वैधुत संयोजक यौगिक

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दो असमान परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से जो बंध बनते हैं वे वैधुत संयोजक बंध कहलाते हैं। इसमें एक परमाणु इलेक्ट्रान देता है वह इलेक्ट्रॉन दाता कहलाता है और जो इलेक्ट्रान ग्रहण करता है उसे इलेक्ट्रान ग्राही कहते हैं। वैधुत संयोजक यौगिक वे परमाणु बनाते हैं जिनमे अष्टक नियम लागू नहीं होता यह स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिए या अष्टक नियम पूर्ण करने के लिए इलेक्ट्रान का आदान प्रदान करते हैं और आयनिक यौगिक का निर्माण करते हैं। वे यौगिक जो वैधुत संयोजक बंध बनाते हैं आयनिक यौगिक कहलाते हैं, इन्हे ध्रुवीय यौगिक भी कहते हैं। ये उत्कृष्ट गैस विन्यास प्राप्त करने क लिए इलेक्ट्रॉन को दान करते हैं और इलेक्ट्रॉन को स्वीकार करते हैं।

उदाहरण

11Na = 1s2 2s2 2p6 3s1 

सोडियम परमाणु में 3s1 की उपस्थित के कारण यह स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त नहीं कर पा रहा अतः अगर यह अपना एक इलेक्ट्रान निकाल देता है, तो 2s2 2p6 (अष्टक नियम पूर्ण) की उपस्थित के कारण स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर लेगा।

17Cl = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p5

ठीक ऐसे ही Cl परमाणु में 3s2 3p5 की उपस्थित के कारण स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त नहीं कर पा रहा अतः अगर यह एक इलेक्ट्रान ग्रहण कर लेता है तो ये अष्टक नियम पूर्ण करने के कारण स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर लेगा।

अतः Cl परमाणु एक इलेक्ट्रान Na परमाणु से ग्रहण कर लेगा और सोडियम परमाणु एक इलेक्ट्रान देने के कारण दाता परमाणु कहलायेगा और Cl एक इलेक्ट्रान स्वीकार करने के कारण ग्राही कहलायेगा। जो परमाणु इलेक्ट्रान देता है उसपर धन आवेश आता है और जो इलेक्ट्रान ग्रहण करता है उसपर ऋण आवेश आता है, अतः सोडियम परमाणु के एक इलेक्ट्रान देने के कारण उसपर एक धनावेश और क्लोरीन पर एक इलेक्ट्रान ग्रहण करने के कारण एक ऋण आवेश आता है।


वैधुत संयोजक यौगिकों की विषेशताएँ

  • एक धातु और एक अधातु के बीच बनने वाले बंध को एक आयनिक बंधन या वैधुत संयोजक बंध कहते है।
  • विद्युत संयोजी यौगिक वे यौगिक होते हैं जो इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण स्थानांतरण से बनते हैं।
  • विद्युत संयोजी यौगिक अध्रुवीय विलायकों में अविलेय तथा ध्रुवीय विलायकों में विलेय होते हैं।
  • जब एक धातु परमाणु एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों को अधातु परमाणु में स्थानांतरित करता है, तब आयनिक यौगिक का निर्माण होता है।
  • आयनों की उपस्थिति के कारण विद्युत संयोजी यौगिक अपने जलीय विलयनों में विद्युत के सुचालक होते हैं।
  • ये उत्कृष्ट गैस विन्यास प्राप्त करने क लिए इलेक्ट्रॉन को दान करते हैं  और  इलेक्ट्रॉन को स्वीकार करनते हैं।

वैधुत संयोजक यौगिकों के लक्षण

  • गलित अवस्था में यह विद्युत के सुचालक होते हैं।
  • यह यौगिक जल तथा ध्रुवीय विलायकों में विलेय होते हैं।
  • विद्युत संयोजी या आयनिक यौगिक विद्युत आवेशित परमाणु द्वारा बने होते हैं।
  • विद्युत संयोजी या आयनिक यौगिकों के मध्य प्रबल आकर्षण बल होता है जिस कारण इनके गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं।

अभ्यास प्रश्न

  • वैधुत संयोजक यौगिक विद्युत के सुचालक होते हैं। इस कथन की पुष्टि कीजिये।
  • वैधुत संयोजक यौगिकों के गलनांक और क्वथनांक उच्च क्यों होते हैं?
  • वैधुत संयोजक एक आयनिक यौगिक है क्यों ?
  • MgCl2 एक वैधुत संयोजक यौगिक है क्यों ?