कक्षा
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कक्षा नाभिक के चारों ओर एक अच्छी तरह से परिभाषित गोलाकार पथ है, जिसमें इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर घूमते हैं। इसे खोल भी कहा जाता है। इसे मुख्य क्वांटम संख्या 'n' द्वारा निरूपित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन या तो ऊर्जा को अवशोषित करके या ऊर्जा को मुक्त करके एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जा सकते हैं। मान लीजिए कि यदि कोई इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर पर आता है तो उसे एक निश्चित मात्रा में ऊर्जा छोड़नी होती है और यदि कोई इलेक्ट्रॉन निम्न ऊर्जा स्तर से उच्च ऊर्जा स्तर पर जाता है तो वह ऊर्जा को अवशोषित करता है।
- कक्षा नाभिक के चारों ओर गोलाकार पथ है जिसमें इलेक्ट्रॉन चारों ओर घूमते हैं।
- यह एक तल में इलेक्ट्रॉन की गति को दर्शाता है।
- सभी कक्षाएं या तो वृत्ताकार होती है, या दीर्घवृत्ताकार होती हैं।
- कक्षाएं अदिशात्मक होती हैं।
- एक कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2n2 होती है।
पहली कक्षा के लिए मुख्य क्वांटम संख्या n = 1 होती है।
पहली कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2(1)2
पहली कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2
दूसरी कक्षा के लिए मुख्य क्वांटम संख्या n = 2 होती है।
दूसरी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2(2)2
दूसरी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 8
तीसरी कक्षा के लिए मुख्य क्वांटम संख्या n = 3 होती है।
तीसरी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2(3)2
तीसरी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 18
चौथी कक्षा के लिए मुख्य क्वांटम संख्या n = 4 होती है।
चौथी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2(4)2
चौथी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 32
प्रत्येक कक्षा का कोणीय संवेग होता है।
पहली कक्षा के लिए मुख्य क्वांटम संख्या n = 1 होती है। n = 1 लिए कोणीय संवेग होता है।
दूसरी कक्षा के लिए मुख्य क्वांटम संख्या n = 2 होती है। n = 2 लिए कोणीय संवेग होता है।
तीसरी कक्षा के लिए मुख्य क्वांटम संख्या n = 3 होती है। n = 3 लिए कोणीय संवेग होता है।
चौथी कक्षा के लिए मुख्य क्वांटम संख्या n = 4 होती है। n = 4 लिए कोणीय संवेग होता है।
- इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारो ओर वृत्ताकार पथ में घुमते हैं।
n = 1 के लिए कक्षा को K से प्रदर्शित करते हैं।
n = 2 के लिए कक्षा को L से प्रदर्शित करते हैं।
n = 3 के लिए कक्षा को M से प्रदर्शित करते हैं।
n = 4 के लिए कक्षा को N से प्रदर्शित करते हैं।
कक्षा की खोज
1913 में बोहर ने परमाणु के अपने परिमाणित कक्षा मॉडल को यह समझाने के लिए प्रस्तावित किया कि इलेक्ट्रॉनों के नाभिक के चारों ओर स्थिर कक्षाएँ कैसे हो सकती हैं। बोहर के अनुसार इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्ताकार पथ पर घुमते रहते हैं। इन वृत्ताकार पथ को कक्षा कहा जाता है। जिन्हे K,L,M,N से प्रदर्शित करते हैं।
अभ्यास प्रश्न
- मुख्य क्वांटम संख्या n = 1 के लिए कोणीय संवेग की गणना कीजिये।
- कक्षा से आप क्या समझते हैं ?
- इलेक्ट्रॉन की कक्षा किस आकार की होती हैं?
- दूसरी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या कितनी होती है?
- परमाणु के कक्षों को किससे प्रदर्शित करते हैं?