परिमित समांतर श्रेढ़ीयाँ

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जैसा कि हमें नाम से ही स्पष्ट है, ऐसी समांतर श्रेढ़ीयाँ जिसमे परिमित पद होते हैं, उन्हें हम समांतर श्रेढ़ीयाँ कहते हैं । अंकगणितीय श्रेढ़ीयाँ के एक सीमित भाग को परिमित अंकगणितीय श्रेणियो के अंतर्गत रखा जाता है । एक परिमित समांतर श्रेणी में अंतिम पद सदैव होता है ।

उदाहरण-

1). 5,7,9,11,13,15 ( इस उदाहरण में समांतर श्रेणी का प्रथम पद 5 तथा सार्व अंतर 2( 7-5=2) है ,तथा इस श्रेणी में सीमित अर्थात परिमित पद है, इसलिए इस श्रेणी को हम परिमित समांतर श्रेणी कहेंगे । )

2). 6,12,18,24,30 ( इस उदाहरण में समांतर श्रेणी का प्रथम पद 6 तथा सार्व अंतर 6( 12-6=6) है ,तथा इस श्रेणी में सीमित अर्थात परिमित पद है, इसलिए इस श्रेणी को हम परिमित समांतर श्रेणी कहेंगे । )

परिमित समांतर श्रेणियो के योग के लिए सूत्र

परिमित समांतर श्रेणियो के योग के लिए सूत्र निम्नवत है-

Sn= n/2[ a + l ]

Sn = परिमित समांतर श्रेणी के पदों का योग

a = पहला पद ( first term)

l = अंतिम पद ( last term)

n = पदों की संख्या (number of terms)

उदाहरण –

1). परिमित समांतर श्रेणी का योग ज्ञात करें- 5,18, 31, 44, 57, 70.

हल- a = पहला पद ( first term) = 5

l = अंतिम पद ( last term) = 70

n = पदों की संख्या (number of terms) = 6

सूत्र -: Sn= n/2[ a + l ]

मान रखने पर ,

= 6/2 [ 5+70]

= 3 × 75

= 225

अतः , उपर्युक्त परिमित समांतर श्रेणी का योग 225 है ।

अभ्यास प्रश्न

  1. किसी परिमित समांतर श्रेणी का योग 220 है , तथा उसका पहला पद 5 और अंतिम पद 105 है, तो उसे परिमित समांतर श्रेणी में पदों की संख्या ज्ञात करें ?