सद्रत्नमाला में 'संख्याओं की दशमलव पद्धति': Difference between revisions

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Revision as of 22:26, 9 August 2023

भूमिका

यहां हम सद्रत्नमाला के अनुसार संख्याओं के दशमलव प्रणाली को जानेंगे।

श्लोक

एकं दश शतं चाथ सहस्त्रमयुतं क्रमात्

नियुतं प्रयुतं कोटिरर्बुदं वृन्दमप्यथ ।।५।।

खर्वो निखर्वश्च महापद्मः शङ्कुश्च वारिधिः

अन्त्यं मध्यं परार्धं च संख्या दशगुणोत्तराः ।। ६ ।।

नाम भारतीय अंकन घात अंकन भारतीय प्रणाली
एकम् (ekam) 1 100 एक
दश (daśa) 10 101 दस
शतम् (śatam) 100 102 एक सौ
सहस्रम् (sahasram) 1,000 103 एक हजार
अयुतम् (ayutam) 10,000 104 दस हज़ार
नियुतम् (niyutam) 1,00,000 105 एक लाख
प्रयुतम् (prayutam) 10 niyutam 106 दस लाख
कोटिः (koṭiḥ) 10 prayutam 107 एक करोड़
अर्बुदम् (arbudam) 10 koṭiḥ 108 दस करोड़
वृन्दम् (vṛndam) 10 arbudam 109
खर्वः (kharvaḥ) 10 vṛndam 1010
निखर्वः (nikharvaḥ) 10 kharvaḥ 1011
महापद्मः (mahāpadmaḥ) 10 nikharvaḥ 1012
शङ्क़ुः (śaṅkuḥ) 10 mahāpadmaḥ 1013
वारिधिः (vāridhiḥ) 10 śaṅkuḥ 1014
अन्त्यम् (antyam) 10 vāridhiḥ 1015
मध्यम् (madhyam) 10 antyam 1016
परार्धम् (parārdham) 10 madhyam 1017

यहाँ प्रत्येक संख्या पिछली संख्या का 10 गुना होता है। दश, एकम् का 10 गुना होता है। शतम्, दश का 10 गुना होता है। सहस्रम्, शतम् का 10 गुना होता है।

यहाँ एक को दस(), सौ(), हज़ार() आदि से भाग देने पर प्राप्त संख्या क्रमशः इकाई की दशांश, शतांश, सहस्राम्श आदि कहलाती हैं।[1]

यह भी देखें

Decimal System of Numbers in Sadratnamālā

संदर्भ

  1. "माधवन, डॉ. एस. (2011). शंकरवर्मन की सद्रत्नमाला। चेन्नई: द कुप्पुस्वामी शास्त्री रिसर्च इंस्टीट्यूट। पृष्ठ 3-4।"(Madhavan, Dr. S. (2011). Sadratnamālā of Śaṅkaravarman. Chennai: The Kuppuswami Sastri Research Institute. pp. 3–4)