कार्बनिक यौगिकों का वर्गीकरण
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ठोस, द्रव या गैसीय अवस्था वाले यौगिक जिनके अणु में कार्बन और हाइड्रोजन होता है, कार्बनिक यौगिक कहलाते हैं। कार्बनिक यौगिक बड़ी संख्या में रसायन विज्ञानं में उपस्थित होते है अतः इनका अध्ययन करना आसान नहीं होता है इसलिए कार्बनिक यौगिकों को वर्गीकृत करने की आवश्यकता पड़ी।
कार्बनिक यौगिकों को वर्गीकरण
कार्बनिक यौगिकों को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है।
- एसाइक्लिक या खुली श्रृंखला
- साइक्लिक या चक्रीय (बंद श्रृंखला)
एसाइक्लिक या खुली श्रृंखला वाले यौगिक
खुली श्रृंखला वाले यौगिकों को दो भागों में बांटा गया है:
- सीधी श्रृंखला यौगिक
- शाखित श्रृंखला यौगिक
इनमें शाखित या सीधी श्रृंखलाएँ होती हैं। इस श्रेणी में निम्नलिखित उदाहरण हैं:
CH3-CH3 , CH3-CH2-OH, CH3COOH
साइक्लिक या चक्रीय (बंद श्रृंखला)
ये चक्रीय यौगिक होते हैं जिनमें एक वलय में एक दूसरे से जुड़े कार्बन परमाणु होते हैं।
चक्रीय (बंद श्रृंखला) वाले यौगिकों को दो भागों में बांटा गया है:
- समचक्रीय यौगिक
- विषमचक्रीय यौगिक
समचक्रीय वलय
समचक्रीय वलय में वलय सिर्फ कार्बन परमाणुओं के जुड़ने से बनता है। समचक्रीय यौगिकों को दो भागों में बांटा गया है:
- एलिसाइक्लिक
- एरोमेटिक
उदाहरण
साइक्लो प्रोपेन, बेंज़ीन, साइक्लो ब्यूटेन आदि।
विषमचक्रीय वलय
विषमचक्रीय वलय में वलय कार्बन परमाणुओं के अतिरिक्त अन्य परमाणुओं के जुड़ने से बनता है। कभी-कभी अन्य तत्व, जैसे फॉस्फोरस, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन भी कार्बन से बंध बनाते हैं। कुछ ऐसे कार्बन यौगिक हैं जिनमे कार्बन और हयड्रोजन की उपस्थित होने के बाद भी कार्बनिक अणु नहीं माना जाता है। इनमें कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, साइनाइड्स और अन्य कार्बन युक्त आयन यौगिक शामिल हैं।
उदाहरण
फ्यूरेन, थायोफीन, पिरिडीन आदि।
एरोमैटिक यौगिक
एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन गोलाकार रूप से संरचित कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनमें अनुनादी पाई इलेक्ट्रॉनों के साथ सिग्मा बंध होते हैं। इन्हें एरेन्स या एरिल हाइड्रोकार्बन भी कहा जाता है। " असंतृप्त हाइड्रोकार्बन होते हैं जिनमें एक या अधिक तलीय छह-कार्बन वलय होते हैं जिन्हें बेंजीन वलय कहा जाता है, जिनसे हाइड्रोजन परमाणु जुड़े होते हैं"। एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन को एरीन भी कहा जाता है। क्योकी इनमे एक विशिष्ट प्रकार की गंध होती है। एरोमेटिक शब्द ग्रीक शब्द एरोमा से आया है जिसका अर्थ है 'सुगंध' इस प्रकार के यौगिकों को एरोमैटिक यौगिक भी कहते हैं। इनमे बेंज़ीन वलय भी पाई जाती है। इस बेंज़ीन वलय में एकांतर क्रम में द्विबंध पाए जाते हैं। जिन एरोमेटिक यौगिकों में बेंज़ीन वलय पाई जाती है इन्हे बेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। जिनमे बेंज़ीन वलय नहीं पाई जाती उन्हें अबेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। एरोमैटिक यौगिक होने के लिए यौगिक प्लेनर होना चाहिए मतलब इसका संकरण sp2 होना चाहिए।
किसी अणु के एरोमैटिक होने के लिए आवश्यक शर्तें निम्न- लिखित हैं:
- अणु में तल के ऊपर और नीचे विस्थानीकृत पाई इलेक्ट्रॉनों का एक क्लाउड होना चाहिए।
- अणु समतलीय होना चाहिए।
- पाई इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण विस्थानीकरण के लिए समतल वलय होनी चाहिए जिससे p कक्षकों का चक्रीय अतिव्यापन हो सके।
- इसे हकल के नियम का पालन करना चाहिए अर्थात इसमें (4n+2) इलेक्ट्रॉन होने चाहिए, जहां है।
जैसे कि यदि n = 1 हो तो हकल के नियम के अनुसार,
= (4n+2)
= (4 1 + 2)
= 6 e
उदाहरण- बेंज़ीन में कुल 6 इलेक्ट्रॉन हैं।
यदि n = 2 हो तो हकल के नियम के अनुसार,
= (4n+2)
= (4 2 + 2)
= 10 e
उदाहरण- नेफ़थलीन में कुल 10 इलेक्ट्रॉन हैं।
यदि n = 3 हो तो हकल के नियम के अनुसार,
= (4n+2)
= (4 3 + 2)
= 14 e
उदाहरण- एन्थ्रासीन में कुल 14 इलेक्ट्रॉन हैं।
ऐरोमैटीकरण
ऐरोमैटीकरण या पुर्नसंभवन भी कहते हैं। वे एल्केन जिनमे छः या छ: से अधिक कार्बन परमाणु उपस्थित होते हैं उनको उच्च ताप और वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर एल्केन विहाइड्रोजनीकृत होकर बेंज़ीन या उसके सजातीय व्युत्पन्न में चक्रीकृत हो जाता है। इस अभिक्रिया को ऐरोमैटीकरण कहते हैं।
छ: या छ: से अधिक कार्बन परमाणु वाले एल्केन की वैनेडियम, मॉलीबेडनम तथा क्रोमियम के ऑक्साइड की उपस्थित में 773K तथा 10-20 वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर बेंज़ीन प्राप्त होता है।
अभ्यास प्रश्न
- कार्बनिक यौगिकों को वर्गीकरण कीजिये।
- एलिसाइक्लिक एवं एरोमेटिक यौगिकों में क्या अंतर है ?
- एसाइक्लिक या खुली श्रृंखला वाले यौगिक क्या है ? उदाहरण द्वारा समझाइये।
- कार्बनिक यौगिक से आप क्या समझते हैं ?