अप्रभावी गुण

From Vidyalayawiki

Listen

यह एक अप्रभावी जीन द्वारा व्यक्त किया जाने वाला लक्षण है। अप्रभावी जीन एक जीन है जिसकी अभिव्यक्ति एक प्रभावी जीन द्वारा दबा दी जाती है। "वे लक्षण जो प्रायः प्रथम पीढ़ी में दिखाई नहीं देते हैं, अप्रभावी लक्षण कहलाते हैं।" जीवों के गुणों को दो जोड़ों में बाँटा जाता है। प्रत्येक के दोनों गुण इस प्रकार सम्बन्धित होते है कि अगर दोनों गुणों को एक साथ एक ही जीव में उपस्थित करते हैं तो इनमें से एक ही गुण को प्रभावी होता है वह दिखाई देता है। जबकि दूसरा गुण स्वयं दिखाई नही पड़ता है तो उसे अप्रभावी गुण कहते हैं। मेण्डल ने लम्बे पौधे के लक्षण को प्रभावी और बौने पौधे के लक्षण को अप्रभावी कहा।

उदाहरण

मटर के पौधे में लंबापन एक प्रभावी लक्षण है और बौनापन एक अप्रभावी लक्षण है।

ऐसे लक्षण जो प्रथम पुत्री पीढ़ी में दिखाई देते हैं या प्रकट होते हैं, प्रभावी लक्षण कहलाते हैं, जैसे-लम्बापन मटर के पौधे का प्रभावी लक्षण है। ऐसे लक्षण जो प्रथम पीढ़ी में छिपे रहते हैं, अप्रभावी लक्षण कहलाते हैं, जैसे-बौनापन मटर के पौधे का अप्रभावी लक्षण है।

TT tt

Tt ..................(F1)

F2 पीढ़ी में
TT Tt
Tt tt

F1 पीढ़ी में लम्बे एवं बौने पौधे का अनुपात पाया गया।

अभ्यास प्रश्न

  • प्रभावी एवं अप्रभावी लक्षण से क्या समझते हैं ?
  • प्रभावी लक्षण को किसी एक उदाहरण द्वारा समझाइये।
  • अप्रभावी लक्षण को किसी एक उदाहरण द्वारा समझाइये।