सजीव: Difference between revisions
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जिनमे विभिन्न जैविक क्रियायें, जिनमे पोषण, उपापचय, श्वसन, उत्सर्जन, गति, वृद्धि, जनन आदि क्रियायें होती हैं, वे '''सजीव''' कहलाती है। मनुष्य , बन्दर , गाय , घोड़ा , हिरन , बिल्ली , कुत्ता , पौधे आदि सजीव हैं। इनमें विभिन्न जैविक क्रियायें , जैसे पोषण , उपापचय , श्वसन , उत्सर्जन , गति , वृद्धि , जनन आदि क्रियायें होती हैं। पौधे एक स्थान पर स्थिर रहकर गति करते हैं। | जिनमे विभिन्न जैविक क्रियायें, जिनमे पोषण, उपापचय, श्वसन, उत्सर्जन, गति, वृद्धि, जनन आदि क्रियायें होती हैं, वे '''सजीव''' कहलाती है। मनुष्य , बन्दर , गाय , घोड़ा , हिरन , बिल्ली , कुत्ता , पौधे आदि सजीव हैं। इनमें विभिन्न जैविक क्रियायें , जैसे [[पोषण]] , उपापचय , [[श्वसन]] , [[उत्सर्जन]] , गति , [[वृद्धि]] , [[जनन]] आदि क्रियायें होती हैं। पौधे एक स्थान पर स्थिर रहकर गति करते हैं। | ||
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* यह एककोशिकीय हो सकता है जैसे कि जीवाणु कोशिका, या बहुकोशिकीय जैसे कि जानवर और पौधे जो कई कोशिकाओं से बने होते हैं। | * यह एककोशिकीय हो सकता है जैसे कि जीवाणु कोशिका, या बहुकोशिकीय जैसे कि जानवर और पौधे जो कई कोशिकाओं से बने होते हैं। | ||
* एक जीवित वस्तु प्रजनन करती है। जीवित प्राणी दो तरीकों से प्रजनन करते हैं: लैंगिक प्रजनन और अलैंगिक प्रजनन। | * एक जीवित वस्तु प्रजनन करती है। जीवित प्राणी दो तरीकों से [[प्रजनन]] करते हैं: लैंगिक प्रजनन और अलैंगिक प्रजनन। | ||
* '''लैंगिक प्रजनन''' में, दो माता-पिता की नर और मादा कोशिकाएं एकजुट होती हैं और एक युग्मनज बनाती हैं जो अंततः अपनी तरह के अस्तित्व में विकसित होगा। | * '''लैंगिक प्रजनन''' में, दो माता-पिता की नर और मादा कोशिकाएं एकजुट होती हैं और एक युग्मनज बनाती हैं जो अंततः अपनी तरह के अस्तित्व में विकसित होगा। | ||
* '''अलैंगिक प्रजनन''' में, इसमें यौन कोशिकाएं शामिल नहीं होती हैं। संतान एक ही माता-पिता से आती है। उदाहरण द्विआधारी विखंडन, वानस्पतिक प्रसार, मुकुलन आदि हैं। | * '''अलैंगिक प्रजनन''' में, इसमें यौन कोशिकाएं शामिल नहीं होती हैं। संतान एक ही माता-पिता से आती है। उदाहरण द्विआधारी विखंडन, वानस्पतिक प्रसार, मुकुलन आदि हैं। | ||
* इनमे वृद्धि, श्वसन और प्रजनन की क्षमता होती हैं। | * इनमे [[वृद्धि]], श्वसन और [[प्रजनन]] की क्षमता होती हैं। | ||
* किसी भी जीवित वस्तु को जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। | * किसी भी जीवित वस्तु को जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। | ||
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=== श्वसन === | === श्वसन === | ||
जैविक क्रियाओं के लिए ऊर्जा श्वसन से प्राप्त होती है। जिसमे कार्बनिक पदार्थों का जैव- रासायनिक ऑक्सीकरण होता है। जीवधारी श्वसन के माध्यम से O<sub>2</sub>, ग्रहण करते हैं और CO<sub>2</sub>, मुक्त करते हैं। | जैविक क्रियाओं के लिए ऊर्जा श्वसन से प्राप्त होती है। जिसमे कार्बनिक पदार्थों का जैव- रासायनिक [[ऑक्सीकरण-संख्या|ऑक्सीकरण]] होता है। जीवधारी श्वसन के माध्यम से O<sub>2</sub>, ग्रहण करते हैं और CO<sub>2</sub>, मुक्त करते हैं। | ||
=== '''जीवन-चक्र''' === | === '''जीवन-चक्र''' === |
Latest revision as of 11:43, 10 June 2024
जिनमे विभिन्न जैविक क्रियायें, जिनमे पोषण, उपापचय, श्वसन, उत्सर्जन, गति, वृद्धि, जनन आदि क्रियायें होती हैं, वे सजीव कहलाती है। मनुष्य , बन्दर , गाय , घोड़ा , हिरन , बिल्ली , कुत्ता , पौधे आदि सजीव हैं। इनमें विभिन्न जैविक क्रियायें , जैसे पोषण , उपापचय , श्वसन , उत्सर्जन , गति , वृद्धि , जनन आदि क्रियायें होती हैं। पौधे एक स्थान पर स्थिर रहकर गति करते हैं।
सजीवों की विशेषताएँ
- सजीवों में पोषण की क्रिया होती है।
- सभी सजीव श्वसन करते हैं।
- सजीव वृद्धि एवं विकास करते हैं।
- सजीव गति करते हैं।
- ये सवेदनशील होते हैं।
- सजीव प्रजनन करते हैं।
सजीवों के लक्षण
- यह एककोशिकीय हो सकता है जैसे कि जीवाणु कोशिका, या बहुकोशिकीय जैसे कि जानवर और पौधे जो कई कोशिकाओं से बने होते हैं।
- एक जीवित वस्तु प्रजनन करती है। जीवित प्राणी दो तरीकों से प्रजनन करते हैं: लैंगिक प्रजनन और अलैंगिक प्रजनन।
- लैंगिक प्रजनन में, दो माता-पिता की नर और मादा कोशिकाएं एकजुट होती हैं और एक युग्मनज बनाती हैं जो अंततः अपनी तरह के अस्तित्व में विकसित होगा।
- अलैंगिक प्रजनन में, इसमें यौन कोशिकाएं शामिल नहीं होती हैं। संतान एक ही माता-पिता से आती है। उदाहरण द्विआधारी विखंडन, वानस्पतिक प्रसार, मुकुलन आदि हैं।
- इनमे वृद्धि, श्वसन और प्रजनन की क्षमता होती हैं।
- किसी भी जीवित वस्तु को जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
जनन
जीवधारियों में निरन्तर अपने जैसी सन्तान उत्पन्न करने की क्षमता होती है। बच्चों में अपने माता - पिता से मिलते - जुलते ही लक्षण पाये जाते हैं।
संवेदनशील
सजीव वातावरण में होने वाले परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील होते हैं और उद्दीपनों को ग्रहण कर अनुक्रिया प्रदर्शित करते हैं। जैसे - छुई-मुई के पौधे को छूने पर यह मुरझा जाता है। गर्म वस्तु पर जैसे ही हाथ-पैर पड़ते हैं वः तुरंत दूर जाते है।
अनुकूलन
जीवधारियों में अपने को वातावरण के अनुकूल अनुकूलन करने की क्षमता होती है ; जैसे - शीत प्रदेशों में रहने वाले जन्तुओं के शरीर पर घने बाल तथा त्वचा के नीचे चर्बी की मोटी पर्त होती है। मरुस्थलीय पौधे शुष्क वातावरण में रहने के लिए अनुकूलित होते हैं। इनकी पत्तियाँ सामान्यतया काँटों में बदल जाती हैं।
श्वसन
जैविक क्रियाओं के लिए ऊर्जा श्वसन से प्राप्त होती है। जिसमे कार्बनिक पदार्थों का जैव- रासायनिक ऑक्सीकरण होता है। जीवधारी श्वसन के माध्यम से O2, ग्रहण करते हैं और CO2, मुक्त करते हैं।
जीवन-चक्र
जीवधारियों में एक निश्चित जीवन-चक्र होता है।
अभ्यास प्रश्न
- सजीव किसे कहते हैं?
- सजीवों के 10 लक्षण क्या है?
- सजीवों की विशेषताएँ बताइये