परमाणु: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
 
(17 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:परमाणु और अणु]]
[[Category:परमाणु और अणु]]


== परमाणु ==
'''''[[परमाणु]]''''' किसी भी [[पदार्थ]] की सूक्ष्मतम इकाई है, इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक वस्तु जैसे कोई दीवार, पेड़ पौधे, पेन, किताब इत्यादि सभी वस्तुएं, परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती हैं या इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है की इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक ठोस, द्रव, गैसों की बनी हुई वस्तुएं परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती है। परमाणुओं के आपस में जुड़ने से अणु का निर्माण होता है और ये सभी अणु आपस में मिलकर [[यौगिक]] का निर्माण करते हैं। हमारा पूरा विश्व ही परमाणुओं से बना है ये अत्यधिक सूक्ष्म होने के कारण दिखाई नही देते लेकिन ये हमारे चारों ओर विधमान होते हैं और हमारे क्रियाकलापों को भी प्रभावित करते हैं।  
'''''परमाणु''''' किसी भी पदार्थ की सूक्ष्मतम इकाई है, इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक वस्तु जैसे कोई दीवार, पेड़ पौधे, पेन, किताब इत्यादि सभी वस्तुएं, परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती हैं या इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है की इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक ठोस, द्रव, गैसों की बनी हुई वस्तुएं परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती है। परमाणुओं के आपस में जुड़ने से अणु का निर्माण होता है और ये सभी अणु आपस में मिलकर यौगिक का निर्माण करते हैं। हमारा पूरा विश्व ही परमाणुओं से बना है ये अत्यधिक सूक्ष्म होने के कारण दिखाई नही देते लेकिन ये हमारे चारों ओर विधमान होते हैं और हमारे क्रियाकलापों को भी प्रभावित करते हैं।  


=== परमाणु एक अविभाज्य कण ===
=== परमाणु एक अविभाज्य कण ===
परमाणु बहुत ही सूक्ष्म कण है और सूक्ष्मतम कण होने के कारण इन्हे विभाजित नहीं जा सकता है। परमाणु हमेशा संयुक्त रूप में पाए जाते हैं तथा तत्व, यौगिक, मिश्रण आदि का निर्माण करते हैं यही कारण है कि परमाणु को एक '''मौलिक कण''' भी कहा जाता है।   
परमाणु बहुत ही सूक्ष्म कण है और सूक्ष्मतम कण होने के कारण इन्हे विभाजित नहीं जा सकता है। परमाणु हमेशा संयुक्त रूप में पाए जाते हैं तथा [[तत्व]], यौगिक, [[मिश्रण]] आदि का निर्माण करते हैं, यही कारण है कि परमाणु को एक '''मौलिक कण''' भी कहा जाता है।   


=== परमाणु की खोज ===
=== परमाणु की खोज ===
परमाणु की खोज '''डाल्टन''' ने 1803 में की थी। इन्होने बताया था कि प्रत्येक पदार्थ बहुत छोटे कणों से मिलकर बना होता है इन कणों को परमाणु कहते हैं। परमाणुओं को आपस में जोड़कर अणु का निर्माण होता है। परमाणु प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन इत्यादि कणों से मिलकर बनते हैं। इन कणों के खोजकर्ता के नाम निम्नलिखित हैं:  
परमाणु की खोज डॉल्टन ने 1803 में की थी। इन्होने बताया था कि प्रत्येक पदार्थ बहुत छोटे कणों से मिलकर बना होता है इन कणों को परमाणु कहते हैं। परमाणुओं को आपस में जोड़कर अणु का निर्माण होता है अतः परमाणु [[प्रोटॉन]], [[न्यूट्रॉन]] तथा [[इलेक्ट्रॉन]] इत्यादि कणों से मिलकर बनते हैं। इन कणों के खोजकर्ता के नाम निम्नलिखित हैं:  
{| class="wikitable"
{| class="wikitable"
|+
|+
Line 19: Line 17:
|-
|-
|'''प्रोटॉन'''
|'''प्रोटॉन'''
|'''गोल्डस्टीन'''
|'''अर्नेस्ट रदरफोर्ड'''
|-
|-
|'''न्यूट्रॉन'''
|'''न्यूट्रॉन'''
Line 26: Line 24:


=== परमाणु का आकार ===
=== परमाणु का आकार ===
परमाणु बहुत ही सूक्ष्म कण हैं अतः इनके कणों का आकार नगण्य होता है, नगण्य होने के कारण इनकी परमाणु त्रिज्या भी बहुत काम होती है कुछ पदार्थों की परमाणु त्रिज्या निम्नलिखित है:
परमाणु बहुत ही सूक्ष्म कण हैं अतः इनके कणों का आकार नगण्य होता है, नगण्य होने के कारण इनकी परमाणु त्रिज्या भी बहुत काम होती है कुछ पदार्थों की [[परमाणु त्रिज्या]] निम्नलिखित है:
{| class="wikitable"
{| class="wikitable"
|+
|+
!परमाणु त्रिज्या
!परमाणु त्रिज्या (मीटर में)
!उदाहरण
!उदाहरण
|-
|-
Line 52: Line 50:


== नाभिक ==
== नाभिक ==
प्रत्येक परमाणु के केंद्र में एक रिक्त स्थान होता है जिसे नाभिक कहते हैं नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं प्रोटॉन धनावेशित होते हैं और न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं अतः प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की उपस्थित के कारण नाभिक धनावेशित होते हैं और इलेक्ट्रान नाभिक के चारों ओर उपस्थित कक्षाओं में लगातार चक्कर लगाता रहता है सामान्यतः नाभिक एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या से बना होता है। नाभिक के धनावेशित और इलेक्ट्रान के ऋणावेशित होने के कारण परमाणु उदासीन होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन और नाभिक आपस में आकर्षण बल द्वारा बंधे होते हैं। नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या की उपस्थिति के आधार पर हम तत्वों को परिभाषित करते हैं और नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या को ही उस तत्व का '''परमाणु क्रमांक''' भी कहते हैं।
प्रत्येक परमाणु के केंद्र में एक रिक्त स्थान होता है जिसे नाभिक कहते हैं, नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं प्रोटॉन धनावेशित होते हैं और न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं अतः प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की उपस्थित के कारण नाभिक धनावेशित होते हैं और इलेक्ट्रान नाभिक के चारों ओर उपस्थित कक्षाओं में लगातार चक्कर लगाता रहता है सामान्यतः नाभिक एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या से बना होता है। नाभिक के धनावेशित और इलेक्ट्रान के ऋणावेशित होने के कारण परमाणु उदासीन होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन और नाभिक आपस में आकर्षण बल द्वारा बंधे होते हैं। नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या की उपस्थिति के आधार पर हम तत्वों को परिभाषित करते हैं और नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या को ही उस तत्व का '''परमाणु क्रमांक''' भी कहते हैं।


== विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के प्रतीक ==
== विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के प्रतीक ==
डाल्टन ने सर्वप्रथम तत्वों के प्रतीकों का प्रयोग किया और उन्होंने प्रतीकों का प्रयोग कुछ इस प्रकार किया की यह प्रतीक उस तत्व की निश्चित मात्रा की और इंगित करता था और यह तत्व के एक परमाणु को प्रदर्शित करता है फिर बर्जिलियस ने तत्वों के ऐसे प्रतीकों का सुझाव दिया, जो उन तत्वों के नामों के एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित होता था। ''इंटरनेशनल यूनियन आफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री'' ''(IUPAC)'' एक अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्था है जो तत्वों के नाम, प्रतीक और मात्रकों को स्वीकृति प्रदान करती है, अधिकांश तत्वों के प्रतीक उन तत्वों के एक या दो अक्षरों से बने होते हैं प्रतीक का पहला अक्षर बड़े अक्षर में और दूसरा अक्षर छोटे अक्षर में लिखा जाता है। जो निम्न प्रकार है:
डॉल्टन ने सर्वप्रथम तत्वों के प्रतीकों का प्रयोग किया और उन्होंने प्रतीकों का प्रयोग कुछ इस प्रकार किया कि यह प्रतीक उस तत्व की निश्चित मात्रा की और इंगित करता था और यह तत्व के एक परमाणु को प्रदर्शित करता है फिर बर्जिलियस ने तत्वों के ऐसे प्रतीकों का सुझाव दिया, जो उन तत्वों के नामों के एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित होता था। ''इंटरनेशनल यूनियन आफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री'' ''(IUPAC)'' एक अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्था है जो तत्वों के नाम, प्रतीक और मात्रकों को स्वीकृति प्रदान करती है, अधिकांश तत्वों के प्रतीक उन तत्वों के एक या दो अक्षरों से बने होते हैं प्रतीक का पहला अक्षर बड़े अक्षर में और दूसरा अक्षर छोटे अक्षर में लिखा जाता है। जो निम्न प्रकार है:
{| class="wikitable"
{| class="wikitable"
|+
|+
Line 79: Line 77:
|K
|K
|}
|}
== अभ्यास ==
'''1.''' '''दिए गए तत्वों के प्रतीक ज्ञात कीजिए''' :
'''a.''' बेरियम
'''b.''' कार्बन
'''c.''' सीसा
'''d.''' हाइड्रोजन 
'''e.''' आयोडीन
'''f.''' सल्फर
'''g.''' सिल्वर
'''2. अणु एवं परमाणु में क्या अंतर है?'''
'''3. किसी पदार्थ की सबसे सूक्ष्मतम इकाई क्या है?'''
'''4. अणु, परमाणु, तत्व और यौगिक से आप क्या समझते हैं?'''[[Category:कक्षा-9]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:भौतिक रसायन]]

Latest revision as of 11:25, 4 May 2024


परमाणु किसी भी पदार्थ की सूक्ष्मतम इकाई है, इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक वस्तु जैसे कोई दीवार, पेड़ पौधे, पेन, किताब इत्यादि सभी वस्तुएं, परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती हैं या इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है की इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक ठोस, द्रव, गैसों की बनी हुई वस्तुएं परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती है। परमाणुओं के आपस में जुड़ने से अणु का निर्माण होता है और ये सभी अणु आपस में मिलकर यौगिक का निर्माण करते हैं। हमारा पूरा विश्व ही परमाणुओं से बना है ये अत्यधिक सूक्ष्म होने के कारण दिखाई नही देते लेकिन ये हमारे चारों ओर विधमान होते हैं और हमारे क्रियाकलापों को भी प्रभावित करते हैं।

परमाणु एक अविभाज्य कण

परमाणु बहुत ही सूक्ष्म कण है और सूक्ष्मतम कण होने के कारण इन्हे विभाजित नहीं जा सकता है। परमाणु हमेशा संयुक्त रूप में पाए जाते हैं तथा तत्व, यौगिक, मिश्रण आदि का निर्माण करते हैं, यही कारण है कि परमाणु को एक मौलिक कण भी कहा जाता है।

परमाणु की खोज

परमाणु की खोज डॉल्टन ने 1803 में की थी। इन्होने बताया था कि प्रत्येक पदार्थ बहुत छोटे कणों से मिलकर बना होता है इन कणों को परमाणु कहते हैं। परमाणुओं को आपस में जोड़कर अणु का निर्माण होता है अतः परमाणु प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन इत्यादि कणों से मिलकर बनते हैं। इन कणों के खोजकर्ता के नाम निम्नलिखित हैं:

कण खोजकर्ता के नाम
इलेक्ट्रॉन जे जे थॉमसन
प्रोटॉन अर्नेस्ट रदरफोर्ड
न्यूट्रॉन चैडविक

परमाणु का आकार

परमाणु बहुत ही सूक्ष्म कण हैं अतः इनके कणों का आकार नगण्य होता है, नगण्य होने के कारण इनकी परमाणु त्रिज्या भी बहुत काम होती है कुछ पदार्थों की परमाणु त्रिज्या निम्नलिखित है:

परमाणु त्रिज्या (मीटर में) उदाहरण
10-10 हाइड्रोजन परमाणु
10 -9 जल अणु
10 -8 हीमोग्लोबिन
10 -4 रेत कण
10 -3 चींटी
10 -1 सेब

नाभिक

प्रत्येक परमाणु के केंद्र में एक रिक्त स्थान होता है जिसे नाभिक कहते हैं, नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं प्रोटॉन धनावेशित होते हैं और न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं अतः प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की उपस्थित के कारण नाभिक धनावेशित होते हैं और इलेक्ट्रान नाभिक के चारों ओर उपस्थित कक्षाओं में लगातार चक्कर लगाता रहता है सामान्यतः नाभिक एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या से बना होता है। नाभिक के धनावेशित और इलेक्ट्रान के ऋणावेशित होने के कारण परमाणु उदासीन होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन और नाभिक आपस में आकर्षण बल द्वारा बंधे होते हैं। नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या की उपस्थिति के आधार पर हम तत्वों को परिभाषित करते हैं और नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या को ही उस तत्व का परमाणु क्रमांक भी कहते हैं।

विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के प्रतीक

डॉल्टन ने सर्वप्रथम तत्वों के प्रतीकों का प्रयोग किया और उन्होंने प्रतीकों का प्रयोग कुछ इस प्रकार किया कि यह प्रतीक उस तत्व की निश्चित मात्रा की और इंगित करता था और यह तत्व के एक परमाणु को प्रदर्शित करता है फिर बर्जिलियस ने तत्वों के ऐसे प्रतीकों का सुझाव दिया, जो उन तत्वों के नामों के एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित होता था। इंटरनेशनल यूनियन आफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री (IUPAC) एक अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्था है जो तत्वों के नाम, प्रतीक और मात्रकों को स्वीकृति प्रदान करती है, अधिकांश तत्वों के प्रतीक उन तत्वों के एक या दो अक्षरों से बने होते हैं प्रतीक का पहला अक्षर बड़े अक्षर में और दूसरा अक्षर छोटे अक्षर में लिखा जाता है। जो निम्न प्रकार है:

तत्व प्रतीक
कोबाल्ट Co
मैग्नीशियम Mg
मैंगनीज Mn
क्लोरीन Cl
फॉस्फोरस P
पोटैशियम K

अभ्यास

1. दिए गए तत्वों के प्रतीक ज्ञात कीजिए :

a. बेरियम

b. कार्बन

c. सीसा

d. हाइड्रोजन 

e. आयोडीन

f. सल्फर

g. सिल्वर

2. अणु एवं परमाणु में क्या अंतर है?

3. किसी पदार्थ की सबसे सूक्ष्मतम इकाई क्या है?

4. अणु, परमाणु, तत्व और यौगिक से आप क्या समझते हैं?