फाइलम सीलेन्ट्रेटा

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जब आप अपने चारों ओर देखेंगे तो आपको अलग-अलग जानवरों के अलग-अलग संरचनाएं और रूप दिखाई देंगे। हर जानवर कई रूपों में दूसरे से भिन्न होता है। एक भी पशु प्रजाति अन्य प्रजातियों के समान नहीं है। जंतु जगत में कई फाइलम हैं जिन्हें कुछ अंतरों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। इस अध्याय में हम फाइलम सीलेन्ट्रेटा के विषय में चर्चा करेंगे।

परिचय

फाइलम सीलेन्ट्रेटा, जलीय या समुद्री जीवों का एक समूह है जो प्राणिजगत के सदस्य है। ये सामान्यतः समुद्र के तल पर चट्टानों से जुड़े हुए पाए जाते हैं। ये अकशेरुकी जंतुओं का बहुकोशिकीय और सरलतम समूह हैं, जो कॉलोनी में या अकेले पाए जाते हैं। सीलेन्ट्रेटा नाम प्राचीन ग्रीक शब्द (koilos) 'खोखला' और (enteron) 'आंत' से आया है, जो इन फ़ाइला के जीवों में सामान्य रूप से उपस्थित खोखले शरीर गुहा को संदर्भित करता है।

इन फ़ाइला के जीवों के पास बहुत ही सरल ऊतक संगठन है, जिसमें कोशिकाओं की केवल दो परतें (एक्टोडर्म और एंडोडर्म) होती है। इन फ़ाइला के जीवों में रेडियल समरूपता पायी जाती है I कुछ उदाहरण कोरल हैं, जो सामान्यतः कॉलोनी में होते हैं, और हाइड्रा, जेलिफ़िश और समुद्री एनीमोन, जो अकेले पाए जाते हैं।

वर्गीकरण

आइये इस फाईसेलिया फाईसेलिस के उदाहरण से समझते है-

  • जगत- जन्तु (एनिमेलिया)
  • उपजगत- मेटाज़ोआ
  • संघ- सीलेन्ट्रेटा
  • जाति- फाईसेलिया
  • प्रजाति- फाईसेलिस

विशेषताएँ

नीडोसाइट
  • ये जीव जलीय, अधिकतर समुद्री, अवृन्त या मुक्त-तैरने वाले होते हैं I
  • जीवों में रेडियल समरूपता पायी जाती है I
  • ये जीव ऊतक स्तर को प्रदर्शित करते हैं और डिप्लोब्लास्टिक (जिन जंतुओं में कोशिकाएँ दो भ्रूण परतों, बाहरी एक्टोडर्म और आंतरिक एंडोडर्म में व्यवस्थित होती हैं) होते हैं।
  • जीवों में एक केंद्रीय जठरवाही गुहा (गुहा जो पाचन और संचार कार्य करती है) पायी जाती है। इस गुहा में एक ही छिद्र होता है जिसे हाइपोस्टोम कहते हैं। यह मुख की भाँति कार्य करता है।
  • पाचन बाह्यकोशिकीय और अंतःकोशिकीय होता है।
  • तंत्रिका तंत्र और संचार प्रणाली अनुपस्थित है।
  • वे सरल विसरण के माध्यम से उत्सर्जन और श्वसन करते हैं।
  • अलैंगिक जनन, नवोदित के माध्यम से होती है।
  • लैंगिक जनन केवल कुछ सीलेन्ट्रेटा में ही देखा जाता है।

नीडोसाइट

सीलेन्ट्रेटा को निडारिया के रूप में भी जाना जाता है I निडारिया नाम की उत्पत्ति नीडोब्लासट या नीडोसाइट (जिनमें नेमाटोसाइट्स या चुभने वाले कैप्सूल होते हैं ) से हुई है I ये टेंटेकल्स और शरीर पर उपस्थित होते हैं। निडोब्लास्ट का उपयोग जीव अपने शरीर को एक जगह स्थिर रखने के लिए, रक्षा और शिकार को पकड़ने के लिए किया जाता है।

मेटाजेनेसिस

निडारियन, शरीर के दो मूल रूप का प्रदर्शन करते हैं जिन्हें पॉलीप और मेडुसा कहा जाता है। पॉलीप, हाइड्रा और एडम्सिया की तरह एक अवृन्त और बेलनाकार रूप है, जबकि मेडुसा ऑरेलिया या जेलिफ़िश की तरह मुक्त-तैरने वाला और छतरी के आकार का होता है। वे निडारियन, जो दोनों रूपों में विद्यमान होते हैं, पीढ़ी प्रत्यावर्तन (मेटाजेनेसिस) प्रदर्शित करते हैं, यानी, पॉलीप्स अलैंगिक रूप से मेडुसे का उत्पादन करते हैं और मेडुसे लैंगिक रूप से पॉलीप्स बनाते हैं। उदाहरण के लिए- ओबेलिया

उदाहरण

  • फाईसेलिया (पुर्तगीज मैन ऑफ़ वार)
  • एडम्सिया (समुद्री एनीमोन)
  • पेनाटुला (समुद्री कलम)
  • गोर्गोनिया (समुद्री पंखा)
  • मेनड्रिना (मस्तिष्क मूंगा)