ट्राईसैकेराइड्: Difference between revisions

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ट्राइसैकेराइड [[कार्बोहाइड्रेट]] होते हैं जो [[ग्लाइकोसिडिक बंध]] द्वारा एक साथ जुड़े तीन मोनोसैकेराइड इकाइयों से बने होते हैं। ट्राइसैकेराइड ओलिगोसैकराइड की श्रेणी में आते है। जबकि ट्राइसैकेराइड डाइसैकराइड की तुलना में कम प्रसिद्ध हैं, फिर भी वे कार्बोहाइड्रेट के अध्ययन में महत्वपूर्ण हैं। कार्बोहाइड्रेट् वह कार्बनिक पदार्थ हैं जिसमें कार्बन, हाइड्रोजन व आक्सीजन उपस्थित होते है। इसमें हाइड्रोजन व आक्सीजन का अनुपात जल के समान होता है। कुछ कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करते हैं। यह शरीर मे शक्ति उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत है। शरीर को शक्ति और गर्मी प्रदान करने के लिए यह वसा की भांति कार्य करता है। कार्बोहाइड्रेट का [[वसा अम्ल|वसा]] की अपेक्षा शरीर मे जल्दी पाचन होता है।
'''जैसे -''' मण्ड, शर्करा, ग्लूकोज़, ग्लाइकोजेन
रासायनिक रुप से कार्बोहाइड्रेट पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन होते हैं इनके जल अपघटन से पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन प्राप्त होता है।
===ओलिगोसैकराइड===
ओलिगोसैकराइड 2 से 10 मोनोसैकराइड के आपस में संगठित होने से बनते हैं। इनका जलीय अपघटन आसान होता है। जिनसे सबसे सामान्य कार्बोहाइड्रेट प्राप्त होते हैं।
जैसे - सुक्रोज, माल्टोज, लैक्टोज आदि।
=== संरचना ===
ट्राइसैकेराइड्स में तीन शर्करा अणु एक साथ जुड़े होते हैं। ट्राइसैकेराइड में मोनोसैकेराइड की विशिष्ट व्यवस्था और प्रकार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं।
=== उदाहरण ===
'''रैफिनोज:''' गैलेक्टोज, ग्लूकोज और फ्रुक्टोज से बना एक ट्राइसैकेराइड। यह बीन्स, साबुत अनाज और कुछ सब्जियों में पाया जाता है। मनुष्यों में रैफिनोज को पूरी तरह से पचाने के लिए आवश्यक एंजाइम की कमी होती है, इसलिए जब यह बृहदान्त्र में पहुंचता है तो पेट फूलने का कारण बन सकता है।
'''ग्लाइकोसिडिक बंध:''' डाइसैकेराइड् की तरह, ट्राइसैकेराइड ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा बनते हैं। विशिष्ट ग्लाइकोसिडिक लिंकेज ट्राइसैकेराइड के प्रकार को निर्धारित करते हैं।
'''पौधों में भूमिका:''' कुछ ट्राइसैकेराइड, जैसे रैफिनोज़, पौधों में पाए जाते हैं और कार्बोहाइड्रेट के भंडारण रूपों के रूप में काम करते हैं। जब पौधे को ऊर्जा की आवश्यकता होती है तो उन्हें मोनोसेकेराइड में तोड़ा जा सकता है।
'''पाचन:''' ट्राइसैकेराइड को [[पाचन]] के दौरान मोनोसैकेराइड में तोड़ने की आवश्यकता होती है, इससे पहले कि शरीर उन्हें अवशोषित कर सके और ऊर्जा के लिए उपयोग कर सके। ट्राइसैकेराइड्स में ग्लाइकोसिडिक लिंकेज के लिए विशिष्ट एंजाइम इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
'''पोषण संबंधी महत्व:''' जबकि ट्राइसैकेराइड्स मानव आहार में डाइसैकेराइड््स की तरह आम नहीं हैं, वे कुछ खाद्य पदार्थों में समग्र कार्बोहाइड्रेट सामग्री में योगदान करते हैं। कार्बोहाइड्रेट के व्यापक अध्ययन के लिए उनकी संरचना और पाचन को समझना महत्वपूर्ण है।
== अभ्यास प्रश्न ==
* ट्राईसैकेराइड् से क्या तात्पर्य है ?
* ओलिगोसैकराइड क्या हैं ?
* कोई तीन ट्राईसैकेराइड् के नाम बताइये।

Latest revision as of 20:30, 30 May 2024

ट्राइसैकेराइड कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा एक साथ जुड़े तीन मोनोसैकेराइड इकाइयों से बने होते हैं। ट्राइसैकेराइड ओलिगोसैकराइड की श्रेणी में आते है। जबकि ट्राइसैकेराइड डाइसैकराइड की तुलना में कम प्रसिद्ध हैं, फिर भी वे कार्बोहाइड्रेट के अध्ययन में महत्वपूर्ण हैं। कार्बोहाइड्रेट् वह कार्बनिक पदार्थ हैं जिसमें कार्बन, हाइड्रोजन व आक्सीजन उपस्थित होते है। इसमें हाइड्रोजन व आक्सीजन का अनुपात जल के समान होता है। कुछ कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करते हैं। यह शरीर मे शक्ति उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत है। शरीर को शक्ति और गर्मी प्रदान करने के लिए यह वसा की भांति कार्य करता है। कार्बोहाइड्रेट का वसा की अपेक्षा शरीर मे जल्दी पाचन होता है।

जैसे - मण्ड, शर्करा, ग्लूकोज़, ग्लाइकोजेन

रासायनिक रुप से कार्बोहाइड्रेट पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन होते हैं इनके जल अपघटन से पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन प्राप्त होता है।

ओलिगोसैकराइड

ओलिगोसैकराइड 2 से 10 मोनोसैकराइड के आपस में संगठित होने से बनते हैं। इनका जलीय अपघटन आसान होता है। जिनसे सबसे सामान्य कार्बोहाइड्रेट प्राप्त होते हैं।

जैसे - सुक्रोज, माल्टोज, लैक्टोज आदि।

संरचना

ट्राइसैकेराइड्स में तीन शर्करा अणु एक साथ जुड़े होते हैं। ट्राइसैकेराइड में मोनोसैकेराइड की विशिष्ट व्यवस्था और प्रकार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं।

उदाहरण

रैफिनोज: गैलेक्टोज, ग्लूकोज और फ्रुक्टोज से बना एक ट्राइसैकेराइड। यह बीन्स, साबुत अनाज और कुछ सब्जियों में पाया जाता है। मनुष्यों में रैफिनोज को पूरी तरह से पचाने के लिए आवश्यक एंजाइम की कमी होती है, इसलिए जब यह बृहदान्त्र में पहुंचता है तो पेट फूलने का कारण बन सकता है।

ग्लाइकोसिडिक बंध: डाइसैकेराइड् की तरह, ट्राइसैकेराइड ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा बनते हैं। विशिष्ट ग्लाइकोसिडिक लिंकेज ट्राइसैकेराइड के प्रकार को निर्धारित करते हैं।

पौधों में भूमिका: कुछ ट्राइसैकेराइड, जैसे रैफिनोज़, पौधों में पाए जाते हैं और कार्बोहाइड्रेट के भंडारण रूपों के रूप में काम करते हैं। जब पौधे को ऊर्जा की आवश्यकता होती है तो उन्हें मोनोसेकेराइड में तोड़ा जा सकता है।

पाचन: ट्राइसैकेराइड को पाचन के दौरान मोनोसैकेराइड में तोड़ने की आवश्यकता होती है, इससे पहले कि शरीर उन्हें अवशोषित कर सके और ऊर्जा के लिए उपयोग कर सके। ट्राइसैकेराइड्स में ग्लाइकोसिडिक लिंकेज के लिए विशिष्ट एंजाइम इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं।

पोषण संबंधी महत्व: जबकि ट्राइसैकेराइड्स मानव आहार में डाइसैकेराइड््स की तरह आम नहीं हैं, वे कुछ खाद्य पदार्थों में समग्र कार्बोहाइड्रेट सामग्री में योगदान करते हैं। कार्बोहाइड्रेट के व्यापक अध्ययन के लिए उनकी संरचना और पाचन को समझना महत्वपूर्ण है।

अभ्यास प्रश्न

  • ट्राईसैकेराइड् से क्या तात्पर्य है ?
  • ओलिगोसैकराइड क्या हैं ?
  • कोई तीन ट्राईसैकेराइड् के नाम बताइये।