ऐम्पियर के परिपथीय नियम

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Amperes circuital law

ऐम्पियर के परिपथीय नियम विद्युत चुंबकत्व में एक मौलिक सिद्धांत है,जो एक बंद पाश चक्र (लूप) के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र को पाश चक्र से गुजरने वाली विद्युत धारा से जोड़ता है। इसे फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी आंद्रे-मैरी एम्पीयर द्वारा तैयार किया गया था।

महत्वपूर्ण अवधारणाएं

चुंबकीय क्षेत्र
विद्युत धारा एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है।

चुंबकीय क्षेत्र () एक चुंबक या विद्युतीय प्रवाह (करंट) को ले जाने वाले विद्युत चालक (कंडक्टर) के समीप का वह क्षेत्र है,जहां चुंबकीय बलों का अनुभव होता है। यह एक अदृश्य "बल क्षेत्र" की तरह है,जो चुंबकीय वस्तुओं को प्रभावित कर सकता है।

बंद पाश चक्र

एक बंद पाश चक्र एक पथ है, जो एक ही बिंदु पर आरंभ और समाप्त होता है। इसे एक बंद आकार, जैसे एक वृत्त या किसी अन्य बंद वक्र के रूप में चित्रित करें।

विद्युत धारा

विद्युत धारा () किसी चालक, जैसे तार में विद्युत आवेशों (प्रायः इलेक्ट्रॉनों) का प्रवाह है। इसे एम्पीयर () में मापा जाता है।

एम्पीयर के परिपथीय (सर्किटल) नियम का कथन

एक बंद पाश चक्र के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र () पाश चक्र से गुजरने वाली विद्युत धारा () के सीधे आनुपातिक होता है।

गणितीय प्रतिनिधित्व:

एम्पीयर के परिपथीय नियम को गणितीय रूप से इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है:

जहाँ:

   एक बंद पाश चक्र इंटीग्रल का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका अर्थ है बंद पाश चक्र के साथ चुंबकीय क्षेत्र योगदान का योग।

   पाश चक्र पर किसी भी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र वेक्टर है।

पाश चक्र के साथ एक अत्यंत लघु सादिश (छोटा वेक्टर) तत्व है।

   (उच्चारण म्यू-शून्य) मुक्त स्थान की पारगम्यता है, एक स्थिर मान () जो से संबंधित है।

संक्षेप में

एम्पीयर का परिपथ नियम यह बताता है कि एक बंद पाश चक्र के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र, उस पाश चक्र से गुजरने वाली विद्युत धारा द्वारा उत्पन्न होता है। पाश चक्र के माध्यम से जितनी अधिक धारा प्रवाहित होगी, उसके चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उतना ही प्रबल होगा।