनतम फॉर्मल आवेश हो। फॉर्मल आवेश का सिद्धांत आबंधन की सहसंयोजी प्रकृति पर आधारित है, जिसमें आबन्धित परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों का सहभाजन समान रूप से होता है।


बहुपरमाणुक अणु या आयन के किसी परमाणु का फॉर्मल आवेश उसकी विगलित स्थित (अर्थात मुक्त परमाणु अवस्था) में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या तथा लूइस संरचना में उस परमाणु को प्रदत्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या में अंतर् के बराबर होता है।  
बहुपरमाणुक अणु या आयन के किसी परमाणु का फॉर्मल आवेश उसकी विगलित स्थित (अर्थात मुक्त परमाणु अवस्था) में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या तथा लूइस संरचना में उस परमाणु को प्रदत्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या में अंतर् के बराबर होता है।  
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* लूइस संरचना में किसी परमाणु पर फॉर्मल आवेश ज्ञात कीजिये।  
* लूइस संरचना में किसी परमाणु पर फॉर्मल आवेश ज्ञात कीजिये।  
* PCl<sub>3</sub> में P पर फॉर्मल आवेश ज्ञात कीजिये।
* PCl<sub>3</sub> में P पर फॉर्मल आवेश ज्ञात कीजिये।
* PCl<sub>3</sub> में Cl पर फॉर्मल आवेश ज्ञात कीजिये।[[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]]
* PCl<sub>3</sub> में Cl पर फॉर्मल आवेश ज्ञात कीजिये।[[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:अकार्बनिक रसायन]]

Latest revision as of 22:55, 12 May 2024

लूइस बिंदु संरचनाएं सामान्यतः अणुओं की वास्तविक आकृति को नहीं दर्शाता है। बहु - परमाणुक आयनों में सम्पूर्ण आवेश किसी परमाणु पर उपस्थित ना होकर पूरे आयन पर स्थित होता है। हालाँकि प्रत्येक परमाणु पर फॉर्मल आवेश दर्शाया जा सकता है। बहुपरमाणुक अणु या आयन के किसी परमाणु पर उपस्थित फॉर्मल आवेश को उसके विगलित स्थित में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या तथा लूइस संरचना में परमाणु को प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या के अंतर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

[ लूइस संरचना में किसी परमाणु पर फॉर्मल आवेश ] = [ मुक्त परमाणु में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ] - [ अनाबंधी (एकाकी युग्म) इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ] - [ आबंधित (सहभाजित) इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ]

फॉर्मल आवेश का परिकलन इस अवधारणा पर आधारित है कि अणु अथवा आयन में संबंधित परमाणु पर प्रत्येक सहभाजित युग्म में से एक इलेक्ट्रॉन तथा एकाकी युग्म के दोनों इलेक्ट्रॉन उपस्थित रहते हैं। फॉर्मल लूइस संरचना में परमाणुओं पर आवेश को दर्शाने से अणु में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों को लेखा - जोखा रखने में सहायता मिलती है। साधगारणतः न्यूनतम ऊर्जा वाली संरचना वह होती है, जिसके परमाणुओं पर न्यूनतम फॉर्मल आवेश हो। फॉर्मल आवेश का सिद्धांत आबंधन की सहसंयोजी प्रकृति पर आधारित है, जिसमें आबन्धित परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों का सहभाजन समान रूप से होता है।

बहुपरमाणुक अणु या आयन के किसी परमाणु का फॉर्मल आवेश उसकी विगलित स्थित (अर्थात मुक्त परमाणु अवस्था) में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या तथा लूइस संरचना में उस परमाणु को प्रदत्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या में अंतर् के बराबर होता है।

किसी परमाणु पर फॉर्मल आवेश = परमाणु में संयोजक इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या - एकाकी इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या - बंधों की कुल संख्या 

उदाहरण

P पर फॉर्मल आवेश = 5 - 0 - 5 = 0

Cl पर फॉर्मल आवेश = 7 - 6 - 1 = 0

अभ्यास प्रश्न

  • लूइस संरचना में किसी परमाणु पर फॉर्मल आवेश ज्ञात कीजिये।
  • PCl3 में P पर फॉर्मल आवेश ज्ञात कीजिये।
  • PCl3 में Cl पर फॉर्मल आवेश ज्ञात कीजिये।