डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का नियम: Difference between revisions
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डॉल्टन के परमाणु सिद्धान्त के अनुसार सभी [[द्रव्य]] [[तत्व]], [[यौगिक]] या [[मिश्रण]], ये सभी सूक्ष्म कणों से बने होते हैं जिन्हें [[परमाणु]] कहते हैं। सभी द्रव्य परमाणुओं से बने होते हैं। परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं और न ही उनका विनाश होता है। ये अविभाज्य कण होते हैं। | |||
== परमाणु अविभाज्य कण == | |||
* ग्रीक दर्शनशास्त्री डिमॉक्रिट्स के समय परमाणुओं को छोटे अविभाज्य कण या एटोसोम अर्थात अविभाज्य कहा गया था। सन 1808 में डॉल्टन ने रसायन शास्त्र की एक नई पद्धति प्रकाशित की, जिसमे इन्होने निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किये - | |||
* [[द्रव्य]] अविभाज्य परमाणुओं से मिलकर बना हुआ है। | |||
* एक से अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में संयोजन से यौगिकों का निर्माण होता है। | |||
* रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणु पुनर्व्यवस्थित होते हैं इन्हे न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। | |||
* किसी तत्व के परमाणुओं के सभी गुणधर्म समान होते हैं। | |||
== डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत की विशेषताएं == | |||
* सभी द्रव्य परमाणुओं से बने होते हैं। | |||
* परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं और न ही उनका विनाश होता है। | |||
* किसी भी दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुण समान होते हैं। | |||
* भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं। | |||
* भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक नियमित करते हैं। | |||
* किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं। | |||
* रासायनिक अभिक्रिया, [[परमाणु]]ओं की एक पुनर्व्यवस्था है। | |||
== डॉल्टन के सिद्धांत के दोष == | |||
* परमाणु एक अविभाज्य कणों से मिलकर बना होता है। लेकिन यह सामान्यतः तीन कणों से मिलकर बना होता है, [[इलेक्ट्रॉन]], [[प्रोटॉन]], [[न्यूट्रॉन]]। इनको विभाजित नहीं किया जा सकता। | |||
* यह सिद्धांत गैलुसेक के गैसीय नियम की व्याख्या नहीं कर सका। | |||
* डॉल्टन का एक कथन है कि [[परमाणु]] के कण छोटे होते हैं तथा इन्हे विभाजित नहीं किया जा सकता है। जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं न ही नष्ट होते है। परंतु परमाणु विभाज्य है ओैर इसे इलेक्ट्राॅन, प्रोटाॅन, न्यूट्राॅन जैसे सूक्ष्म कणों में विभाजित किया जा सकता है। | |||
* डॉल्टन का अन्य कथन है कि दिए गए [[तत्व]] के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म एक सामान होते हैं। परंतु एक ही तत्व के परमाणुओं के द्रव्यमान अलग-अलग हो सकते हैं जिन्हें [[समस्थानिक]] कहा जा सकता है। जैसे- हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते हैं- प्रोटियम H(1‘1) , ड्यूटीरीयम H(1‘2), ट्राटियम H(1‘3) इनके परमाणु द्रव्यमान क्रमशः 1,2,3 होते हैं। | |||
* डॉल्टन का कथन है कि अलग-अलग तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म अलग-अलग होते हैं। लेकिन वर्तमान में ऐंसे अलग- अलग तत्व भी मिल चुकें हैं जिनके परमाणुओं के द्रव्यमान समान हैं जिन्हे हम [[समभारिक]] के नाम से जानते हैं। | |||
* जैसे- कैल्शियम और आर्गन अलग-अलग तत्व हैं जिनका परमाणु द्रव्यमान 40 ही है। | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत से आप क्या समझते हैं? | |||
* डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत की विशेषताएं क्या हैं ? | |||
* परमाणु एक अविभाज्य कणों से मिलकर बना होता है। इस कथन की पुष्टि कीजिये। | |||
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Latest revision as of 08:53, 8 May 2024
डॉल्टन के परमाणु सिद्धान्त के अनुसार सभी द्रव्य तत्व, यौगिक या मिश्रण, ये सभी सूक्ष्म कणों से बने होते हैं जिन्हें परमाणु कहते हैं। सभी द्रव्य परमाणुओं से बने होते हैं। परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं और न ही उनका विनाश होता है। ये अविभाज्य कण होते हैं।
परमाणु अविभाज्य कण
- ग्रीक दर्शनशास्त्री डिमॉक्रिट्स के समय परमाणुओं को छोटे अविभाज्य कण या एटोसोम अर्थात अविभाज्य कहा गया था। सन 1808 में डॉल्टन ने रसायन शास्त्र की एक नई पद्धति प्रकाशित की, जिसमे इन्होने निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किये -
- द्रव्य अविभाज्य परमाणुओं से मिलकर बना हुआ है।
- एक से अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में संयोजन से यौगिकों का निर्माण होता है।
- रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणु पुनर्व्यवस्थित होते हैं इन्हे न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है।
- किसी तत्व के परमाणुओं के सभी गुणधर्म समान होते हैं।
डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत की विशेषताएं
- सभी द्रव्य परमाणुओं से बने होते हैं।
- परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं और न ही उनका विनाश होता है।
- किसी भी दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुण समान होते हैं।
- भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं।
- भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक नियमित करते हैं।
- किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं।
- रासायनिक अभिक्रिया, परमाणुओं की एक पुनर्व्यवस्था है।
डॉल्टन के सिद्धांत के दोष
- परमाणु एक अविभाज्य कणों से मिलकर बना होता है। लेकिन यह सामान्यतः तीन कणों से मिलकर बना होता है, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन। इनको विभाजित नहीं किया जा सकता।
- यह सिद्धांत गैलुसेक के गैसीय नियम की व्याख्या नहीं कर सका।
- डॉल्टन का एक कथन है कि परमाणु के कण छोटे होते हैं तथा इन्हे विभाजित नहीं किया जा सकता है। जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं न ही नष्ट होते है। परंतु परमाणु विभाज्य है ओैर इसे इलेक्ट्राॅन, प्रोटाॅन, न्यूट्राॅन जैसे सूक्ष्म कणों में विभाजित किया जा सकता है।
- डॉल्टन का अन्य कथन है कि दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म एक सामान होते हैं। परंतु एक ही तत्व के परमाणुओं के द्रव्यमान अलग-अलग हो सकते हैं जिन्हें समस्थानिक कहा जा सकता है। जैसे- हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते हैं- प्रोटियम H(1‘1) , ड्यूटीरीयम H(1‘2), ट्राटियम H(1‘3) इनके परमाणु द्रव्यमान क्रमशः 1,2,3 होते हैं।
- डॉल्टन का कथन है कि अलग-अलग तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म अलग-अलग होते हैं। लेकिन वर्तमान में ऐंसे अलग- अलग तत्व भी मिल चुकें हैं जिनके परमाणुओं के द्रव्यमान समान हैं जिन्हे हम समभारिक के नाम से जानते हैं।
- जैसे- कैल्शियम और आर्गन अलग-अलग तत्व हैं जिनका परमाणु द्रव्यमान 40 ही है।
अभ्यास प्रश्न
- डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत से आप क्या समझते हैं?
- डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत की विशेषताएं क्या हैं ?
- परमाणु एक अविभाज्य कणों से मिलकर बना होता है। इस कथन की पुष्टि कीजिये।
- डॉल्टन के सिद्धांत की क्या सीमाएं हैं ?