परिमित समांतर श्रेढ़ीयाँ: Difference between revisions

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परिमित समांतर श्रेणियो की इकाई शुरू करने के पूर्व, आईए हम जानते हैं समांतर  श्रेणियो के बारे में-
जैसा कि हमें नाम से ही स्पष्ट है, ऐसी समांतर श्रेढ़ीयाँ जिसमे परिमित पद होते हैं, उन्हें हम समांतर श्रेढ़ीयाँ कहते हैं । अंकगणितीय श्रेढ़ीयाँ के एक सीमित भाग को परिमित अंकगणितीय श्रेणियो के अंतर्गत रखा जाता है । एक परिमित समांतर श्रेणी में अंतिम पद सदैव होता है ।
 
संख्याओं का एक क्रम या श्रृंखला , जिसमें दो क्रमागत संख्याओं ( consecutive terms) के बीच का सामान्य अंतर (common difference) स्थिर ( constant) रहता है,ऐसी क्रम या श्रृंखला को हम अर्थमैटिक प्रोग्रेशन ( arithmetic progression) कहते हैं ।
 
=== उदाहरण – ===
1.  1 ,3, 5, 7 ,9, 11 …….
 
2.   2, 4, 6, 8, 10, 12 …….
 
उपर्युक्त उदाहरणों में, प्रत्येक अगला पद पूर्ववर्ती पद में एक निश्चित संख्या जोड़कर प्राप्त किया गया है। उपर्युक्त उदाहरणों में दो क्रमागत पदों का अंतर नियत (constant) है ,अतः यह  समांतर श्रेणी ( arithmetic progression) का उदाहरण है।
 
सामान्यतः, हमने समांतर  श्रेणियो को दो भाग  में विभाजित किया है,- 1).  परिमित समांतर श्रेणियां 
 
2). अपरिमित समांतर श्रेणियां
 
== परिभाषा ==
जैसा कि हमें नाम से ही स्पष्ट है, ऐसी समांतर श्रेणियां जिसमे परिमित पद होते हैं, उन्हें हम समांतर श्रेणियां कहते हैं । अंकगणितीय श्रेणियो के एक सीमित भाग को परिमित अंकगणितीय श्रेणियो के अंतर्गत रखा जाता है । एक परिमित समांतर श्रेणी में अंतिम पद सदैव होता है ।


=== उदाहरण- ===
=== उदाहरण- ===

Revision as of 12:47, 15 September 2023

जैसा कि हमें नाम से ही स्पष्ट है, ऐसी समांतर श्रेढ़ीयाँ जिसमे परिमित पद होते हैं, उन्हें हम समांतर श्रेढ़ीयाँ कहते हैं । अंकगणितीय श्रेढ़ीयाँ के एक सीमित भाग को परिमित अंकगणितीय श्रेणियो के अंतर्गत रखा जाता है । एक परिमित समांतर श्रेणी में अंतिम पद सदैव होता है ।

उदाहरण-

1). 5,7,9,11,13,15 ( इस उदाहरण में समांतर श्रेणी का प्रथम पद 5 तथा सार्व अंतर 2( 7-5=2) है ,तथा इस श्रेणी में सीमित अर्थात परिमित पद है, इसलिए इस श्रेणी को हम परिमित समांतर श्रेणी कहेंगे । )

2). 6,12,18,24,30 ( इस उदाहरण में समांतर श्रेणी का प्रथम पद 6 तथा सार्व अंतर 6( 12-6=6) है ,तथा इस श्रेणी में सीमित अर्थात परिमित पद है, इसलिए इस श्रेणी को हम परिमित समांतर श्रेणी कहेंगे । )

परिमित समांतर श्रेणियो के योग के लिए सूत्र

परिमित समांतर श्रेणियो के योग के लिए सूत्र निम्नवत है-

Sn= n/2[ a + l ]

Sn = परिमित समांतर श्रेणी के पदों का योग

a = पहला पद ( first term)

l = अंतिम पद ( last term)

n = पदों की संख्या (number of terms)

उदाहरण –

1). परिमित समांतर श्रेणी का योग ज्ञात करें- 5,18, 31, 44, 57, 70.

हल- a = पहला पद ( first term) = 5

l = अंतिम पद ( last term) = 70

n = पदों की संख्या (number of terms) = 6

सूत्र -: Sn= n/2[ a + l ]

मान रखने पर ,

= 6/2 [ 5+70]

= 3 × 75

= 225

अतः , उपर्युक्त परिमित समांतर श्रेणी का योग 225 है ।

अभ्यास प्रश्न

  1. किसी परिमित समांतर श्रेणी का योग 220 है , तथा उसका पहला पद 5 और अंतिम पद 105 है, तो उसे परिमित समांतर श्रेणी में पदों की संख्या ज्ञात करें ?