गुरुत्वीय तरंग

From Vidyalayawiki

Revision as of 08:55, 27 March 2024 by Vinamra (talk | contribs)

Gravitational Waves

गुरुत्वीय तरंगें गुरुत्वाकर्षण की तीव्रता की तरंगें हैं जो द्विआधारी तारों के त्वरित द्रव्यमान और गुरुत्वाकर्षण द्रव्यमान की अन्य गतियों से उत्पन्न होती हैं, और प्रकाश की गति से अपने स्रोत से बाहर की ओर तरंगों के रूप में फैलती हैं। इन्हें सबसे पहले 1893 में ओलिवर हीविसाइड द्वारा और फिर बाद में 1905 में हेनरी पोंकारे द्वारा विद्युत चुम्बकीय तरंगों के गुरुत्वीय समकक्ष के रूप में प्रस्तावित किया गया था। गुरुत्वीय तरंगों को कभी-कभी गुरुत्वाकर्षण तरंगें भी कहा जाता है। प्रायः गुरुत्वीय तरंगें ,तरल पदार्थों में विस्थापन तरंगों को संदर्भित करती हैं।

1916 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रदर्शित किया कि गुरुत्वीय तरंगें उनके सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत से अंतरिक्ष-समय में तरंगों के रूप में उत्पन्न होती हैं। भौतिकी में, गुरुत्वीय तरंगें (न की गुरुत्वाकर्षण तरंगें) समष्टि काल (स्पेस-टाइम अथवा अंतरिक्ष-समय) के ताने-बाने में तरंगें होती हैं जो बदलते द्रव्यमान वितरण के साथ स्रोतों से बाहर की ओर फैलती हैं। इनकी खोज की कहानी आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत की एक मौलिक भविष्यवाणी से हुई ।