विद्युत चुंबकीय विकिरण की तरंग प्रकृति
विद्युत चुम्बकीय तरंगें
वह तरंग जो विद्युत क्षेत्र और चुंबकीय क्षेत्र के बीच कंपन के कारण उत्पन्न होती है विद्युत चुम्बकीय तरंगें कहलाती हैं और इसे चलने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है, ये निर्वात में भी चल सकती हैं। जब भी किसी आवेश को विद्युत या चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो अनुभव होता हैं जैसे कि उस पर एक निश्चित बल कार्य कर रहा है या यदि कई आवेश होते हैं तो वे आवेश एक दूसरे के कारण परस्पर क्रिया का अनुभव करते हैं।
सर्वप्रथम वर्ष 1870 में, जेम्स मैक्सवेल ने विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति में आवेशों के बीच परस्पर क्रिया की व्याख्या की उन्होंने प्रस्तावित किया कि जब विद्युत आवेशित कण त्वरित गति करते हैं, तो प्रत्यावर्ती क्रम में विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न और प्रसारित होते हैं। ये क्षेत्र तरंगों के रूप में गुजरते हैं जिन्हें विद्युत चुम्बकीय विकिरण के रूप में जाना जाता है।
उदाहरण
प्रकाश तरंग विद्युत चुम्बकीय विकिरण का एक उदाहरण है।
विद्युत चुम्बकीय विकिरण के गुण
- विद्युतचुम्बकीय तरंगों को किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती वे निर्वात में भी गति कर सकती हैं।
- यह विद्युत क्षेत्र और चुंबकीय क्षेत्र के बीच कंपन के कारण उत्पन्न होती है।
- विद्युत चुम्बकीय विकिरण को आवृत्ति, तरंग दैर्ध्य, अवधि आदि गुणों के आधार पर उसकी विशेषता बतलाई जाती है।
- विद्युत चुम्बकीय विकिरण समग्र रूप से विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का निर्माण करता है।
- जब विद्युत आवेशित कण त्वरित गति करते हैं, तो प्रत्यावर्ती क्रम में विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न और प्रसारित होते हैं। ये क्षेत्र तरंगों के रूप में गुजरते हैं जिन्हें विद्युत चुम्बकीय विकिरण के रूप में जाना जाता है।
विद्युत चुम्बकीय विकिरण का सूत्र
निर्वात में सभी प्रकार के विधुत चुंबकीय विकिरण, चाहें उनकी तरंगदैर्ध्य कुछ भी हो, एक समान गति करते हैं इस एक समान गति को प्रकाश की गति भी कहते हैं।
प्रकाश की गति को "c" से प्रदर्शित करते हैं। जिसका मान 3.0 108 ms-1 होता है।
जहाँ
= आवृत्ति
= रंगदैर्ध्य
c = प्रकाश की गति
अभ्यास प्रश्न
- विद्युत चुम्बकीय तरंगें क्या हैं उनके गुणों पर प्रकाश डालिये ?
- विद्युत चुम्बकीय तरंगें किस प्रकार उत्पन्न होती है?
- विद्युत चुम्बकीय विकिरण की तरंग प्रकृति क्या है?
- विद्युत चुम्बकीय विकिरण का सूत्र बताइये।