Δ U एवं ΔH का मापन: कैलोरीमिति
रसायनिक एवं भौतिक प्रक्रमों में ऊर्जा परिवर्तन को जिस विधि से ज्ञात करते हैं उसे कैलोरीमीटर कहते हैं, कैलोरीमीटर एक ज्ञात आयतन में डूबा रहता है। द्रव की उष्माधारिता एवं कैलोरीमीटर की उष्माधारिता ज्ञात होने पर ताप परिवर्तन के आधार पर प्रकम में उत्पन्न ऊष्मा ज्ञात की जा सकती है। यह मापन दो स्थियों में किया जा सकता है।
- स्थिर आयतन पर, qv
- स्थिर दाब पर, qp
Δ U का मापन
रसायनिक अभिक्रियाओं के लिए स्थिर आयतन पर अवशोषित ऊष्मा का मापन बम कैलोरीमीटर में किया जाता है, इसमें एक स्टील का पात्र (बम कैलोरीमीटर) लेकर जल में डुबोते है। स्टील बम में ऑक्सीजन प्रवाहित करते हैं और उसके बाद ज्वलनशील प्रतिदर्श को जलाते हैं, जिससे अभिक्रिया से प्राप्त ऊष्मा जल को अंतरित हो जाती है। उसके उपरांत जल का ताप ज्ञात कर लिया जाता है चुकीं बम कैलोरीमीटर पूर्णतयः बंद है, अतः इसके आयतन में कोई परिवर्तन नहीं होता। और कोई कार्य नहीं किया जाता। यहाँ तक कि गैसों से सम्बंधित रासायनिक अभिक्रियाओं में कोई भी कार्य नहीं होता क्योकी △V = 0 और समीकरण की सहायता से कैलोरीमीटर की उष्माधारिता ज्ञात होने पर ताप परिवर्तन को qv में परिवर्तित कर लिया जाता है।
ΔH का मापन
स्थिर दाब (सामान्यतः वायुमंडलीय दाब) पर ऊष्मा- परिवर्तन को कैलोरीमीटर द्वारा मापा जा सकता है। हम जानते हैं कि △H = qp (स्थिर दाब पर) होता है। अतः स्थिर दाब पर उत्सर्जित अथवा अवशोषित ऊष्मा qpअभिक्रिया ऊष्मा अथवा अभिक्रिया एन्थैल्पी △rH कहलाती है। ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं में ऊष्मा निर्मुक्त होती है तथा निकाय से परिवेश में ऊष्मा का प्रवाह होता है। इसलिए qp ऋणात्मक होगा तथा △rH भी ऋणात्मक होगा। बिलकुल इसी प्रकार ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं में ऊष्मा अवशोषित होगी। अतः qp और △rH दोनों धनात्मक होंगे।
अभ्यास प्रश्न
- कैलोरीमीटर से क्या तात्पर्य है ?
- Δ U का मापन किस प्रकार किया जाता है ?
- ΔH का मापन किस प्रकार किया जाता है ?